मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

18 मई 2010

यूपी में उच्च शिक्षा अधिकारी भी प्रमाणित करेंगे छात्रवृत्ति की सूची

उत्तरप्रदेश में विश्वविद्यालय, डिग्री कालेज, इंजीनियरिंग व मेडिकल कालेज के अधिकारियों को अब छात्रवृत्ति की सूची प्रमाणित करने के लिए डीआईओएस के पास नहीं जाना पड़ेगा। उच्च शिक्षा व वोकेशनल कोर्सों के छात्रों की सूची प्रमाणित करने का अधिकार उच्च विभाग के अधिकारियों को दे दिया गया है। डीआईओएस सिर्फ इंटर कालेजों की छात्रवृत्ति की सूची ही प्रमाणित करेंगे।

अभी तक इंटर कालेजों के अलावा उच्च शिक्षा के छात्रों के छात्रवृत्ति की सूची डीआईओएस से प्रमाणित करानी पड़ती थी। पिछले साल ऐसा ही शासनादेश जारी हुआ था। इस पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार व इंजीनियरिंग कालेजों के प्राचार्यों ने आपत्ति जताई थी। विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने कई महीने तक सूची डीआईओएस के पास भेजी ही नहीं। उनका कहना था कि डीआईओएस से उच्च शिक्षा के छात्रों की सूची प्रमाणित कराना न्यायोचित नहीं है। इसके लिए प्रशासन को कई विश्वविद्यालय व इंजीनियरिंग कालेजों के अधिकारियों के साथ बैठक करनी पड़ी, तब कहीं जाकर सूची प्रमाणित हो पाई। शासन ने अब पुराने शासनादेश में बदलाव कर दिया है। गुरुवार की रात नए शासनादेश की जानकारी देने के लिए डीएम संजय प्रसाद ने समाज कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण व पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के अधिकारियों के अलावा विश्वविद्यालय व वोकेशनल संस्थानों के पदाधिकारियों के साथ बैठक की थी। बैठक में बताया गया कि अब सभी संस्थाओं को छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति के पात्र छात्रों का मास्टर डाटा तैयार कराना होगा। विश्वविद्यालय व उच्च शिक्षण संस्थानों की गरिमा को ध्यान में रखते हुए शासनादेश में तब्दीली कर दी गई है। अब उच्च शिक्षण संस्थानों के छात्रों की छात्रवृत्ति की सूची उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी प्रमाणित करेंगे। उच्च शिक्षा विभाग के किस अधिकारी को यह जिम्‍मेदारी सौंपी जाएगी, इसका निर्णय उच्च शिक्षा निदेशक द्वारा किया जाएगा। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी पहले की तरह अपने अधीनस्थ विद्यालयों के छात्रों का ब्योरा फीड कराकर उसकी सीडी कल्याणकारी विभागों को उपलब्ध कराएंगे। इसी तरह डीआईओएस को भी सभी इंटर कालेजों के छात्रवृत्ति के पात्र छात्रों का ब्योरा फीड कराना होगा। उसे प्रमाणित कर कल्याणकारी विभागों को सौंपना होगा।

(हिंदुस्तान,लखनऊ,15.5.2010 में इलाहाबाद संवाददाता की रिपोर्ट)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।