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15 दिसंबर 2011

मध्यप्रदेशः यूनिवर्सिटी केवल परीक्षा कराने के लिए नहीं

हमने सिर्फ परीक्षा कराने के लिए यूनिवर्सिटी नहीं खोली है। यदि सरकार चाहती है कि प्रदेश में प्राइवेट यूनिवर्सिटी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दें तो उसके लिए यह जरूरी होगा कि हमें नियमों में न उलझाया जाए। सरकार के कई विभाग हमें वैसे ही पचा नहीं पा रहे हैं। यह मुद्दा प्राइवेट यूनिवर्सिटी रेग्यूलेटरी कमीशन द्वारा आयोजित बैठक में प्राइवेट यूनिवर्सिटी के कुलपतियों ने उठाया।

राजधानी के एक्सीलेंस कॉलेज में बुधवार को प्रदेश की नौ प्राइवेट यूनिवर्सिटी की बैठक आयोजित की गई। इसमें संबंधित कुलपति, रजिस्ट्रार और वित्त अधिकारी सहित कमीशन के सदस्य मौजूद थे। बैठक का मकसद सत्र 2012-13 में इन यूनिवर्सिटी में एडमिशन की प्रक्रिया और फीस निर्धारित करना था। बैठक में यूनिवर्सिटी के प्रतिनिधियों ने खुलकर अपनी बात रखी।


सभी ने एकमत होकर कहा कि उन्हें ज्यादा नियमों में न उलझाते हुए आगे बढ़ने का मौका दिया जाए। प्राइवेट यूनिवर्सिटी को संचालित करना वैसे ही आसान नहीं, इसलिए उनके लिए आसान दिशा-निर्देश बनाए जाएं। आयोग, सरकार के सामने उनका मजबूती से पक्ष रखे, ताकि उनकी समस्याओं का हल आसानी से हो सके।
हमें नियमों में न उलझाए सरकार

यदि सरकार प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना चाहती है तो हमें नियमों में उलझाने के बजाय उसे हमारा साथ देना चाहिए। करोड़ों की लागत से प्राइवेट यूनिवर्सिटी सिर्फ परीक्षा कराने के लिए नहीं खोली है। सरकार को जबरन कोई नियम लागू नहीं करना चाहिए। यदि सरकार चाहती है कि हम ग्रामीण क्षेत्र में छात्रों को कम फीस में शिक्षा दें तो उसके लिए हमें सुविधाएं भी देनी होगी।

- डॉ. अनिल तिवारी, स्वामी विवेकानंद प्राइवेट यूनिवर्सिटी

हमने चार सौ करोड़ रुपए लगाकर यूनिवर्सिटी शुरू की है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम इसका पूरा पैसा छात्रों से वसूल लें। यदि हम यह पैसा छात्रों से वसूलने की कोशिश करेंगे तो छात्र एडमिशन ही नहीं लेंगे। हम चाहते हैं कि फीस ऐसी निर्धारित की जाए, जिसे छात्र वहन कर सकें। आयोग को हमारा पक्ष मजबूती से सरकार के सामने रखना होगा।

- आरके पांडे, आईटीएम, ग्वालियर

कमीशन प्राइवेट यूनिवर्सिटी संचालकों के साथ है। हम नहीं चाहते कि उन्हें ज्यादा नियमों में उलझाया जाए, वर्ना इनका हाल भी हमारे प्रदेश की सरकारी यूनिवर्सिटी जैसा हो जाएगा। एडमिशन प्रक्रिया और फीस मार्च के पहले तय कर ली जाएगी।

- डॉ. पीके शुक्ला, सदस्य, रेग्यूलेटरी कमीशन(दैनिक भास्कर,भोपाल,15.12.11)

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