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16 दिसंबर 2011

उप्र की प्रेस से लीक हुआ छत्तीसगढ़ सीजीपीएमटी का पर्चा, आरोपी पटना से गिरफ्तार

पिछले साल छत्तीसगढ़ पीएमटी का पर्चा लीक करने वाले गिरोह के प्रमुख सदस्य शैलेंद्र उर्फ डब्बू उर्फ संजय पांडे को पुलिस ने गुरुवार को पटना में गिरफ्तार कर लिया। क्राइम ब्रांच की पूछताछ में साफ हो गया है कि पीएमटी का पर्चा उत्तरप्रदेश की प्रिंटिंग प्रेस से ही गिरोह ने हासिल किया। शैलेंद्र ने सीजीपीएमटी समेत कम से कम छह परीक्षाओं के पर्च लीक कर बेचने की बात कबूल की है। ये सारे पर्चे उप्र की प्रेस में ही छापे गए थे। गिरोह देशभर में पीएमटी समेत अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के पर्चे लीक करने का काम करता है। पर्चे 15 से 20 लाख रुपए में बेचे जाते हैं। शैलेंद्र ने देश के अलग-अलग राज्यों में गिरोह की वारदातों का खुलासा पुलिस टीम से किया।

शैलेंद्र ने पिछले साल सीजी पीएमटी का पर्चा लीक करने में अहम भूमिका निभायी थी। वह पीएमटी पर्चा लीक कांड में शामिल गिरोह के सरगना संतोष सिंह का दायां हाथ माना जाता है। पर्चा खरीदने और बेचने की प्लानिंग में भी उसकी अहम भूमिका रही है। शैलेंद्र ने संतोष सिंह के साथ मिलकर देशभर में आधा दर्जन से ज्यादा प्रतियोगी परीक्षाओं के पर्चे लीक किए हैं। उनका गिरोह बेहद पेशेवर तरीके से काम करता है। पर्चा लीक करने के बाद उसे उम्मीदवारों को बेचने और पूरा काम तगड़ी प्लानिंग के साथ किया जाता है। उनकी ऊंची पहुंच के कारण ही अब तक वे बचे रहे। क्राइम ब्रांच के एडिशनल एसपी अजातशत्रु बहादुर सिंह को उसके बारे में जासूसों के जरिये सुराग मिला था। तीन महीने की कड़ी मशक्कत के बाद बिहार में उसके ठिकाने का पता चला।


एडिशनल एसपी ने सब इंस्पेक्टर कलीम खान के साथ प्रधान आरक्षक जयनारायण, अश्वनी कुर्रे, सुधीर, अमित और रवि पांडे को पटना रवाना किया। 15 दिनों तक टीम वहां डटी रही। दो दिन पहले शैलेंद्र घिर गया। उसे पकड़कर पटना न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय से ट्रांजिट रिमांड पर उसे यहां लाया गया है। वह पटना में हॉस्टल बना रहा था। ऐसी आशंका है कि पीएमटी के पर्चे बेचकर उसने लाखों कमाए हैं। यही पैसा वह हॉस्टल बनाने में खर्च कर रहा था। शैलेंद्र से पूछताछ में पुलिस के सामने कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। 

इन परीक्षाओं का पर्चा बेचा
-2008 में जयपुर में स्टेशन मास्टर पोस्ट के लिए आयोजित परीक्षा का पर्चा बेचा।
-2009 में हरियाणा रोहतक में स्नातकोत्तर परीक्षा के पर्चे बेचे।
-2010 में कोलकाता में रेलवे डी कोटे की परीक्षा का पर्चा बेचकर लाखों कमाए।
-2011 में सीजी पीएमटी परीक्षा का पर्चा बेचा।

क्या है पूरा मामला
व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) द्वारा आयोजित पीएमटी परीक्षा के पर्चे संतोष सिंह ने हासिल किए। पर्चो को शैलेंद्र व गिरोह के अन्य सदस्यों के माध्यम से राज्यभर में बेचा गया। बिलासपुर के तखतपुर इलाके के एक सामुदायिक भवन में विद्यार्थियों को बुलाकर वहीं उन्हें सौंपे गए। पर्चो को बेचने के पैसे भी वहीं लिए गए और सामुदायिक हॉल में ही पीएमटी के लीक किए गए पर्चो को हल करवाया जा रहा था।

डीबी स्टार की टीम की इसकी खबर मिली। उसने पुलिस के साथ मिलकर तखतपुर में छापा मारकर पूरी योजना पर पानी फेर दिया। हालांकि छापेमारी के दौरान गिरोह का मास्टर माइंड पुलिस के हाथ नहीं आया। उसके करीबी साथी शैलेंद्र, मनीष सिंह, रजनीश और रणधीर चौधरी भी घटनास्थल से फरार हो गए। पुलिस ने मौके से पर्चा हल कर रहे विद्यार्थियों के अलावा अखिलेश पांडे को पकड़ा था। उसी रात रायपुर में सत्यनारायण साहू व राजेश सचान धर लिए गए।

ऐसे फंसाते थे जाल में
पर्चा लीक करने के बाद संतोष और उसका गिरोह सीधा सौदा नहीं करता था। एजेंटों के माध्यम से ग्राहक फंसाए जाते थे। उसके बाद उन्हें किसी भी एक छोटी जगह में हल करने के लिए बुलाया जाता था। उन्होंने एक पर्चा किसी को बेचकर डीलिंग नहीं की।

यूपी की प्रिंटिंग प्रेस शक के दायरे में
संतोष सिंह और उसके गिरोह ने अभी तक जितनी भी परीक्षाओं के पर्चे लीक किए हैं, वे सभी पर्चे यूपी की प्रिंटिंग प्रेस में छपे हैं। पीएमटी का पर्चा भी यूपी की प्रिंटिंग प्रेस में छपा था। इस तथ्य के सामने आने के बाद यूपी की प्रिंटिंग प्रेस पुलिस के निशाने पर है। पुलिस अधिकारियों को जांच में कुछ चौंकाने वाली हकीकत पता चली है। पर्चा लीक कांड में यूपी के कुछ बड़े लोगों के नाम सामने आ सकते हैं।

अब तक ये हुआ
डीबी स्टार की मदद से राजधानी की पुलिस ने बिलासपुर के तखतपुर इलाके में छापे मारकर पीएमटी के पर्चे लीक करने वाले गिरोह को पकड़ा था। छापेमारी के बाद पीएमटी के पर्चे को रद्द कर दिया गया। जांच में साफ हो गया था कि इसके पीछे बड़ा गिरोह है। गिरोह के कुछ लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पटना से पकड़ा गया शैलेंद्र उर्फ डब्बू उर्फ संजय पांडे गिरोह की प्रमुख कड़ी है। 

क्या पता लगाना चाहती है पुलिस
* सीजीपीएमटी 2011 के पर्चे कहां से और कैसे लीक किए गए ? 
* इसमें गिरोह का साथ किसने दिया, व्यापमं या राज्य का कोई दूसरा व्यक्ति तो इसमें शामिल नहीं था। 
* गिरोह को यह कैसे पता चला कि सीजीपीएमटी का पर्चा कब और कहां पर छपने गया? 
* गिरोह ने क्या इससे पहले भी पीएमटी के पर्चे लीक करवाए थे? 
* पीएमटी प्रवेश घोटाले में शामिल लोगों से तो इस गिरोह के संबंध नहीं हैं। 
* सीजीपीएमटी 2012 के लिए भी क्या गिरोह ने कुछ तैयारी कर रखी है?(दैनिक भास्कर,रायपुर,16.12.11)

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