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12 जून 2012

डीयूःअंकों से छेड़छाड़ की तो मुश्किल होगा दाखिला

दिल्ली विश्वविद्यालय में एडमिशन के लिए बारहवीं के अंकों के साथ-साथ छेड़छाड़ इस बार आवेदकों को महंगी पड़ सकती है।

दरअसल, डीयू की ऑनलाइन व ऑफलाइन, दोनों ही माध्यमों से किए गए आवेदन फॉर्म में खासतौर पर छात्रों की ओर से भरे जा रहे बारहवीं के अंकों पर नजर है। ऑनलाइन फॉर्म में जहां अंक निर्धारित व्यवस्था से परे मैन्युअल नंबर भरने पर आवेदन पर विशेष मार्किग हो जाएगी, वहीं ऑफलाइन आवेदन में ओएमआर फॉर्म में गड़बड़ी को स्कैनिंग के दौरान पकड़ा जाएगा। 

डीन छात्र कल्याण प्रो.जेएम खुराना ने बताया कि बीते कुछ सालों में देखने में आया है कि ओएमआर फॉर्म में छात्र बोर्ड का रोल नंबर देने के बाद बाहरवीं में मिले नंबरों से छेड़छाड़ करते हैं। इसके बाद नकली मार्क्‍सशीट के सहारे दाखिला भी पा लेते हैं। बीते साल रामजस कॉलेज में हुए फर्जी दाखिले इसी तरह से अंजाम दिए गए थे।

अंकों से छेड़छाड़ कर फर्जीवाड़ा अंजाम देने की इन अनुचित गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए डीयू प्रशासन अपने स्तर पर हर एक फॉर्म की जांच कर रहा है। आवेदन के समय ही ऐसे छात्रों की पहचान की जा रही है, जिन्होंने प्राप्त अंकों से ज्यादा की घोषणा की है। इतना ही नहीं यदि इस प्रक्रिया से भी कोई छात्र बच निकलता है तो इस बार कॉलेजों को सख्त निर्देश दिए जा रहे हैं कि वह अपने यहां होने वाले हर दाखिले पर बारहवीं के अंकों के स्तर पर संबंधित बोर्ड के नतीजों से गहन जांच को अंजाम दें। 

ऐसे पकड़ रहे हैं फर्जीवाड़ा: डीयू ऑफलाइन में एक-एक आवेदन फॉर्म को स्कैनिंग के दौरान जांचा जा रहा है, जबकि ऑनलाइन आवेदन फॉर्म में उन फॉर्म पर खास नजर रख रहा है, जिनमें सीबीएसई रोल नंबर डालने पर आने वाले अंकों को स्वीकार करने के बजाय अपनी तरफ से नंबर भरे गए हैं। इतना ही नहीं ऑनलाइन आवेदन सुविधा के तहत सिर्फ सीबीएसई के नंबर ही रोल नंबर डालने पर स्वत: उपलब्ध होते है, शेष बोर्ड के अंकों की पड़ताल की जा रही है(शैलेन्द्र सिंह,दैनिक भास्कर,दिल्ली,12.6.12)।

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