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27 मई 2012

सौन्दर्यबोध और कल्पनाशीलता हो तो इंटीरियर डिजाइनर बनिए

भव्य मकान निर्मित करना, उसे कलात्मक ढंग से सजाना, सुव्यवस्थित ढंग से वस्तुओं को रखना आज भी उपभोक्तावादी संस्कृति का तकाजा है। आजकल महानगरों में ही नहीं छोटे-छोटे शहरों और कस्बों तक में भवन निर्माण के उपरान्त उसकी आंतरिक साज-सज्जा के प्रति लोगों का रूझान बढ़ता जा रहा है। भवन निर्माण के उपरान्त उसकी आंतरिक साज-सज्जा के लिए विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है। इन विशेषज्ञों को इंटीरियर डेकोरेटर कहा जाता है। 
इंटीरियर डेकोरेशन व डिजाइनिंग के क्षेत्र में करिअर निर्माण के लिए आवश्यक है कि इस क्षेत्र में आपकी विशेष दिलचस्पी हो । आप में सौन्दर्यबोध, कल्पनाशीलता, रचनात्मकता, लगन, परिश्रम और निरन्तर आगे बढ़ते रहने की दृढ़ इच्छाशक्ति हो। महानगरों में जिस द्रुत गति से गगनचुम्बी इमारतों, व्यावसायिक भवनों तथा बहुमंजिले रिहायशी मकानों का निर्माण हो रहा है उसे देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में यह पेशा आकर्षक और चमकदार करिअर के रूप में मौजूद रहेगा। इस क्षेत्र में विशेषज्ञता और तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त कर लेने के पश्चात् रोजगार मिलने की काफी संभावना रहती है। प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरान्त सार्वजनिक या निजी क्षेत्र की भवन निर्माण इकाइयों तथा नामी-गिरामी बिल्डर्स के यहां भी नौकरी की जा सकती है। भवन निर्माता तथा वास्तुकार आजकल अपने साथ आंतरिक डिजाइनरों की टीम भी रखते हैं ताकि भवन निर्माण के उपरान्त आंतरिक साज-सज्जा को बखूबी अंजाम दिया जा सके। 
आर्थिक व व्यावसायिक क्षेत्रों में इंटीरियर डेकोरेटर और इंटीरियर डिजाइनर की काफी मांग है। व्यावसायिक दृष्टिकोण से यह दोनों ही क्षेत्र अलग-अलग हैं। एक कुशल व दक्ष इंटीरियर डेकोरेटर साज-सज्जा से संबंधित सामग्री का चयन करता है और सजावट के अनुकूल रंगों, वस्तुओं व संसाधनों की उपलब्धता के अनुरूप कार्य को अंजाम देता है जबकि एक इंटीरियर डिजाइनर स्थापत्य कला की बारीकियों और भवन की संरचनाओं को सजाने-संवारने का काम करता है। इंटीरियर डिजाइनर के लिए सृजनात्मक सोच और कलात्मकता की दरकार होती है। रसोई, टॉयलेट,सोने का कमरा, ड्राइंगरूम से लेकर घर के बरामदे तक के इंटीरियर पर विशेष तवज्जो दी जाती है और इसी को साकार रूप देता है इंटीरियर डिजाइनर। 
इन दोनों ही क्षेत्रों में करिअर बनाने के लिए कई संस्थानों द्वारा व्यावसायिक पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। छह माह से लेकर पांच वर्ष तक की अवधि के ये कोर्स विभिन्न गैर-सरकारी तथा सरकारी संस्थाओं से किये जा सकते हैं। एक वर्ष वाले कोर्स के लिए कम से कम स्नातक होना आवश्यक है जबकि डिग्री या डिप्लोमा के लिए बारहवीं उत्तीर्ण होना जरूरी है। 
सेंटर फॉर एनवायरन्मेंटल प्लानिंग एंड टेक्नोलॉजी संस्थान भारत में इंटीरियर डिजाइनिंग का पाठ्यक्रम संचालित करने वाला अपनी तरह का प्रथम अकादमिक इंस्टीच्यूट है जो ऑल इंडिया कौंसिल ऑफ टेक्रिकल एजुकेशन द्वारा मान्यताप्राप्त है। यह संस्थान अहमदाबाद में है। यहां चयन परीक्षा व साक्षात्कार के आधार पर दाखिला मिलता है। लेकिन इस संस्थान में वही छात्र प्रवेश ले सकते हैं जिन्होंने विज्ञान विषय के साथ इंटर उत्तीर्ण किया हो। मैट्रिक परीक्षा में कम से कम साठ प्रतिशत अंक हासिल करना भी जरूरी है। 
इंटीरियर डिजाइनिंग व डेकोरेशन में अपेक्षित योग्यता हासिल कर लेने के बाद रोजगार के विविध अवसर उपलब्ध हो सकते हैं? सार्वजनिक क्षेत्र की अपेक्षा निजी क्षेत्र में इंटीरियर डिजाइनरों के लिए रोजगार के अवसर ज्यादा है। मल्टीनेशनल कंपनियों के आने से देश में इंटीरियर डिजाइनरों की मांग में काफी इजाफा हुआ है। मल्टी नेशनल कंपनियां अपने ऑफिस को इंटीरियर डिजाइनिंग के माध्यम से अपने काम के अनुरूप लुक देने को महत्व देती हैं। मल्टी नेशनल कंपनियों के अनुरूप भारतीय कंपनियां भी इसी ट्रेंड पर चल रही हैं। ग्लोबल विजन होने की वजह से लोगों में वर्क प्लेस के साथ पर्सनल प्लेस को भी खूबसूरत बनाने की होड़ लगी हुई है। इन तमाम बातों के चलते इंटीरियर डिजाइनिंग का प्रोफेशन आजकल काफी हॉट हो गया है। बड़े-बड़े भवनों, इमारतों, होटलों, विश्रामगृहों, निजी प्रतिष्ठानों, दफ्तरों इत्यादि की आंतरिक साज-सज्जा के लिए इंटीरियर डिजाइनरों की सेवाएं ली जाती हैं? इंटीरियर डिजाइनिंग व डेकोरेशन के क्षेत्र में व्यावसायिक शिक्षा हासिल करने के इच्छुक अभ्यर्थी निम्नलिखित संस्थानों से संपर्क कर सकते हैं :- 

-नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ डिजाइनिंग, अहमदाबाद, गुजरात 
-जे जे कालेज ऑफ आर्किटेक्चर, मुम्बई 
-स्कूल ऑफ इंटीरियर डिजाइनिंग ए-7, बंजारा हिल्स, हैदराबाद 
-एपीजे इंस्टीच्यूट ऑफ डिजाइनिंग, नई दिल्ली। 
-इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ इंटीरियर डिजाइन मुम्बई। 
-स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर, नयी दिल्ली।

इस तरह इंटीरियर डिजाइनिंग व डेकोरेशन द्वारा न केवल अपने अंदर की कलात्मक प्रतिभा को प्रस्फुटित करने का अवसर प्राप्त होता है बल्कि इसके माध्यम से एक सुनहरे भविष्य की नींव भी रखी जा सकती है(अनिल कुमार,शिक्षालोक,दैनिक ट्रिब्यून,1.5.12)।

2 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत अच्छी जानकारी। धन्यवाद।

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  2. इंटेरियर डिज़ाइंग के विषय में बहुत बढ़िया जानकारी पूर्ण आलेख व्यवसाय या रोज़गार कि दृष्टि से बहुत ही बढ़िया जानकारी दी है अपने वैसे यदि मैं अपने बारे में कहूँ तो मुझे इस क्षेत्र का कोई अनुभव नहीं मगर हाँ मुझे ऐसा गहर पसंद आता है जो साज सजा के नज़रिये से भले ही थोड़ा का सजा हो तो मुझे चालेगा मगर उस घर के अंदर के अंदर प्रवेश करने पर घर जैसी feeling आना ज्यादा ज़रूरी बनिस्बत किसी होटल के खैर यह मेरा नज़रिया है। मगर मैं आपकी लिखी बातों से भी सहमत हूँ।

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