उत्तरप्रदेश में पीएसी का दरवाजा भी महिलाओं के लिए खुलने जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि जल्द ही कैबिनेट पीएसी में महिला वाहिनी के गठन का प्रस्ताव आने जा रहा है। कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही पीएसी में महिलाओं की भर्ती की प्रक्रिया शुरू होगी। पहले चरण में लगभग 1200 महिलाओं की भर्ती होगी। सूत्रों के अनुसार गत 29 अप्रैल को कानून व्यवस्था और अपराध की स्थिति को लेकर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में पीएसी में महिला वाहिनी के गठन पर विचार किया गया। कैबिनेट सचिव, प्रमुख सचिव गृह तथा डीजीपी की मौजूदगी में एडीजी स्तर के अधिकारियों के साथ हुई इस चर्चा में यह तथ्य सामने आये कि राज्य के पुलिस एवं पीएसी बल में 1,19,106 सिपाही एवं जवान हैं जबकि 2491 महिला पुलिस ही प्रदेश पुलिस में कार्यरत हैं। इनमें 241 उपनिरीक्षक, 156 मुख्य आरक्षी तथा 1995 महिला सिपाही हैं। पीएसी में एक भी महिला सिपाही नहीं है। पीएसी में महिलाओं के न होने की वजह यह बताई गई कि पीएसी के जवान जिन परिस्थितियों रहते हैं, उसमें महिलाओं के लिए रह पाना बहुत मुश्किल है। इस तर्क पर यह कहा गया कि महिलाओं की हर जगह भागीदारी दी जानी चाहिए। जहां तक बात कठिनाईयों की तो उसका समाधान तलाशा जाना चाहिए। इसके बाद राज्य के डीजीपी को कहा गया कि वह पीएसी में महिला वाहिनी के गठन का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजें। डीजीपी ने पीएसी में एक महिला वाहिनी कैसे गठित हो, इस पर इसका एक प्रस्ताव पीएसी के एडीजी से तैयार कराया। प्रस्ताव में कहा गया है, राज्य में गठित पीएसी की 33 वाहिनियों में से एक वाहिनी में तैनात जवान एवं अफसरों को अन्य वाहिनी में भेजकर उस वाहिनी को महिला वाहिनी बना दिया जाए।
(दैनिक जागरण,लखनऊ,17.5.2010 में राजेंद्र कुमार की रिपोर्ट)
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