ब्रिटिश इंडिया कॉरपोरेशन (बीआइसी) का विलय नेशनल टेक्सटाइल कॉरपोरेशन (एनटीसी) में करने की तैयारी हो गई है। कपड़ा मंत्रालय ने एक कंपनी से इस बारे में सर्वे करा लिया है। हालांकि एनटीसी उसे अपने साथ जोड़ने के लिए तैयार नहीं है। अगर ऐसा हुआ तो बीआइसी का नाम मिट जाएगा। एक दौर था जब कानपुर में एनटीसी की स्वदेशी, अथर्टन, लक्ष्मीरतन, विक्टोरिया और म्योर मिलें चलती थीं। जबकि बीआइसी की लालइमली, एल्गिन मिल एक, दो व कानपुर टेक्सटाइल मिलें थीं। कुल मिलाकर नौ मिलें थीं, जो एक-एक करके बंद होती गई। काम के नाम पर बीआइसी की लालइमली और धारीवाल में ही थोड़ा बहुत काम हो रहा है। एनटीसी की अन्य राज्यों में मिलें अभी चल रही हैं। बीआइसी को कई बार एनटीसी से ही ब्रिजलोन दिलाए गए। इसके बाद बीआइसी कर्मियों को वेतन मिला। इधर कपड़ा मंत्रालय ने बीआइसी को एनटीसी के हवाले करने का विचार बना लिया है। इसके लिए एक विश्लेषण कंपनी डिलाइट से बाकायदा सर्वे भी कराया गया। कपड़ा मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक कंपनी ने भी बीआइसी को एनटीसी में विलय करने को सही ठहराया है। हालांकि
एनटीसी अफसर इसके लिए तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि बीआइसी की ज्यादातर संपत्तियां विवादित हैं। उन्हें लेकर एनटीसी को कुछ हासिल नहीं होगा, जबकि कर्मचारी बढ़ने से उसकी वित्तीय स्थिति गड़बड़ाएगी(दैनिक जागरण,कानपुर,4.6.12)।
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