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30 मई 2012

रांची विविःमैट्रिक पास ने जांची BA की कापियां

रांची विश्वविद्यालय की बीए पार्ट थ्री की उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन में बड़ी हेराफेरी का खुलासा हुआ है। नियमों को ताक पर रखकर कॉपी जांचने का जिम्मा जहां एक कंप्यूटर ऑपरेटर संतोष गुप्ता को दे दिया गया, वहीं परीक्षकों ने घर ले जाकर कॉपियों का मूल्यांकन किया। साथ ही हेड एग्जामिनर द्वारा जांची गईं कॉपियों को चुराकर उनमें फिर से मनमाने नंबर दिए गए। 

गोरखधंधे में शामिल फर्जी परीक्षक संतोष गुप्ता और सिल्ली कॉलेज के लेक्चरर योगेंद्र महतो को कांॅपी जांचने के काम से हटा दिया गया है। सूत्रों का कहना है कि दोनों ने सिर्फ वैसे ही छात्रों की कॉपियां चुराईं, जिन्हें पास कराने या अच्छे अंक देने का ठेका उन्हें मिला था। 

ऐसे हुआ मामले का खुलासा 
हेड एग्जामिनर ने खुद जांची गईं कॉपियों का मिलान किया तो उन्हें कुछ कॉपियां कम मिलीं। उन्होंने गायब कॉपियों की सूची सेंटर के को-ऑर्डिनेटर को सौंपी। जांच में पता चला कि हेड एग्जामिनर की कॉपियां दोनों परीक्षकों की कॉपियों के बंडल में हैं। जब कॉपियों की जांच हुई तो पाया गया कि पहले से दिए गए अंकों में हेरफेर किया गया है। मामले का खुलासा होने पर विवि के प्रो वीसी डॉ. वीपी शरण और परीक्षा नियंत्रक एके महतो ने केंद्राधीक्षक डॉ. मंजु सिन्हा से पूरे मामले की जानकारी ली। इसके बाद हेड एग्जामिनर ने भी कॉपियां चुराकर अंकों में हेरफेर किए जाने की पूरी जानकारी दी। 

कॉपियां चुराईं, नंबर बढ़ाए 
- संतोष और योगेंद्र ने हेड एग्जामिनर द्वारा जांची गईं कॉपियां चुराईं और घर ले गए। 
-पैरवी वाले स्टूडेंट्स को मनमाफिक अंक दिए। जितना माल-उतने अंक। 
-नियमानुसार परीक्षक को प्रतिदिन 30 जबकि हेड एग्जामिनर को 15 कॉपियां जांचनी होती हैं। 

मामले की होगी जांच 
"कॉपियों के साथ टेम्परिंग की गई है। 16 गायब कॉपियों को देखने से प्रथम दृष्टया घालमेल की बात सामने आई है। पूरे मामले की जांच के बाद ही खुलासा हो पाएगा कि कितनी कॉपियों में वास्तविक से अधिक अंक दिए गए हैं।" - डॉ. नवीन कुमार, हेड एग्जामिनर, कामर्स. 

मुझसे गलती हुई 
 "आरटीसी कॉलेज में लेक्चरर पद पर कार्यरत होने का लेटर दिखाने पर संतोष को परीक्षक बना दिया। मुझसे यह गलती हुई कि मैंने वेरिफिकेशन किए बिना ही उसे परीक्षक बना दिया। वर्ष 2010-11 में भी संतोष परीक्षक बन चुका है। मैं नहीं जानता था कि वह वास्तव में किसी कॉलेज में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर कार्यरत है"- डॉ तुलसी मोदी, विभागाध्यक्ष, पीजी कामर्स(राकेश,दैनिक भास्कर,रांची,30.5.12).

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