पर्यटन के साथ नैनीताल अब कानून की शिक्षा के क्षेत्र में भी मील का पत्थर बनने जा रहा है। राज्य सरकार ने नैनीताल में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी खोलने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री की स्वीकृति के साथ ही शासन स्तर से सभी औपचारिकताएं लगभग पूरी हो चुकी हैं। लॉ यूनिवर्सिटी स्थापना के मामले में उत्तराखंड देश का बारहवां राज्य होगा। भारतीय संविधान की अनुसूची-7 में दिए गए अधिकारों के तहत राज्य सरकार ने इसे फाइनल किया है। नैनीताल स्थित उजाला (उत्तराखंड न्यायिक प्रशिक्षण अकादमी) ने इस आशय का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा था। यूनिवर्सिटी गठन के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित/पंजीकृत गवर्निग बॉडी की अप्रैल में हुई बैठक में एजेंडे को फाइनल रूप देने के बाद मॉडल ड्राफ्ट तैयार किया गया। गवर्निग बॉडी में कार्मिक, विधि-न्याय व वित्त विभाग के प्रमुख सचिव शामिल हैं। लॉ यूनिवर्सिटी स्थापित करने में विधि-न्याय व विधायी विभाग की बड़ी भूमिका है। विधि विशेषज्ञ दावा कर रहे हैं कि लॉ यूनिवर्सिटी बनने से राज्य के युवाओं का न्यायिक सेवा की तरफ रूझान बढ़ेगा। कुमाऊं विवि व उत्तराखंड मुक्त विवि के रूप में पहले से ही दो विवि नैनीताल में है। लॉ यूनिवर्सिटी बनाने को लेकर शासन में विशेष हलचल देखी जा रही है। इस मामले में राज्य सरकार, उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के लगातार संपर्क में है। नैनीताल में राज्यपाल के प्रवास का फायदा भी उठाने के प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि राज्यपाल स्तर पर मुख्य न्यायाधीश के साथ सभी मुद्दों को अंतिम रूप दे दिया जाए। मुख्यमंत्री की स्वीकृति के बाद विधि व न्याय विभाग ने भी प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है। कुछ शर्तों के साथ दो दिन पहले वित्त विभाग की मंजूरी मिल गई है। सूत्र बताते हैं कि इन दिनों विधानसभा सत्र नहीं होने की वजह से सरकार ने अध्यादेश लाने की तैयारी कर रखी है। यह भी हो सकता है कि मुख्यमंत्री विचलन से इसके आदेश जारी कर दें। (हिंदुस्तान,देहरादून,14.5.2010 में अजित सिंह राठी की रिपोर्ट)
मुख्य समाचारः
16 मई 2010
नैनीताल में विधि विश्वविद्यालय
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।