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09 जून 2012

महाराष्ट्रःगोंदिया में स्कूल तो बहुत हैं लेकिन कोई पढ़ने वाला नहीं!

भले ही सरकार ने हर तबके के बच्चों को शिक्षा की धारा में प्रवाहित करने के लिए जगह-जगह शालाएं खोल रखी हों, पर सच तो यह है सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयास नाकाम साबित हो रहे हैं। 

इसी का अंदाजा हाल ही में शिक्षा विभाग, पुणे द्वारा गोंदिया की विभिन्न शालाओं की छात्र संख्या संबंधी जारी की गई रिपोर्ट से लगाया जा सकता है। इस रिपोर्ट के अनुसार जिले में शालाएं बेशुमार हैं पर यहां पाठ पढ़ने वाले विद्यार्थियों का अकाल देखा जा रहा है। 

बता दें कि शिक्षा विभाग, पुणे की ओर से जिले में विद्यार्थियों की संख्या जांच के बारे में गोंदिया शिक्षा विभाग को बताया है कि जांच के दौरान जिले की 28 शालाओं में 50 प्रतिशत से कम छात्र संख्या पाई गई है। जबकि, जिले की 82 शालाओं में दाखिला की प्रक्रिया पूरी करने वाले छात्रों की भी संख्या कम होने की जानकारी जांच दल ने दी है। 

बता दें कि निजी शिक्षण संस्था द्वारा संचालित शालाएं, आश्रमशालाएं, अनुदानित, बगैर अनुदानित शालाएं तथा जिला परिषद की शालाओं में राज्य शासन के शालेय शिक्षा व क्रीड़ा विभाग ने 19 सितंबर 2011 को आदेश पारित कर नांदेड़ पेटर्न के आधार पर फर्जी छात्रों की जांच करने के आदेश गोंदिया शिक्षा विभाग दिए थे। 

गोंदिया शिक्षा विभाग ने गत वर्ष 3 से 5 अक्टूबर के दरम्यान 800 अधिकारियों के 157 जांच दल बनाकर जिले की सभी अनुदानित बिना अनुदानित, जिला परिषद की शाला, आश्रामशाला व निजी शिक्षण संस्था द्वारा संचालित शालाओं की जांच की। 

उक्त दल ने जिले की शालाओं की स्थिति के बारे में जानकारी पुणो शिक्षा विभाग को भिजवाई थी। पुणो के शिक्षा विभाग ने हाल ही में गोंदिया शिक्षा विभाग को छात्र संख्या ने इस संबंध में रिपोर्ट भेजी है जिसमें बताया गया है कि जिले की 82 शालाओं में 20 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक जांच दल को शाला में दाखिल छात्रों की संख्या कम मिली है। जबकि, 28 शालाओं में दाखिला लिए 50 प्रतिशत छात्रों के दस्तावेजों पर नजर डाली गई तो इसमें भी छात्रों की संख्या कम होने की बात सामने आई है(दैनिक भास्कर,गोंदिया,9.6.12)।

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