गुजरात में 25 साल बाद सरकारी महकमे में भर्ती खुलने का रास्ता साफ हो गया है। दरअसल, राज्य सरकार ने विभिन्न विभागों में रिक्त हुए पदों तथा हर साल कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने के चलते कर्मचारियों की पेश आ रही तंगी से निपटने के लिए नई भर्ती करने की कवायद शुरू की है।
इसी क्रम में सरकारी भर्ती पर 25 साल से लगे प्रतिबंध को हटाने का फैसला किया है। सामान्य प्रशासनिक विभाग ने सभी विभागों को रिक्त पद और सेवानिवृत्ति के चलते अगले पांच वर्ष में रिक्त होने वाले पदों का ब्योरा भेजने को कहा है।
एक मोटे अनुमान के अनुसार राज्य में हर वित्त वर्ष में 13 से 15 हजार पद रिक्त होंगे। कारण, हर साल इसी प्रमाण में कर्मचारी-अधिकारी सेवामुक्त होने वाले हैं। पिछले काफी समय से सरकारी विभागों में रिक्त पदों पर नियुक्तियों की मांग की जा रही थी।
नई भर्ती के लिए वित्त मंत्री वजूभाई वाला की अध्यक्षता में एक पांच सदस्यीय उप-समिति गठित की गई है। उप-समिति नई भर्ती प्रक्रिया के संबंध में सरकार को सुझाव देगी। साथ ही कराधान वर्ष 2009-10 से 2016-17 की अवधि में सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों-अधिकारियों की संख्या को ध्यान में रखते हुए काम करेगी।
समिति मौजूदा भर्ती प्रक्रिया की समीक्षा एवं सरकारी विभागों में भर्ती हेतु वित्त विभाग से आवश्यक स्वीकृति प्राप्त करने की प्रथा पर विचार करेगी। इसके अलावा समिति को शिक्षा, स्वास्थ्य एवं गृहविभाग के कामकाज की समीक्षा करने को भी कहा गया है।
(दैनिक भास्कर,गुजरात संस्करण,28 मई,2010)
इसी क्रम में सरकारी भर्ती पर 25 साल से लगे प्रतिबंध को हटाने का फैसला किया है। सामान्य प्रशासनिक विभाग ने सभी विभागों को रिक्त पद और सेवानिवृत्ति के चलते अगले पांच वर्ष में रिक्त होने वाले पदों का ब्योरा भेजने को कहा है।
एक मोटे अनुमान के अनुसार राज्य में हर वित्त वर्ष में 13 से 15 हजार पद रिक्त होंगे। कारण, हर साल इसी प्रमाण में कर्मचारी-अधिकारी सेवामुक्त होने वाले हैं। पिछले काफी समय से सरकारी विभागों में रिक्त पदों पर नियुक्तियों की मांग की जा रही थी।
नई भर्ती के लिए वित्त मंत्री वजूभाई वाला की अध्यक्षता में एक पांच सदस्यीय उप-समिति गठित की गई है। उप-समिति नई भर्ती प्रक्रिया के संबंध में सरकार को सुझाव देगी। साथ ही कराधान वर्ष 2009-10 से 2016-17 की अवधि में सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों-अधिकारियों की संख्या को ध्यान में रखते हुए काम करेगी।
समिति मौजूदा भर्ती प्रक्रिया की समीक्षा एवं सरकारी विभागों में भर्ती हेतु वित्त विभाग से आवश्यक स्वीकृति प्राप्त करने की प्रथा पर विचार करेगी। इसके अलावा समिति को शिक्षा, स्वास्थ्य एवं गृहविभाग के कामकाज की समीक्षा करने को भी कहा गया है।
(दैनिक भास्कर,गुजरात संस्करण,28 मई,2010)
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