आल इंडिया इंजीनियरिंग एंट्रेंस एक्जाम (एआईईईई) एवं आईआईटी-जेईई परीक्षा को संयुक्त बनाने का खाका तैयार हो रहा है। सूचना एवं तकनीक सहित प्रौद्योगिकी की तमाम शाखाओं के लिए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने पाठ्यक्रम कमेटी गठित कर दी है। संयुक्त स्लेबस को अंतिम रूप देने के लिए एनआईटी एवं आईआईटी सहित देश के शीर्ष इंजीनियरिंग कालेज के प्रमुखों का पैनल बनाया जा चुका है। नई योजना के अनुसार अब जेईई एवं एआईईईई के माध्यम से अलग अलग इंजीनियरिंग के विभिन्न पाठ्यक्रमों की एक मेरिट बनेगी। मानव संसाधन विकास मंत्रालय की कमेटी में इलाहाबाद मोती लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक डा. एबी समद्दर भी इस कमेटी में शामिल हैं। उन्होंने बताया पाठ्यक्रम को अंतिम प्रारूप देने के लिए एक बैठक 19 मई को नई दिल्ली में होने वाली है। बैठक में एनआईटी एवं आईआईटी सहित देश के शीर्ष इंजीनियरिंग कालेज के विषय विशेषज्ञ शामिल होंगे। बैठक में संयुक्त परीक्षा के प्रारूप को अंतिम रूप देने पर चर्चा होगी। कमेटी परीक्षा में पारम्परिक सवालों के अतिरिक्त कुछ नए विषय भी शामिल किये जाने पर विचार करेंगी। दो चरणों की वैकल्पिक परीक्षा में गणित, भौतिक, रसायन व आप्शनल विषय के प्रश्न तो शामिल होंगे ही साथ ही व्यावहारिक एवं तर्क आदि को विस्तृत स्वरूप दिया जाएगा। परीक्षा के बाद छात्रों की मेरिट के आधार पर संस्थानों की प्राथमिकता तय की जाएगी। डा. समद्दर ने स्पष्ट किया कि परीक्षा के आंशिक पाठ्यक्रम की समीक्षा की जिम्मेदारी एनआईटी इलाहाबाद को भी दी गई है। 19 मई को दिल्ली में आयोजित बैठक में संस्थान का प्रतिनिधि भी शामिल होगा। यह प्रवेश परीक्षा एनआईटी एवं आईआईटी के संस्थानों के अलावा ट्रिपल आईटी, गेट, जीमैट, जैम आदि संस्थाओं एवं पाठ्यक्रमों के लिए होगी। देशभर में एनआईटी की संख्या 30 हो चुकी है जबकि देश भर में आईआईटी के दर्जनभर से अधिक संस्थान हैं।
(दैनिक जागरण,लखनऊ,18.5.2010)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।