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12 दिसंबर 2011

गढ़वाल विश्वविद्यालयःपरीक्षार्थियों को दो घंटे में हल करने होंगे पेपर

गढ़वाल विविद्यालय से सम्बद्ध कालेजों में पहली मर्तबा पीजी प्रथम वर्ष के छात्र-छात्राओं को दो घंटे में प्रश्नपत्र हल करना होगा। विवि के निर्देश पर डीएवी समेत राजधानी के अन्य कालेजों में 12 दिसम्बर से होनी वाली सेमेस्टर परीक्षा की तैयारी पूरी कर ली गई है। विवि में पहली मर्तबा सेमेस्टर सिस्टम लागू होने के कारण प्रश्नपत्र के संभावित स्वरूप पर भी छात्र-छात्राओं की नजरें टिकी हैं। गढ़वाल विविद्यालय द्वारा पीजी प्रथम वर्ष में सेमेस्टर सिस्टम लागू करने के बाद पहली मर्तबा नये स्वरूप में परीक्षा होगी। इसके तहत पिछले सालों की तरह छात्र-छात्राओं को प्रश्न पत्र हल करने के लिए तीन घंटे का समय नहीं मिलेगा। उन्हें सिर्फ दो घंटे में प्रश्नपत्र हल करना होगा। इसके साथ ही सबसे बड़ा बदलाव प्रश्न पत्र के पूर्णाक में रहेगा। प्रत्येक पेपर के पूर्णाक में 40 प्रतिशत की कटौती की गई है, क्योंकि सेमेस्टर सिस्टम के तहत 60 प्रतिशत अंक लिखित परीक्षा के आधार पर तथा 40 प्रतिशत अंक इंटरनल एग्जाम के आधार पर मिलेंगे। इसके चलते एक पेपर 100 अंकों की जगह अब 60 अंक का ही रहेगा। इस कारण अब प्रश्नपत्र का स्वरूप कैसा होगा, इस बात को लेकर परीक्षार्थी खासे चिंतित हैं। छात्रों का कहना था कि दो घंटे के पेपर में कितने प्रश्न पूछे जाएंगे, इसकी स्पष्ट जानकारी अब तक नहीं मिली है। इसके अलावा विद्यार्थियों की परीक्षा भी एक ही पाली में यानी सुबह 11 बजे से दोपहर एक बजे तक होगी। विवि द्वारा निर्धारित कार्यक्रमानुसर साइंस व वाणिज्य वर्ग की एक परीक्षा पहले दिन, जबकि कला वर्ग की परीक्षा अगले दिन होगी। डीएवी (पीजी) कालेज के प्राचार्य डा. देवेन्द्र भसीन ने कहा कि परीक्षा को लेकर सभी तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं। पीजी प्रथम वर्ष के सभी छात्र-छात्राओं को प्रवेशपत्र उपलब्ध कराया जा चुका है। उन्होंने कहा कि इस सत्र में डीएवी में परीक्षार्थियों की संख्या करीब 2500 रहेगी। इसलिए परीक्षा के दौरान कोई खास दिक्कत नहीं होगी, परंतु इसके बावजूद परीक्षा की हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखी जाएगी। बहरहाल, सेमेस्टर सिस्टम लागू होने के बाद अब डीएवी को परीक्षाओं के दौरान छात्रों को बिठाने के लिए दूसरे कालेजों की ओर नहीं ताकना पड़ेगा। सभी विद्यार्थियों के परीक्षा देने की व्यवस्था कालेज में ही हो जाएगी। पिछले सालों तक मुख्य परीक्षाएं एक साथ होने के कारण डीएवी प्रशासन को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। यहां तक कि अन्य कालेजों में भी केंद्र बनाने पड़ते थे(राष्ट्रीय सहारा,देहरादून,12.12.11)।

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