डीयू से बीकॉम ऑनर्स करना अच्छी जॉब की गारंटी बन गया है। यह कोर्स कर चुके स्टूडेंट बड़ी कंपनियों में सीईओ की पोस्ट तक पहुंच रहे हैं और लीडर के तौर पर काम कर रहे हैं। यूनिवसिर्टी का यह कोर्स स्टूडेंट्स में लीडरशिप की क्वॉलिटी डिवेलप करता है और इस कोर्स से वे मैनेजमेंट, माकेर्टिंग के गुर भी सीखते हैं।
कॉलेजों के प्रिंसिपलों का कहना है कि कॉरपोरेट वर्ल्ड में अब बीकॉम ऑनर्स करने वाले स्टूडेंट्स की काफी डिमांड है और ये स्टूडेंट्स यह कोर्स करने के बाद एमबीए करते हैं। खास बात यह है कि स्टूडेंट्स की सोच में बदलाव आया है और हाई पैकेज उन्हें कॉरपोरेट वर्ल्ड की ओर खींच रहा है।
श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स के प्रिंसिपल डॉ. पी. सी. जैन बताते हैं कि पहले 70 से 80 पर्सेंट स्टूडेंट्स बीकॉम ऑनर्स करने के बाद सीए करना पसंद करते थे, लेकिन अब इस ट्रेंड में बदलाव आया है। अब काफी स्टूडेंट्स कॉरपोरेट र्वल्ड में जाना चाहते हैं और इसके लिए ग्रैजुएशन के बाद एमबीए और मैनेजमेंट के दूसरे टॉप कोर्स करना पसंद करते हैं। जैन के मुताबिक एसआरसीसी के काफी स्टूडेंट्स नामी कंपनियों को चला रहे हैं क्योंकि इस कोर्स के दौरान उन्हें मैनेजमेंट की ट्रेनिंग भी दी जाती है, प्रोजेक्ट भी करने को मिलते हैं।
खास बात यह है कि बीकॉम ऑनर्स के स्टूडेंट्स सिविल सविर्सेज में भी कामयाबी पाते हैं, एनजीओ में भी काम करते हैं, बैंकिंग व इंश्योरेंस सेक्टर में भी उनकी डिमांड है। इसके अलावा गवर्नमेंट जॉब में भी ये स्टूडेंट्स काफी संख्या में हैं, लेकिन कॉरपोरेट र्वल्ड में सैलरी पैकेज काफी हाई है और स्टूडेंट्स अब उस दिशा में जाना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। बीकॉम कोसेर्ज में इन्फर्मेशन टेक्नॉलजी और कंप्यूटर एजुकेशन पर खास फोकस हो गया है। ये कोर्स अब पूरी तरह से माकेर्ट ओरिएंटेड बन चुके हैं और कॉमर्स ही नहीं, बल्कि साइंस और आर्ट स्ट्रीम के स्टूडेंट भी इसमें अप्लाई करते हैं।
करियर ऑप्शन
बीकॉम के बाद रेवेन्यू सविर्सेज में करियर बनाया जा सकता है। फाइनैंस और माकेर्टिंग भी स्टूडेंट्स की टॉप चॉइस में रहते हैं। स्टूडेंट्स इनकम टैक्स, कस्टम, एक्साइज, सेल्स टैक्स और वैट जैसी फील्ड में करियर बनाते हैं। बैंकिंग, सीए, सीएस, कॉस्ट एंड वर्क अकाउंटेंसी, चार्टर्ड फाइनेंशल एनालिस्ट, फाइनैंस, इंश्योरेंस, मैनेजमेंट की फील्ड में भी एंट्री आसान हो जाती है। बीकॉम ऑनर्स करने के बाद स्टूडेंट्स एमबीए भी करते हैं और उन्हें एमबीए करने के दौरान बीकॉम ऑनर्स कोर्स की पढ़ाई से काफी मदद मिलती है। इंटरनैशनल बिजनेस करने वाली कंपनियों में भी इन स्टूडेंट्स की काफी डिमांड रहती है।
बीकॉम ऑनर्स का सिलेबस
बिजनेस मैथमेटिक्स, कॉरपोरेट लॉ, बिजनेस ऑर्गनाइजेशन एंड मैनेजमेंट, फाइनैंशल अकाउंटिंग, बिजनेस कम्यूनिकेशन, पॉलिटिक्स, एथिक्स एंड सोशल रिस्पॉन्सबिलिटी ऑफ बिजनेस, कॉरपोरेट अकाउंटिंग, कॉस्ट अकाउंटिंग, माइक्रोइकनॉमिक्स थ्योरी एंड ऐप्लिकेशन, बिजनेस स्टैटिक्स, बिजनेस लॉ, इंट्रोडक्शन टु कंप्यूटर एंड इन्फमेर्टिक्स सिस्टम, इनकम टैक्स एंड प्रैक्टिस, इंडियन इकॉनमी - परफॉर्मेंस एंड पॉलिसीज, प्रोजेक्ट वर्क, फाइनेंशल मैनेजमेंट, ई-कॉमर्स, ऑडिटिंग, फंडामेंटल ऑफ इनवेस्टमेंट, माकेर्टिंग एंड इंटरनैशनल बिजनेस, हिंदी, पॉलिटिकल साइंस, मैनेजमेंट अकाउंटिंग, मैक्रो-इकनॉमिक्स
बीकॉम का सिलेबस
फाइनेंशल अकाउंटिंग, बिजनेस एंड इंडस्ट्रियल लॉ, बिजनेस, मैथमेटिक्स एंड स्टैटिक्स, कॉरपोरेट अकाउंटिंग, कंपनी एंड कंपनेशन लॉ, इकनॉमिक्स, कॉस्ट अकाउंटिंग, कंप्यूटर ऐप्लीकेशन, इनकम टैक्स एंड ऑडिटिंग, ह्यूमैनटीज के पेपर, बिजनेस ऑर्गनाइजेशन एंड मैनेजमेंट।
(नवभारत टाइम्स,दिल्ली,27.5.2010 में भूपेंद्र की रिपोर्ट)
कॉलेजों के प्रिंसिपलों का कहना है कि कॉरपोरेट वर्ल्ड में अब बीकॉम ऑनर्स करने वाले स्टूडेंट्स की काफी डिमांड है और ये स्टूडेंट्स यह कोर्स करने के बाद एमबीए करते हैं। खास बात यह है कि स्टूडेंट्स की सोच में बदलाव आया है और हाई पैकेज उन्हें कॉरपोरेट वर्ल्ड की ओर खींच रहा है।
श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स के प्रिंसिपल डॉ. पी. सी. जैन बताते हैं कि पहले 70 से 80 पर्सेंट स्टूडेंट्स बीकॉम ऑनर्स करने के बाद सीए करना पसंद करते थे, लेकिन अब इस ट्रेंड में बदलाव आया है। अब काफी स्टूडेंट्स कॉरपोरेट र्वल्ड में जाना चाहते हैं और इसके लिए ग्रैजुएशन के बाद एमबीए और मैनेजमेंट के दूसरे टॉप कोर्स करना पसंद करते हैं। जैन के मुताबिक एसआरसीसी के काफी स्टूडेंट्स नामी कंपनियों को चला रहे हैं क्योंकि इस कोर्स के दौरान उन्हें मैनेजमेंट की ट्रेनिंग भी दी जाती है, प्रोजेक्ट भी करने को मिलते हैं।
खास बात यह है कि बीकॉम ऑनर्स के स्टूडेंट्स सिविल सविर्सेज में भी कामयाबी पाते हैं, एनजीओ में भी काम करते हैं, बैंकिंग व इंश्योरेंस सेक्टर में भी उनकी डिमांड है। इसके अलावा गवर्नमेंट जॉब में भी ये स्टूडेंट्स काफी संख्या में हैं, लेकिन कॉरपोरेट र्वल्ड में सैलरी पैकेज काफी हाई है और स्टूडेंट्स अब उस दिशा में जाना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। बीकॉम कोसेर्ज में इन्फर्मेशन टेक्नॉलजी और कंप्यूटर एजुकेशन पर खास फोकस हो गया है। ये कोर्स अब पूरी तरह से माकेर्ट ओरिएंटेड बन चुके हैं और कॉमर्स ही नहीं, बल्कि साइंस और आर्ट स्ट्रीम के स्टूडेंट भी इसमें अप्लाई करते हैं।
करियर ऑप्शन
बीकॉम के बाद रेवेन्यू सविर्सेज में करियर बनाया जा सकता है। फाइनैंस और माकेर्टिंग भी स्टूडेंट्स की टॉप चॉइस में रहते हैं। स्टूडेंट्स इनकम टैक्स, कस्टम, एक्साइज, सेल्स टैक्स और वैट जैसी फील्ड में करियर बनाते हैं। बैंकिंग, सीए, सीएस, कॉस्ट एंड वर्क अकाउंटेंसी, चार्टर्ड फाइनेंशल एनालिस्ट, फाइनैंस, इंश्योरेंस, मैनेजमेंट की फील्ड में भी एंट्री आसान हो जाती है। बीकॉम ऑनर्स करने के बाद स्टूडेंट्स एमबीए भी करते हैं और उन्हें एमबीए करने के दौरान बीकॉम ऑनर्स कोर्स की पढ़ाई से काफी मदद मिलती है। इंटरनैशनल बिजनेस करने वाली कंपनियों में भी इन स्टूडेंट्स की काफी डिमांड रहती है।
बीकॉम ऑनर्स का सिलेबस
बिजनेस मैथमेटिक्स, कॉरपोरेट लॉ, बिजनेस ऑर्गनाइजेशन एंड मैनेजमेंट, फाइनैंशल अकाउंटिंग, बिजनेस कम्यूनिकेशन, पॉलिटिक्स, एथिक्स एंड सोशल रिस्पॉन्सबिलिटी ऑफ बिजनेस, कॉरपोरेट अकाउंटिंग, कॉस्ट अकाउंटिंग, माइक्रोइकनॉमिक्स थ्योरी एंड ऐप्लिकेशन, बिजनेस स्टैटिक्स, बिजनेस लॉ, इंट्रोडक्शन टु कंप्यूटर एंड इन्फमेर्टिक्स सिस्टम, इनकम टैक्स एंड प्रैक्टिस, इंडियन इकॉनमी - परफॉर्मेंस एंड पॉलिसीज, प्रोजेक्ट वर्क, फाइनेंशल मैनेजमेंट, ई-कॉमर्स, ऑडिटिंग, फंडामेंटल ऑफ इनवेस्टमेंट, माकेर्टिंग एंड इंटरनैशनल बिजनेस, हिंदी, पॉलिटिकल साइंस, मैनेजमेंट अकाउंटिंग, मैक्रो-इकनॉमिक्स
बीकॉम का सिलेबस
फाइनेंशल अकाउंटिंग, बिजनेस एंड इंडस्ट्रियल लॉ, बिजनेस, मैथमेटिक्स एंड स्टैटिक्स, कॉरपोरेट अकाउंटिंग, कंपनी एंड कंपनेशन लॉ, इकनॉमिक्स, कॉस्ट अकाउंटिंग, कंप्यूटर ऐप्लीकेशन, इनकम टैक्स एंड ऑडिटिंग, ह्यूमैनटीज के पेपर, बिजनेस ऑर्गनाइजेशन एंड मैनेजमेंट।
(नवभारत टाइम्स,दिल्ली,27.5.2010 में भूपेंद्र की रिपोर्ट)
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