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17 मई 2010

गणित और विज्ञान के एक समान कोर्स को 20 राज्यों की मंज़ूरी

स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में एकरुपता लाने की दिशा में एक बड़ी ख़बर यह है कि वर्ष 2011 से सभी बोर्डो के मान्यता प्राप्त स्कूलों में ग्यारवीं व बारहवीं कक्षा के विज्ञान व गणित का कोर्स एक सा होगा। काउंसिल फार बोर्ड आफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ने यह फैसला लिया है। इस फैसले पर झारखंड समेत 20 राज्यों ने अपनी सहमति प्रदान कर दी है। उपरोक्त कोर्स के तहत वर्ष 2013 में जब पहली बार जब छात्र पास आउट होकर निकलेंगे, तो देश भर में विभिन्न इंजीनियरिंग व मेडिकल कालेजों के लिए एकल प्रवेश परीक्षा होंगे, बशर्ते कि आईआईटी व आल इंडिया इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस (एम्स) इस पर अपनी सहमति प्रदान कर दे। ऐसे में मेरिट के आधार पर विभिन्न इंजीनियरिंग कालेज में छात्रों का नामांकन हो पाएगा। सीबीएसई को विश्वास है कि आईआईटी व एम्स जैसे संस्थान इसकी स्वीकृति दे देंगे। इस दिशा में आने वाली विभिन्न समस्याओं के निदान के लिए सीबीएसई द्वारा एक टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। टास्क फोर्स यह देखेगा कि बारहवीं कक्षा में वेटेज सिस्टम लागू किया जाए या नहीं, या फिर विभिन्न बोर्डो का वेटेज सिस्टम एक सा हो। इसके लिए सीओबीएसई के पास दो साल का समय है। सीओबीएसई को विज्ञान व गणित की तरह वाणिज्य संकाय में भी एकरूपता लाने की सलाह दी गयी है। इस पर तीन महीने में केन्द्र सरकार को रिपोर्ट सौंपा जाएगा। कुछ दिन बाद कला संकाय में भी ऐसे सिस्टम लागू करने का प्रयास किया जाएगा लेकिन राज्य को यह छूट होगी कि कोर सिलेबस में अतिरिक्त संदर्भ जोड़ सके। इंडियन काउंसिल फार स्कूल एजुकेशन ने सीबीएसई के इस पहल को हरी झंडी दे दी है, क्योंकि उसी के छात्र इस प्रक्रिया से ज्यादा लाभान्वित होंगे। हालांकि कक्षा दस की वार्षिक परीक्षा को ऐच्छिक बनाने का मामला अब भी आईसीएसई ने नहीं माना है। पूरे देश भर में आईसीएसई से मान्यता प्राप्त 800 के करीब स्कूल हैं।
(दैनिक जागरण,17.5.2010)

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