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16 मई 2010

ईवेंट मैनेजमेंट/सिलेब्रिटी मैनेजमेंट में करियर

किसी भी सामाजिक अथवा व्यावसायिक समारोह का आयोजन एक खास वर्ग के दर्शकों के लिए किया जाता है। इसके अंतर्गत मुख्य रूप से फैशन शो, संगीत समारोह, विवाह, थीम पार्टी, प्रदर्शनी, कॉर्पोरेट सेमिनार, प्रोडक्ट लॉन्चिंग तथा प्रीमियर आदि कार्यक्रम आते हैं। इसके अलावा इन कार्यक्रमों की संख्या एवं उनके स्वरूप में लगातार बदलाव भी देखने को मिल रहे हैं। जब भी हम इस तरह के आयोजनों को प्रत्यक्ष या किसी माध्यम से देखते हैं तो हमारे मन में बरबस ही यह ख्याल उठता है कि आखिर वे कौन लोग हैं, जो इसे सफल बनाते हैं। यदि उन सवालों का उत्तर ढूंढ़ा जाए तो बात आकर टिकती है ‘ईवेंट मैनेजरों’ पर। ये ईवेंट मैनेजर ही होते हैं, जो किसी समारोह को बेहतरीन रूप प्रदान करते हैं और उसे आकर्षक बनाने की हरसंभव कोशिश करते हैं। काम के बढ़ते दायरे एवं प्रोफेशनल्स की मांग ने इसे बाकायदा करियर का रूप दे दिया। धीरे-धीरे ‘ईवेंट मैनेजमेंट’ के नाम से विख्यात हो चुके इस पाठय़क्रम में लोगों ने अपनी रुचि दर्शानी शुरू कर दी। आज यह पाठय़क्रम काफी चर्चित हो चुका है तथा काफी अधिक संख्या में छात्र इस ओर रुख कर रहे हैं।

वहीं सिलेब्रिटी मैनेजमेंट का कॉन्सेप्ट भारत में पिछले पांच वर्षों में उफान पर आया है तथा प्रमुख सिलेब्रिटीज (अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान, आमिर खान, कैटरीना कैफ, ऐश्वर्या राय, महेंद्र सिंह धोनी, सचिन तेंदुलकर, जॉन अब्राहम आदि) की मांग तेजी से बढ़ी है। ये टॉप स्टार एक से लेकर डेढ़ करोड़ रुपए प्रति विज्ञापन अथवा ईवेंट का ले रहे हैं। इनमें से कुछ सिलेब्रिटीज मैनेजमेंट एजेंसी से जुड़ कर तो कुछ स्वतंत्र रूप से काम कर रहे हैं। आजकल आईपीएल एवं अन्य ईवेंट्स के जरिए नए स्टारों का आगमन हो रहा है। इसके अंतर्गत कोई भी प्रोफेशनल किसी सिलेब्रिटी मैनेजमेंट एजेंसी से जुड़ कर कार्य कर सकता है।

क्या कहती है इंडस्ट्री रिपोर्ट

फिक्की की रिपोर्ट के मुताबिक 90 के दशक में जहां इस इंडस्ट्री का कारोबार 20 करोड़ था, वहीं 2008 तक आते-आते इसका टर्नओवर 1800 करोड़ तक पहुंच गया। इसी तरह से 2009 के अंत तक इसका कारोबार 2000 करोड़ दर्ज किया गया। रिपोर्ट की मानें तो 2008 से ही यह इंडस्ट्री लगभग 200 प्रतिशत के हिसाब से ग्रो कर रही है। इसका वर्तमान परिदृश्य देख कर तो यही कहा जा सकता है कि इस समय छोटी अथवा मध्यम आकार की ईवेंट कंपनी खोलने का सही समय है। प्रतिदिन मेगा शो एवं ईवेंट का आयोजन किया जा रहा है। भारत में सबसे ज्यादा आयोजन विवाह, बर्थडे पार्टी, सेमिनार, एग्जीबिशन, कॉन्फ्रेंस, प्रोडक्ट लॉन्चिंग आदि के रूप में आयोजित हो रहे हैं। मांग का ही असर है कि देश में 500 से भी अधिक बड़ी कंपनियां तथा करीब 1800 छोटी कंपनियां चल रही हैं, जबकि सिलेब्रिटी मैनेजमेंट इंडस्ट्री के दिग्गजों का कहना है कि सिलेब्रिटी मैनेजमेंट एक कला है। इसका कारोबार 1,000 करोड़ तक पहुंच चुका है तथा कुल विज्ञापन का 80 प्रतिशत सिर्फ टॉप 50 सिलेब्रिटीज ही एकत्र कर रहे हैं।

डिग्री नहीं, हुनर की दरकार

ईवेंट इंडस्ट्री या सिलेब्रिटी मैनेजमेंट में करियर बनाने के लिए किसी स्पेशलाइज्ड डिग्री की बजाय प्रबंधन क्षमता, नेटवर्किग स्किल्स एवं क्रिएटिविटी की जरूरत होती है। ऐसे छात्र, जिन्होंने ग्रेजुएशन किया हो तथा उनमें जनसंपर्क एवं संयोजन का हुनर हो, वे आसानी से इस प्रोफेशन से जुड़ सकते हैं। हालांकि विगत चार-पांच वर्षो में इंडस्ट्री ने तेजी से ग्रोथ की है।

इसके चलते ग्रेजुएट छात्रों के लिए कई तरह के कोर्स प्रचलन में आ गए हैं। सिलेब्रिटी मैनेजमेंट में अभी भी कोई पाठय़क्रम मौजूद नहीं है। यह ईवेंट मैनेजमेंट का एक नया रूप है। इसके अंतर्गत आने वाले कई सर्टिफिकेट एवं डिप्लोमा कोर्स तो बारहवीं के बाद ही किए जा सकते हैं। आजकल एमबीए जैसे कोर्सों की बुनियाद भी रख दी गई है।

यदि नामी-गिरामी संस्थानों को आधार बना लें तो इसमें छात्रों को प्रवेश लिखित परीक्षा एवं इंटरव्यू के जरिए मिलता है। कुछ संस्थान मेरिट बेस पर ही प्रवेश दे देते हैं।

ईवेंट अथवा सेलिब्रिटी मैनेजमेंट के क्षेत्र में मूल रूप से दो शाखाएं होती हैं- पहली लॉजिस्टिक मैनेजमेंट, जिसके अंतर्गत समारोह स्थल, सिलेब्रिटीज, दर्शक, कार्यक्रम का प्रचार इत्यादि का प्रबंध करना सम्मिलित है। दूसरी मार्केटिंग, जिसमें विभिन्न मीडिया के द्वारा ईवेंट का प्रचार तथा आयोजकों का प्रबंध करना शामिल होता है।

इसमें पोस्ट ग्रेजुएट संबंधित पाठय़क्रमों में ईवेंट मार्केटिंग, पब्लिक रिलेशनशिप तथा स्पॉन्सरशिप, ईवेंट को-ऑर्डिनेशन, ईवेंट प्लानिंग, रिस्क मैनेजमेंट, ईवेंट टीम रिलेशनशिप, ईवेंट टीम मैनेजमेंट से संबंधित नियम, ईवेंट अकाउंटिंग तथा तर्कसंगत बातों की सैद्घान्तिक तथा व्यावहारिक ट्रेनिंग दी जाती है। व्यावहारिक ट्रेनिंग के दौरान छात्रों को फिल्म अवॉर्ड समारोह, फैशन शो, ज्वैलरी प्रदर्शनी तथा कॉरपोरेट ईवेंट्स जैसे बड़े समारोह के लिए काम करने का अवसर मिलता है। कोर्स समाप्त होते ही प्रोफेशनल्स किसी ईवेंट अथवा सिलेब्रिटी मैनेजमेंट कंपनी से जुड़ कर प्रैक्टिकल नॉलेज (इंटर्नशिप) हासिल कर सकते हैं।

कैसे हो सकते हैं सफल

ईवेंट अथवा सिलेब्रिटी मैनेजमेंट के क्षेत्र में करियर तलाश रहे छात्रों के लिए स्कूल तथा कॉलेजों में सांस्कृतिक उत्सवों का संचालन करना ही प्रारंभिक प्रशिक्षण हो सकता है। इसमें शैक्षिक योग्यता के साथ-साथ निम्नलिखित व्यक्तिगत गुण होने चाहिए-

कुशल संवाद क्षमता

यदि आप संवाद क्षमता में पारंगत हैं तो इसका उपयोग करके आप इस क्षेत्र में भविष्य संवार सकते हैं। अन्य लोगों के साथ बेहतर कम्युनिकेशन स्किल्स न सिर्फ आपको काम उपलब्ध करवाती है, बल्कि इससे व्यक्तिगत पकड़ भी अच्छी बनती है।

परिस्थितियों का आकलन

एक ईवेंट मैनेजर की सोच तार्किक होने के साथ-साथ रचनात्मक भी होनी चाहिए। किसी भी समस्या को समझने से लेकर तत्काल उसका हल ढूंढ़ने की क्षमता किसी भी प्रोफेशनल को एक सफल ईवेंट मैनेजर की पदवी दिला सकती है।

नेटवर्किंग स्किल्स

नेटवर्किंग स्किल्स के जरिए आप आयोजनों को सफलतापूर्वक संपन्न करा सकते हैं। किस-किस से संपर्क बनाए रखने से आपका आयोजन सफल हो सकता है, यह सारा खाका नेटवर्किंग के जरिए ही तय होता है।

परिस्थितियों को संभालने का गुण

किसी भी व्यवस्था के गड़बड़ होने पर उसे तत्काल सही रूप देना एक अच्छे ईवेंट मैनेजर की क्वालिटी होनी चाहिए।

टीम वर्क एवं लीडरशिप

टीम के रूप में काम करने तथा टीम का नेतृत्व करने की क्षमता एक ईवेंट मैनेजर के लिए बहुत ही जरूरी है। किसी भी कार्य को संगठित करने का कौशल इस व्यवसाय के लिए बहुत जरूरी है।

ईवेंट मैनेजमेंट/सिलेब्रिटी मैनेजमेंट के प्रमुख संस्थान

एमिटी इंस्टीटय़ूट ऑफ ईवेंट मैनेजमेंट, नोएडा

यह संस्थान एमिटी स्कूल ऑफ कम्युनिकेशन के अंतर्गत आता है। इसमें पढ़ाए जाने वाला ईवेंट मैनेजमेंट का सिर्फ एक ही पाठय़क्रम है, जो पीजी डिप्लोमा इन ईवेंट मैनेजमेंट के रूप में होता है। इसमें छात्रों के लिए कुल 60 सीटें हैं। छात्रों की भीड़ को देखते हुए संस्थान ने सीटों की संख्या पिछले साल के मुकाबले में बढ़ा दी है। पाठय़क्रम ईवेंट एवं सिलेब्रिटी मैनेजमेंट, रिस्क मैनेजमेंट को ध्यान में रख कर ही डिजाइन किया गया है।

कोर्स की रूपरेखा निम्न हैं-
पीजी डिप्लोमा इन ईवेंट मैनेजमेंट (अवधि- एक वर्ष, योग्यता- ग्रेजुएट/डिप्लोमा)

पता-सेक्टर-125, नोएडा-201301

वेबसाइट- www.amity.edu

अन्य प्रमुख संस्थान

ईवेंट मैनेजमेंट डेवलपमेंट इंस्टीटय़ूट, मुंबई, पुणे, बेंगलुरू
वेबसाइट-
www.emdiworld.com

नेशनल इंस्टीटय़ूट ऑफ ईवेंट मैनेजमेंट, पुणे, मुंबई
वेबसाइट-
www.niemindia.com

नैम इंस्टीटय़ूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज
वेबसाइट
- www.namedu.net

नेशनल एकेडमी ऑफ ईवेंट मैनेजमेंट एंड डेवलपमेंट, जयपुर, अहमदाबाद, बड़ोदरा, भुवनेश्वर, इंदौर, पुणे, पटना
वेबसाइट-
www.naemd.com

इंटरनेशनल सेंटर फॉर ईवेंट मार्केटिंग, दिल्ली
वेबसाइट-
www.iceem.net

कॉलेज ऑफ ईवेंट एंड मैनेजमेंट, पुणे
वेबसाइट
- www.coemindia.com

कोचिंग संस्थान

दिल्ली सहित कई शहरों में छोटे-बड़े संस्थान हैं, जो ईवेंट मैनेजमेंट के लिए कोचिंग देते हैं। हालांकि ऐसे कोचिंग सेंटरों की संख्या कम है, क्योंकि इसमें कोचिंग की जगह कोर्स कराया जाता है। ज्यादातर छात्रों को मेरिट के आधार पर ही एडमिशन दिया जाता है।

स्कॉलरशिप

एडमिशन के बाद कई संस्थान छात्रों को स्कॉलरशिप की सुविधा उपलब्ध कराते हैं। यह स्कॉलरशिप उन्हीं छात्रों को दी जाती है, जिनके अंक 80 प्रतिशत से ऊपर होते हैं अथवा प्रथम सेमेस्टर में वे 90-95 प्रतिशत अंक हासिल करते हैं। इनमें फीस माफी भी शामिल है। जिन छात्रों का एकेडमिक रिकॉर्ड व व्यवहार अच्छा होता है, उन्हें संस्थान की तरफ से ट्रेनिंग के लिए विदेश भी भेजा जाता है।

एजुकेशन लोन

कुछ प्रमुख राष्ट्रीयकृत बैंक हैं, जो प्रोफेशनल कोर्स के लिए छात्रों को एजुकेशन लोने देते हैं। यह एजुकेशन लोन देश में अधिकतम 10 लाख तथा विदेशों में ईवेंट मैनेजमेंट का कोर्स करने के लिए 20 लाख तक प्रदान किया जाता है। इसमें तीन लाख तक कोई सिक्योरिटी नहीं ली जाती है, जबकि उसके ऊपर लोन के हिसाब से सिक्योरिटी देनी आवश्यक है। ब्याज दर तथा लौटाने संबंधी जानकारी बैंक के जरिए मिल सकती है।

नौकरी के अवसर

जिस तरह से ईवेंट एवं सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का क्षेत्र अपने पांव पसार रहा है, उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि नए प्रोफेशनल्स को काम की कमी नहीं ङोलनी पड़ेगी। भारत में ईवेंट एवं सिलेब्रिटी मैनेजरों का प्रमुख कार्यक्षेत्र ईवेंट मैनेजमेंट ऑर्गेनाइज कराने वाली कंपनियां, होटल इंडस्ट्री, एडवर्टाइजिंग एवं पीआर कंपनियां, टीवी चैनल, कॉरपोरेट तथा न्यूज मीडिया आदि हैं।

वेतन

नए प्रोफेशनल्स को 8-10 हजार प्रतिमाह मिलते हैं। अनुभवी मैनेजर 50-80 हजार प्रतिमाह तक कमा रहे हैं। किसी भी ईवेंट का सफल आयोजन करने पर ईवेंट कंपनियों को खर्च की 15-20 फीसदी राशि मिलती है।

परामर्श
उषा एल्बुकर्क, निदेशक, करियर स्मार्ट

मैंने 12वीं की परीक्षा दी है। जानना चाहता हूं कि ईवेंट मैनेजमेंट के लिए क्या क्वालिफिकेशन की जरूरत है?
मुकेश कुमार, न्यू फ्रैंड्स कॉलोनी

एक अच्छे ईवेंट मैनेजर बनने के लिए कोई सर्टिफाइड क्वालिफिकेशन की जरूरत नहीं है। एक अच्छे पब्लिक रिलेशन और नेटवर्किग स्किल के साथ ग्रेजुएशन आपको इस क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए काफी है। ईवेंट मैनेजमेंट पीआर और मास कम्युनिकेशन कोर्स का ही एक हिस्सा है, पर कुछ संस्थान इसमें स्पेशलाइज्ड डिप्लोमा और एडवांस्ड डिप्लोमा ऑफर करते हैं। आप किसी भी विषय में स्नातक करने के बाद इन कोर्सेज में प्रवेश ले सकते हैं।

मैं कॉरेसपॉन्डेंस से बीए प्रथम वर्ष का छात्र हूं। मैं ईवेंट मैनेजमेंट करना चाहता हूं। मैं ऑपरेशन के रूप में काम करना चाहता हूं, मार्केटिंग या मैनेजर के रूप में नहीं, क्योंकि मेरी अंग्रेजी कमजोर है। ऐसे कोर्स और संस्थान कौन-कौन से हैं और जॉब कहां लग सकती है।
रोहन, भोगल

ईवेंट मैनेजमेंट कंपनी में तीन मुख्य विभाग होते हैं-ऑपरेशन्स, रिसर्च और प्लानिंग तथा मार्केटिंग। ऑपरेशन्स में ईवेंट को ब्रॉन्ड की तरह देखना पड़ता है और साथ ही यह रिसर्च करनी पड़ती है कि उस ब्रॉन्ड की जरूरत क्या होगी। इसके लिए परफेक्शन, मेहनत और संयम की जरूरत होती है। भारत में अभी ऐसा कोई अलग कोर्स नहीं है, न डिग्री न डिप्लोमा, जो ईवेंट मैनेजमेंट में नौकरी लगने की गारंटी दे सके, पर पीआर/विज्ञापन/जनसंचार/सेल्स और मार्केटिंग, यहां तक कि बिजनेस मैनेजमेंट भी सहायता करता है। कुछ प्रशिक्षण संस्थान हैं-
-भारतीय जनसंचार संथान, नई दिल्ली
- भारतीय विद्याभवन, नई दिल्ली
-वाईएमसीए इंस्टीटय़ूट ऑफ मास मीडिया स्टडीज, दिल्ली
-सोफिया कॉलेज, मुंबई

एक्सपर्ट व्यू

मानसिक रूप से मजबूत होना जरूरी
आरके डार्गन (डायरेक्टर), एमिटी स्कूल ऑफ कम्युनिकेशन, नोएडा

वर्तमान में ईवेंट इंडस्ट्री की क्या स्थिति है?

पिछले कुछ वर्षों से ईवेंट इंडस्ट्री बूम कर रही है। आईपीएल मैच हो अन्य कोई बड़ा ईवेंट, सबने इसके विस्तार में पंख लगाए हैं। अधिक संख्या में वीआईपी का आगमन हो रहा है तथा आउटसोर्स का काम भी बढ़ा है। हर चीज का व्यावसायीकरण भी तेजी से हो रहा है। इन सब को देखते हुए ईवेंट इंडस्ट्री की स्थिति न सिर्फ संतोषप्रद, बल्कि संभावनाओं से भरपूर नजर आती है। छात्र भी इसकी ओर तेजी से झुक रहे हैं।

इस फील्ड में काम करने के लिए कोर्स कितना आवश्यक है?

कोर्स के जरिए ही छात्रों को ईवेंट की आधारभूत जानकारी मिलती है। इसमें मुख्य रूप से मार्केटिंग, ईवेंट प्लानिंग, बजटिंग, रिस्क हैंडिल करने, कॉस्टिंग, अकाउंटेंसी, मीडियम तलाशने आदि सभी गुणों से लैस किया जाता है। यह जानकारी थ्योरिटिकल एवं प्रैक्टिकल दोनों होती है। यह कोर्स महज टाइमपास कोर्स न होकर सीरियस कोर्स है तथा इसमें छात्रों को मानसिक रूप से मजबूत बनना आवश्यक है।

किस तरह से एक सफल प्रोफेशनल बना जा सकता है?

सबसे पहले तो मैं यही राय दूंगा कि छात्र कोर्स करके ही इस फील्ड में कदम रखें, क्योंकि स्थितियां पहले से बदल गई हैं। कोर्स खत्म होते ही तुरंत किसी ईवेंट कंपनी में इंटर्नशिप कर लें। हर कंपनी का ईवेंट ऑर्गेनाइज करने का तरीका अलग होता है। वैसे लगभग सभी संस्थान कोर्स के बाद 4-6 सप्ताह की इंटर्नशिप करवाते हैं। छात्र अपना नेटवर्क भी तलाशते रहें।

लड़कियों के लिए इस इंडस्ट्री में क्या संभावनाएं हैं?

आजकल तो ईवेंट मैनेजमेंट के कोर्स में लड़कियां अधिक रुचि दर्शा रही हैं। जॉब प्रोफाइल में भी उनकी संख्या ज्यादा है। इसका सबसे बड़ा कारण यही है कि लड़कियां ईवेंट प्लानिंग सही तरीके से करती हैं तथा कॉन्फ्रेंस प्लानिंग कंडक्ट कराने से लेकर मैनेजमेंट तक का कार्य आसानी से कर लेती हैं। कंपनियां भी उनके काम को प्रमुखता देती हैं।

सफल शख्सियत
रास्ते मिलते गए
लक्ष्य (डायरेक्टर), ब्लैक राइडर्स प्रा.लि., दिल्ली

सन 2000 में दोस्तों से मिली जानकारी के आधार पर जब मैंने इस इंडस्ट्री में कदम रखा तो मुझे इसके बारे में ज्यादा कुछ नहीं मालूम था। उस दौरान न कोर्स ही होते थे और न ज्यादा किसी को इसके बारे में पता ही होता था। मैंने बिना कोर्स किए एक कंपनी में काम करना शुरू किया। धीरे-धीरे काम पसंद आता गया और मैं एक साल में प्रमोटर से सुपरवाइजर बन गया। एक-दो कंपनियां बदलने के बाद जैसे ही कुछ अनुभव हुआ, मैंने अपनी कंपनी स्थापित कर ली। इस दौरान संघर्ष भी खूब करना पड़ा। कंपनियों से काम मिलने में कई दिक्कतें पेश आती थीं, क्योंकि ये लाइन कॉन्टेक्ट बेस्ड लाइन है। आज से साढ़े तीन साल पूर्व मैंने दिल्ली में दूसरी कॉरपोरेट ईवेंट कंपनी ‘ब्लैक राइडर्स’ की स्थापना की। समय रहते बड़े-बड़े प्रोजेक्ट मिलते गए और कंपनी चल निकली। मैं इस फील्ड में आने के इच्छुक छात्रों से यही कहूंगा कि कठिन परिश्रम, धैर्य व रुचि ही सफलता का मूलमंत्र है। यह फील्ड पूरी तरह से प्रैक्टिकल है।

(नमिता सिंह,हिंदुस्तान,दिल्ली,12.5.2010)

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