देश के सभी उच्च शैक्षिक संस्थानों से जुड़ी सही और अपडेट जानकारी शीघ्र ही एक क्लिक पर मिल जाएगी। मानव संसाधन विकास मंत्रलय (एमएचआरडी) ने इसके लिए एक योजना शुरू की है। इसको मूर्त रूप देने का जिम्मा एडसिल (इंडिया) लिमिटेड को दी गई है। एडसिल भारत सरकार का ही एक उद्यम है। यह संस्था ऐसी वेबसाइट तैयार करेगी, जिसमें देश के सभी उच्च शैक्षिक संस्थानों में चल रहे कोर्स, ढांगागत सुविधाओं तथा संसाधनों का ब्यौरा रहेगा। यह वेबसाइट युनाइटेड नेशन एजुकेशनल साइंटिफिक एण्ड कल्चरल आर्गनाइजेशन (यूनेस्को) से अपलिंक होगी। यह वेबसाइट भारतीय और विदेशी छात्रों के लिए ई-समाधान का काम करेगी। छात्र इस साइट से उच्च शिक्षा संस्थानों के बारे में अधिकृत जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। देश और विदेश के शैक्षिक संस्थानों में फर्जीवाड़े के कई मामले सामने आ चुके हैं। फर्जी विश्वविद्यालय तो हैं ही कई विश्वविद्यालयों में बिना मान्यता और संबद्धता के भी कोर्स चलाए जा रहे हैं। सही जानकारी न होने के कारण देश और विदेश के छात्र ऐसे संस्थानों के झांसे में आकर अपना वक्त और धन बर्बाद करते हैं। इस वेबसाइट की परिकल्पना इसी समस्या को देखते हुए की गई है। इस नई साइट के यूनेस्को से अपलिंकिंग का फायदा यह होगा कि इससे छात्रों को न केवल देश बल्कि विश्व के 30 देशों के शैक्षिक संस्थाओं के बारे में अधिकृत जानकारी मिलेगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के उप सचिव अशोक महाजन ने इविवि सहित सभी उच्च शिक्षा संस्थानों के रजिस्ट्रार को पत्र भेजकर इस योजना की जानकारी दी है। इस पत्र के साथ जानकारी देने के लिए एक प्रोफार्मा भी भेजा गया है। यह भी कहा गया है कि प्रोफार्मा पर जानकारी तो भेजी ही जाए, इस पूरी सूचना को संस्थान अपनी वेबसाइट पर भी अपलोड करें ताकि अगर कोई छात्र प्रस्तावित वेबसाइट के लिंक के जरिए संस्था की वेबसाइट पर जाए तो उसे वहां भी वही सूचनाएं मिलें, जो प्रस्तावित वेबसाइट पर रहेंगी। कुलपति प्रो. आरजी हर्षे का कहना है कि इससे देश और विदेश के छात्रों को पढ़ाई के लिए शैक्षिक संस्था और मन माफिक कोर्स का चयन करने में सहूलियत होगी। उन्होंने कहा कि इससे विदेशी छात्रों को आकर्षित करने में मदद भी मिलेगी। यह जानकारी होगी साइट पर
उच्च शैक्षिक संस्थानों को कोर्स और उनकी संबद्धता, नैक ग्रेडिंग, वित्तीय सहायता/छात्रवृत्ति, छात्रवास सुविधा, विभिन्न कोर्सों में पांच वर्ष का उत्तीर्ण प्रतिशत, छात्र-शिक्षक अनुपात, प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर, लेक्चरर के नाम, शिक्षण का अनुभव, पांच वर्ष में संस्थान में हुए शोध का ब्यौरा, प्लेसमेंट रिकॉर्ड, रिकरिंग तथा नॉन रिकरिंग बजट, संस्था जिस शहर में उसकी सांस्कृतिक, भाषाई, मौसम संबंधी जानकारी, एयर, ट्रेन और सड़क परिवहन की सुविधा का ब्यौरा देना है।
मुख्य समाचारः
25 मई 2010
एक पोर्टल पर होंगे देश के 30 विश्वविद्यालय
(हिंदुस्तान,लखनऊ संस्करण,24.5.2010 में इलाहाबाद संवाददाता की रिपोर्ट)
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