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15 मई 2010

सुपर-30 है एशिया का सर्वोत्तम स्कूल

अमेरिका की प्रतिष्ठित टाइम मैगजीन ने प्रसिद्ध गणितज्ञ आनंद द्वारा स्थापित कोचिंग संस्थान सुपर 30 को एशिया का सर्वोत्तम स्कूल करार दिया है। बीते साल यहां के सभी 30 विद्यार्थी आईआईटी प्रवेश परीक्षा में सफल रहे थे। खास बात यह है कि यहां के विद्यार्थी गरीबी में पले-बढ़े हैं, जिनके लिए पूर्णकालिक कोचिंग एक सपने के सच होने जैसा है। गणितज्ञ आनंद ने एक चयन परीक्षा के माध्यम से चुने गए इन मेधावी विद्यार्थियों के लिए नि:शुल्क शिक्षण व आवास की व्यवस्था की। टाइम मैगजीन के अवार्ड पर अपनी प्रतिक्रया में आनंद ने कहा कि इससे उत्साह बढ़ा, लेकिन अभी बहुत कुछ करना शेष है। द बेस्ट आफ एशिया नाम से जारी 16 नामों की सूची में सुपर 30 को शामिल करते हुए टाइम मैगजीन ने लिखा है कि आनंद एक सार्थक व समर्पित प्रयास कर रहे हैं, जिससे भारत के उन निर्धन प्रतिभाशाली बच्चों का भविष्य बन रहा है, जिन्हें कोई अवसर प्राप्त नहीं था। कभी अभाव के चलते उच्च शिक्षा के लिए आमंत्रण के बावजूद कैंब्रिज विश्वविद्यालय नहीं जा सके आनंद ने गरीबी की पीड़ा को महसूस किया है। पिता के असामयिक निधन के बाद उनकी मां को पापड़ तक बेलने पड़े थे। आनंद बताते हैं कि खुद पर जो गुजरी, वह किसी दूसरे मेधावी बच्चे की पीड़ा नहीं बने, इसके लिए एक सोच के तहत उन्होंने सन 1986 में रामानुजम स्कूल आफ मैथेमेटिक्स की स्थापना की। इसमें निर्धन मेधावी बच्चों को नि:शुल्क गणित शिक्षा दी जाती है। इस स्कूल की लोकप्रियता से उत्साहित आनंद ने सन 2002 में सुपर 30 की शुरुआत की। इसके माध्यम से सात वर्षो में 182 गरीब बच्चे आईआईटी की प्रतिष्ठित प्रवेश परीक्षा में सफलता हासिल कर चुके हैं। अपनी सफलता का श्रेय आनंद सहयोगी प्रणव सहित पूरी टीम को देते हैं। उन्होंने बताया कि आगे वे एक ऐसा स्कूल खोलना चाहते हैं, जहां गरीब मेधावी बच्चों को छठी से 12वीं तक की नि:शुल्क शिक्षा दी जाए। इस विद्यालय से निकले मेधावी बच्चे समाज व देश की सेवा करते हुए नाम कमाएं तथा नोबेल पुरस्कार पाएं, यह उनका सपना है। आनंद ने बताया कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से बीते दिनों हुई मुलाकात में उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर भी सुपर 30 खोलने की मंशा जाहिर की थी, जिसे उन्होंने समर्थन दिया था। इस दिशा में भी कार्य आरंभ किया जाएगा। आनंद अब सुपर 30 में 30 के बदले 60 निर्धन मेधावी विद्यार्थियों को प्रवेश देने जा रहे हैं। इसके लिए आयोजित प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन प्रपत्र यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया से प्राप्त किए जा सकते हैं। आनंद की नि:स्वार्थ सेवा को टाइम मैगजीन के पहले भी दुनिया भर में सराहा जा चुका है। उनका नाम लिम्का बुक आफ रिकार्ड में भी दर्ज है। आनंद अपने कार्यो को मिले सम्मान को लेकर कहते हैं कि इससे काम करने का मनोबल बढ़ा है। यही मनोबल आगे की मंजिलें आसान करेगा।(दैनिक जागरण,पटना,15.5.2010)

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