मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

02 दिसंबर 2011

बीपीएससी पीटी परीक्षाफल पर फैसला सुरक्षित

बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा ली गयी 53वीं से 55वीं पीटी परीक्षा के नतीजे को रद करने की मांग के मामले में गुरुवार को हाइकोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया। कोर्ट ने आयोग से इस समस्या का समाधान पूछा था। अगर आयोग का सुझाव मान लिया गया तो संभव है इस पांच हजार और परीक्षार्थी सफल मान लिये जायें। दरअसल, आयोग कट आफ मा‌र्क्स घटाने पर तैयार हो गया है। वह 141 अंकों पर पुनर्मूल्यांकन करने को तैयार है। ऐसा होने पर 915 सफल परीक्षार्थी तो रह ही जायेंगे, इनकी संख्या में और पांच हजार का इजाफा होगा। ध्यान रहे कि 150 अंकों की परीक्षा में 8 प्रश्न गलत थे। 142 अंकों पर मूल्यांकन हुआ था। कोर्ट ने आयोग से दोबारा परीक्षा लेने जैसी बात कही थी। फिर मूल्यांकन के मसले पर कमेटी बनी। बहरहाल, आज न्यायाधीश अजय कुमार त्रिपाठी की बेंच ने सुनवाई करते हुये कहा कि दोनों पक्षों की बहस को ध्यान में रख कर आदेश पारित किया जाएगा। याचिकाकर्ता मनोज कुमार की ओर से बहस करते हुये अधिवक्ता मनन कुमार मिश्रा ने दलील दी कि आयोग ने 53वीं से 55वीं पीटी परीक्षा एक साथ करा ली, लेकिन रिजल्ट देने में भारी अनियमितता बरती गयी। इससे हजारों परीक्षार्थियों का भविष्य ही चौपट हो गया। यह किसी भी छात्र की जिन्दगी से खिलवाड़ है। उक्त परीक्षा में अनेक ऐसे प्रश्न पूछे गये थे जिनके उत्तर च्वाइस में नहीं दिये गए थे। 9 ऐसे प्रश्न थे जिनके उत्तर नहीं थे। श्री मिश्रा ने अदालत को बताया कि कुछ परीक्षार्थियों को यदि आयोग पुन: मौका देती है और अन्य को नहीं तो इनके भविष्य का क्या होगा? श्री मिश्रा ने कहा कि हजारों परीक्षार्थियों का भविष्य बचाने का एक ही उपाय है कि परीक्षाफल को रद कर पुन: परीक्षा लेने का आदेश दिया जाय। इस पर आयोग के अधिवक्ता ललित किशोर ने अदालत को बताया कि आयोग यह भूल अपने स्तर से सुधार लेगा। श्री किशोर ने परीक्षा को रद नहीं करने का अनुरोध किया। विदित हो उक्त परीक्षा के लिये 13 जनवरी 2011 को विज्ञापन निकला था। परीक्षाफल में 14 हजार परीक्षार्थियों को सफल घोषित किया गया था। परीक्षाफल को रद करने की मांग को ले दायर याचिका में 54 परीक्षार्थी शामिल हैं(दैनिक जागरण,पटना,2.12.11)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।