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07 दिसंबर 2011

देशभर के मेडिकल कॉलेजों की प्रवेश प्रक्रिया में समरूपता संभव नहीं

सरकार ने राष्ट्रीय मेडिकल सीईटी (एनईईटी) के खिलाफ बांबे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस एनईईटी के जरिए देशभर के मेडिकल कॉलेजों की प्रवेश प्रक्रिया में समरूपता नहीं लाई जा सकती है।

क्योंकि हर राज्य का न सिर्फ कक्षा 12 का पाठ्यक्रम अलग है बल्कि अध्यापन का माध्यम भी भिन्न है। याचिका में तर्क दिए गए हैं कि मद्रास, कोलकाता व आंध्रप्रदेश हाईकोर्ट ने पहले ही राष्ट्रीय मेडिकल एनईईटी पर रोक लगा दी है। ऐसे में एनईईटी के जरिए समानता के उद्देश्य को पूरा नहीं किया जा सकता है।

याचिका के मुताबिक राष्ट्रीय सीईटी का पाठ्यक्रम सीबीएसई बोर्ड के पाठ्यक्रम पर आधारित है। मौजूदा समय में राज्य में 20 प्रतिशत विद्यार्थी केंद्रीय बोर्ड के हैं। लिहाजा एनईईटी को मंजूरी प्रदान की जाती है तो इसका सीधा लाभ सीबीएसई बोर्ड के विद्यार्थियों को होगा और एमबीबीएस की ज्यादा सीटों पर उनका कब्जा होगा। इससे राज्य के विद्यार्थियों के साथ अन्याय होगा। एनईईटी में कई खामियां हैं। जो सामनता के अधिकार का उल्लघंन करती हैं। इसमें सुधार लाने की जरूरत है। इसके अलावा राज्य सरकार की ओर से आयोजित की जानेवाली सीईटी में उर्दू व हिंदी में भी प्रश्नपत्र निकाले जाते हैं।

राष्ट्रीय एनईईटी में ऐसा कोई भी प्रवाधान नहीं किया गया है। मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया (एमसीआई) ने जब एनईईटी के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की थी तब भी राज्य सरकार ने राष्ट्रीय मेडिकल सीईटी का विरोध किया था, जिसे नजर अंदाज किया गया था।


एमसीआई ने देशभर के मेडिकल कालेजों में प्रवेश के लिए एनईईटी लागू करने का फैसला किया था। ताकि सभी विद्यार्थियों को समान अवसर मिल सके। पर राज्य सरकार एमसीआई से सहमत नहीं है। राज्य मेडिकल शिक्षा महानिदेशालय के सहनिदेशक प्रवीण शिनगारे का कहना है कि एनईईटी राज्य के तीन लाख विद्यार्थियों के साथ अन्याय है। पूरे साल विद्यार्थियों ने यहां के पाठ्यक्रम के हिसाब से पढ़ाई की है। 

अचानक विद्यार्थियों को एनईईटी का पाठ्यक्रम पढ़ने के लिए मजबूर करना सरासर अन्याय है। उन्होंने बताया कि एनईईटी सिर्फ स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिया जा रहा है। स्नातकोत्तर स्तर पर इसे लागू नहीं किया जा रहा है, जिसके लिए हम तैयार हैं। 

यह पहला मौका नहीं है जब राज्य सरकार ने एनईईटी के खिलाफ अपना विरोध जताया है। इससे पहले सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एनईईटी के खिलाफ याचिका दायर की थी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने सरकार को बांबे हाईकोर्ट में याचिका दायर करने का सुझाव दिया था। कोर्ट के सुझाव पर सरकार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। जिस पर अगले बुधवार को न्यायमूर्ति शरद बोबडे व वीके ताहिलरमानी की खंडपीठ के सामने सुनवाई होगी(दैनिक भास्कर,मुंबई,7.12.11)।

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