पंजाब के स्कूली शिक्षा विभाग ने राज्य के सरकारी स्कूलों में कार्यरत जेबीटी व जेवी अध्यापकों को एफए, बीए भाग-1 व बीए की योग्यता प्राप्त करने की तिथि से जूनियर स्कूल टीचर (जेएसटी) का ग्रेड पिछले माह से देने का फैसला किया है। इसके संबंध में शिक्षा विभाग के निदेशक (एलीमेंट्री) ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों (डीईओ) को पत्र (संख्या 3.131.09 ए.13) लिखकर सभी याचिकाकर्ताओं पर लागू करने का आदेश दिया। पत्र के अनुसार, अध्यापकों को एफए, बीए भाग-1 पास करने की तिथि से 80-250 रुपये का ग्रेड व बीए पास अध्यापकों को 110-250 रुपये का ग्रेड दिया जाएगा। गे्रड 31 दिसंबर 1985 तक मान्य होंगे। गौरतलब है कि शिक्षा विभाग ने अध्यापकों को अपनी शैक्षणिक योग्यता बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से 23 जुलाई 1957 को एक पत्र जारी किया था। उसके अनुसार, अध्यापकों को उनकी योग्यता के आधार पर गे्रड देने का प्रावधान रखा गया था न कि पद के आधार पर। बाद में राज्य सरकार ने 19 फरवरी 1979 को इस पत्र को वापस ले लिया था। शिक्षा विभाग 23 जुलाई 1957 से 19 फरवरी 1979 तक योग्यता के आधार पर अध्यापकों को ग्रेड देता रहा, लेकिन एफए, बीए भाग-1 व बीए पास अध्यापकों को जेएसटी ग्रेड नहीं दिया गया। इस पर दर्जनों अध्यापकों ने जेएसटी ग्रेड लेने के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर कर दीं। आखिरकार लंबे इंतजार के बाद, 15 अप्रैल 2009 को उच्च न्यायालय ने सभी याचिकाओं का निपटारा करते हुए अध्यापकों के पक्ष में फैसला सुना दिया था। उसने शिक्षा विभाग को तीन महीने के अंदर जेएसटी ग्रेड देने का आदेश दिया। मगर शिक्षा विभाग ने उच्च न्यायालय के फैसले को कोई तरजीह नहीं दी। अध्यापकों ने फैसला लागू करने की सीमा अवधि बीतने पर उच्च न्यायालय में अदालत की अवमानना का केस दायर कर दिया। इस केस की सुनवाई आगामी 20 मई को थी। लेकिन अवमानना के मुकदमे से बचते हुए, सुनवाई से पूर्व ही शिक्षा विभाग ने याचिकाकर्ताओं को जेएसटी ग्रेड देने का आदेश जारी कर दिया। जनवरी 1986 को उ“च्च योग्यता वाले अध्यापकों का वेतन सुरक्षित कर उनके वेतन को उनके पद वाले ग्रेड में ही निर्धारित कर दिया गया।
(दैनिक जागरण,चंडीगढ़ संस्करण,15.5.2010 में फाजिल्का(फिरोजपुर) से डा. अमरलाल बाघला की रिपोर्ट)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।