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16 दिसंबर 2011

एसेसरीज डिजाइनिंगः चलें समय के साथ

बदलती लाइफस्टाइल में फैशन सिर्फ पोशाकों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि एसेसरीज का भी उसमें समावेश है। आज एसेसरीज के बगैर न सिर्फ फैशन अधूरा है, बल्कि स्टाइलिश लाइफस्टाइल के लिए भी इनकी जरूरत है। इसके अंतर्गत तमाम चीजें आती हैं, जैसे हैंडबैग, बेल्ट, क्लिप, ज्वेलरी, ग्लास प्रोडक्ट, घड़ियां, गिफ्ट आइटम, टेबलवेयर, वॉल हैंगिंग आदि।

कोर्स कैसे-कैसे

एसेसरीज डिजाइनिंग में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन आदि कई तरह के कोर्स उपलब्ध हैं। 12वीं उत्तीर्ण अभ्यर्थी इससे संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश ले सकते हैं। सभी पाठ्यक्रमों की रूपरेखा इस तरह बनाई जाती है, ताकि इस फील्ड की तमाम बारीकियां, जैसे निर्माण, ट्रेंड, मार्केटिंग आदि समझ में आ जाएं।

अवसर कहां-कहां


ट्रेंड प्रोफेशनल्स को विभिन्न एसेसरीज निर्माता कंपनियों में काम मिल सकता है। इस फील्ड में जॉब के साथ-साथ फ्रीलांसर के रूप में काम करने के भी मौके मिलते हैं। बड़े ब्रांड के अलावा उन कंपनियों में भी अवसर मिलते हैं, जो बड़े-बड़े फैशन हाउसेज अथवा रिटेल ऑउटलेट्स के लिए एसेसरीज बनाती हैं। अनुभव होने के बाद अपना लघु उद्योग शुरू किया जा सकता है या अपना शोरूम खोला जा सकता है।

मुख्य संस्थान

- निफ्ट, नई दिल्ली व अन्य शहरों में केंद्र

- आर्क एकेडमी ऑफ डिजाइन, जयपुर

- इंडियन डायमंड इंस्टीट्यूट, सूरत

- डीआईए, नोएडा

- जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, मुंबई(दैनिक भास्कर,5.12.11)

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