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17 मई 2010

अब पेश है डीयू का ई-पोर्टल

दिल्ली विश्वविद्यालय 21 मई को अपना ई-पोर्टल लॉन्च करेगा। नए सेशन में ग्रैजुएशन लेवल के स्टूडेंट्स को ई-लर्निंग मटीरियल मिल सकेगा। अभी यह मटीरियल इंग्लिश में ही तैयार किया गया है, लेकिन यहां पढ़ने वाले काफी स्टूडेंट्स हिंदी बैकग्राउंड से होते हैं। इसे देखते हुए यूनिवर्सिटी ने तय किया है कि दोनों मीडियम में चलने वाले कोर्सेज का हिंदी में भी ई-मटीरियल तैयार किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट की सबसे खास बात ई-लैब (वर्चुअल लैब) है।

ई-लैब के जरिए साइंस के स्टूडेंट्स इंटरनेट पर प्रैक्टिकल सीख सकते हैं। यहां वॉइस ओवर के जरिए स्टूडेंट्स को प्रैक्टिकल करना सिखाया जाएगा। अभी वॉइस ओवर इंग्लिश में तैयार किया गया है, लेकिन यूनिवर्सिटी का मानना है कि ई-लैब में वॉइस ओवर हिंदी में भी होगा ताकि अगर किसी स्टूडेंट को इंग्लिश समझने में कोई दिक्कत होगी तो वह हिंदी में वॉइस ओवर सुनकर प्रैक्टिकल कर सकेगा। लैब सेफ्टी के बारे में भी स्टूडेंट्स को बताया जाएगा, ताकि प्रैक्टिकल के दौरान किसी दुर्घटना की आशंका न रहे।

ई-प्रोजेक्ट तैयार करने वाले डीयू के इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ लॉन्ग लर्निंग (आईएलएलएल) के डायरेक्टर प्रो. ए. के. बख्शी ने बताया कि 21 मई को ई-पोर्टल लांच किए जाने की पूरी तैयारी है। उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले पार्लियामेंट कमिटी के सामने डीयू के इस प्रोजेक्ट का मॉडल पेश किया गया था।

उन्होंने बताया कि ई-लैब में सबसे खास बात यह है कि अगर किसी स्टूडेंट्स को प्रैक्टिकल की एबीसी भी नहीं आती तो भी वह प्रैक्टिकल कर सकता है। ई-लैब में वॉइस ओवर के जरिए स्टूडेंट्स हर छोटी-छोटी बात की जानकारी सुन सकेंगे, जैसे प्रैक्टिकल किस तरह होता है। किसी प्रैक्टिकल में कौन-कौन सा केमिकल यूज होता है और उसका क्या रिजल्ट होता है। इसके तहत स्टूडेंट एक बार नहीं, बल्कि कई बार प्रैक्टिकल की प्रैक्टिस कर सकता है। ई-मटीरियल डीयू सिलेबस पर आधारित होगा। स्टूडेंट्स को विजुअल और एनिमेशन के जरिए भी काफी कुछ बताया जाएगा।

हिंदी में ई-मटीरियल तैयार होने से स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग के स्टूडेंट्स को काफी फायदा होगा क्योंकि वहां हिंदी मीडियम से पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स की संख्या काफी ज्यादा होती है। पॉलिटिकल साइंस, हिस्ट्री, बीकॉम जैसे कई सब्जेक्ट में हिंदी में ई-लर्निंग मटीरियल तैयार किया जाएगा।

ई-लर्निंग मटीरियल चार तरह का होगा। ई-चैप्टर, ई-क्विज, ई- लैब और ई- लेक्चर। ग्रैजुएशन लेवल पर इंग्लिश, हिंदी, फिजिक्स, केमिस्ट्री, लाइफ साइंस, कंप्यूटर साइंस, कॉमर्स, पॉलिटिकल साइंस, ज्योग्राफी, एजुकेशन का स्टडी मटीरियल तैयार किया गया है। जो क्वेश्चन तैयार किए गए हैं, उनके जवाब भी स्टूडेंट्स को मिलेंगे। अब स्टूडेंट्स सेल्फ असेसमेंट कर सकेंगे और क्लासरूम टीचिंग के साथ- साथ ई-लर्निंग मटीरियल काफी फायदेमंद साबित होगा।

15,000 से ज्यादा ई-क्विज तैयार कर लिए गए हैं। जब स्टूडेंट ई-क्विज ऑप्शन पर क्लिक करेंगे, तो उन्हें अपने सब्जेक्ट से जुड़ी क्विज हल करने को मिलेंगी। ई-क्वेश्चन के आगे तीन तरह के कलर होंगे। ग्रीन कलर वाले क्वेश्चन आसान होंगे। येलो कलर वाले क्वेश्चन उससे थोड़े मुश्किल होंगे जबकि ओरेंज कलर वाले क्वेश्चन बहुत मुश्किल होंगे। स्टूडेंट्स अपने-अपने हिसाब से क्वेश्चन सिलेक्ट कर सकता है।
(नवभारत टाइम्स,दिल्ली,17.5.2010 में भूपेंद्र की रिपोर्ट)

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