मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

31 मई 2010

जम्मू-कश्मीर में गुज्जरों के लिए मोबाइल स्कूल

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि गुज्जर समुदाय में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सभी मोबाइल स्कूलों को फिर से खोला जाएगा। आतंकवाद के कारण ये स्कूल बंद हो गए थे। गुज्जर देश चैरिटेबल ट्रस्ट के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि गुज्जर समुदाय में साक्षरता कम होने के कारण वे आरक्षण का लाभ नहीं उठा रहे हैं। अब सरकार सभी मोबाइल स्कूलों को फिर से खोल रही है ताकि इस समुदाय के बच्चे पढ़ सकें। उन्होंने समुदाय के युवाओं से हाल ही में सिविल सर्विसेस में टाप करने वाले डा. फैजल से प्रेरणा लेने को कहा। फैजल उन हालात में पढ़ता था जहां पर रात के समय मोमबत्ती भी नहीं जलाई जा सकती थी। उन्होंने समुदाय को उन सभी नेताओं से सावधान रहने को कहा जो कि वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं। केंद्रीय नव अक्षय ऊर्जा मंत्री डा. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार ने इस समुदाय के लिए जो मोबाइल स्कूल खोले थे उससे भी मकसद पूरा नहीं हो पाया। मंत्री ने कहा कि समुदाय के लोगों को एकजुट होकर अपनी मांगें उठानी होगी तभी उनका समाधान होगा। कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कहा कि आज सांइस सहित हर क्षेत्र में तरक्की हो रही है मगर इन सबमें कहीं न कहीं हमारी सांस्कृतिक पहचान खोती जा रही है। मगर गुज्जर चैरिटेबल ट्रस्ट ने इस दिशा में जो कदम उठाया है वह सराहनीय है। डोडा जिले का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि उनके गृह जिले में कश्मीरी, डोगरी, गोजरी सहित हर भाषा बोलने वाले लोग रहते हैं और यह अपने आप में एक मिसाल है। उन्होंने कहा कि अपनी भाषा का ज्ञान हर किसी को होना चाहिए। रूस जैसा देश इसका उदाहरण है, जहां पर अंग्रेजी को नहीं बल्कि अपनी भाषा को प्राथमिकता दी जाती है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रो.सैफुद्दीन सोज ने कहा कि यह दिन गुज्जर समुदाय के लिए यादगार दिन है। आज यहां पर देश के विभिन्न कोने से आए गुज्जर समुदाय के लोग जुटे हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि गुज्जरों की समस्याओं को हल करवाने का प्रयास किया जाएगा। इससे पहले गुज्जर देश चैरिटेबल ट्रस्ट के चेयरमैन मसूद चौधरी ने सभी मेहमानों का स्वागत करते हुए गुज्जर समुदाय की समस्याओं को उठाया। उन्होंने कहा कि वर्ष 1940 में पं. नेहरू ने इस समुदाय के लोगों की जो हालत देखी थी आज तक उस हालात में कोई खास बदलाव नहीं आया है। उन्होंने कहा कि उनके समुदाय के लोग आर्थिक और सामाजिक तौर पर पिछड़े हुए हैं(दैनिक जागरण,जम्मू,30 मई,2010)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।