एक्सक्लूसिव सेटेलाइट फार एजुकेशनल सर्विस-एजुसैट को पंचायती राज से जुड़े जनप्रतिनिधियों को आनलाइन ट्रेनिंग की जिम्मेदारी दी गयी है। बेल्ट्रान को कार्यकारी एजेंसी बनाया गया है। पटना स्थित इसके सेंट्रल स्टूडियो को इसके उपयुक्त माना गया है। आरंभ में यह ट्रेनिंग वन-वे होगी, हालांकि उसमें भी आडियो इनपुट टू-वे का होगा। पंचायती राज विभाग के सचिव डा. दीपक प्रसाद ने गुरुवार को बताया कि इस पूरी योजना पर पांच करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं और इसे तीन माह के अंदर शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। सचिव के अनुसार चालू वित्तीय वर्ष में 68 प्रखंडों में नये ब्लाक रिसोर्स सेंटर बनाये जा रहे हैं। सभी प्रखंडों में ऐसे रिसोर्स सेंटर होंगे, कई जगहों पर पहले से ये उपलब्ध हैं। कोशिश है कि पंचायत प्रतिनिधियों को न केवल पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि के संचालन की जानकारी दी जाए, बल्कि उनका क्षमतावर्द्धन भी हो। पंचायत सरकार की पूरी अवधारणा से वे परिचित हों और उसी अनुरूप अपनी तैयारी करें। इस ट्रेनिंग के लिए जिलों में डिस्ट्रिक्ट रिसोर्स परसन (डीआरपी) को नियुक्त किया जा चुका है। बिपार्ड की ओर से 119 लोगों को ट्रेनिंग भी दी जा चुकी है। मालूम हो कि एजुसैट, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का उपक्रम है, जो 2004 में देश में आनलाइन शिक्षण के लिए स्थापित किया गया है। पंचायत प्रतिनिधियों की ट्रेनिंग के लिए पहले स्वान (राज्यव्यापी क्षेत्रीय नेटवर्क) को जिम्मेदारी दी गयी थी। लेकिन प्रखंड स्तर पर इसके नेटवर्क(बैंडविड्थ) की जगह एजुसैट को ही उपयुक्त माना गया। अब यह जिम्मेदारी उसी को दी गयी है। डा. प्रसाद ने बताया कि एजुसैट का पटना स्टूडियो ही सेंट्रल स्टूडियो होगा। बिपार्ड ने जिन 119 मास्टर रिसोर्स परसन को ट्रेनिंग दी है, वे जिलों में 1900 जिला रिसोर्स परसन को प्रशिक्षण दे रहे हैं। प्रखंडों के संसाधन केंद्र को पंचायतों से जोड़ा जाएगा।
(दैनिक जागरण,पटना,14.5.2010 में भारतीय वसंत कुमार की रिपोर्ट)
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