केन्द्र सरकार ने एमफिल व पीएचडी करने वाले अल्पसंख्यक शोधार्थियों को फेलोशिप देने की घोषणा की है। इसके अन्तर्गत 12 हजार रुपए प्रतिमाह दिए जाएंगे। इस योजना का लाभ मौलाना अबुल कलाम आजाद नेशनल फेलोशिप प्रोग्राम के तहत चयनित छात्र-छात्राओं को मिलेगा।
इसके आवेदन फार्म अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की वेबसाइट www.minoritywelfare.nic.in से डाउनलोड किए जा सकते हैं। इसमें मुस्लिम समुदाय के लिए 112 सीटे, बौद्ध और सिख समाज के लिए 3-3 सीटें हैं। प्रदेश से कुल 120 शोधार्थियों को इस योजना के लिए चुना जाएगा। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी राजा सिंह ने बताया कि इसमें दो साल की एमफिल और पीएचडी करने वालों को पांच साल तक फेलोशिप मिलती रहेगी।
सरकार चाहती है कि रुपयों के अभाव में किसी शोध की गुणवत्ता खराब न हो। इस फेलोशिप की सहायता से शोधार्थी अपना शोध अच्छी तरह से पूरा कर सकेंगे, क्योंकि देखा जाता है कि अक्सर धनाभाव के कारण प्रतिभाएं उभरने से पहले ही दब जाती हैं।
फेलोशिप की पात्रता के लिए पूरी चयन प्रकिया होगी। उसे पास करने के बाद ही फेलोशिप दी जाएगी। श्री सिंह ने बताया कि इससे संबंधित अधिक जानकारी विभाग की वेब साइट से हासिल की जा सकती है। पात्र छात्र-छात्राएं जिला अल्पसंख्यक कल्याण कार्यालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के क्षेत्रीय कार्यालय से भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं(दैनिक भास्कर,28.5.2010 में कानपुर से अतुल प्रताप सिंह की रिपोर्ट)।
इसके आवेदन फार्म अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की वेबसाइट www.minoritywelfare.nic.in से डाउनलोड किए जा सकते हैं। इसमें मुस्लिम समुदाय के लिए 112 सीटे, बौद्ध और सिख समाज के लिए 3-3 सीटें हैं। प्रदेश से कुल 120 शोधार्थियों को इस योजना के लिए चुना जाएगा। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी राजा सिंह ने बताया कि इसमें दो साल की एमफिल और पीएचडी करने वालों को पांच साल तक फेलोशिप मिलती रहेगी।
सरकार चाहती है कि रुपयों के अभाव में किसी शोध की गुणवत्ता खराब न हो। इस फेलोशिप की सहायता से शोधार्थी अपना शोध अच्छी तरह से पूरा कर सकेंगे, क्योंकि देखा जाता है कि अक्सर धनाभाव के कारण प्रतिभाएं उभरने से पहले ही दब जाती हैं।
फेलोशिप की पात्रता के लिए पूरी चयन प्रकिया होगी। उसे पास करने के बाद ही फेलोशिप दी जाएगी। श्री सिंह ने बताया कि इससे संबंधित अधिक जानकारी विभाग की वेब साइट से हासिल की जा सकती है। पात्र छात्र-छात्राएं जिला अल्पसंख्यक कल्याण कार्यालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के क्षेत्रीय कार्यालय से भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं(दैनिक भास्कर,28.5.2010 में कानपुर से अतुल प्रताप सिंह की रिपोर्ट)।
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