राजस्थान के शिक्षकों को सैकण्डरी कक्षाओं में जैव अभियांत्रिकी पढाने की चुनौती का सामना करना पडेगा। जबकि उन्होंने अपने छात्र जीवन में अमीबा-हाइड्रा के पाठ पढे थे। जो विषय उन्होंने स्नातक कक्षाओं में भी नहीं पढे थे, वे अब कक्षा नौ व दस में पढाने होंगे। ऎसी स्थिति विज्ञान में ही नहीं अंग्रेजी, गणित और सामाजिक में भी है। इस परेशानी का कारण शिक्षकों का पाठ्यक्रम के अनुरूप अपडेट नहीं होना है।
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (रमसा) में सत्र 2010-11 में 26 हजार शिक्षकों को उनके विषय की अद्यतन जानकारी के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए हर जिले के बजट में अलग से व्यवस्था की गई है। प्रशिक्षण में कंटेंट, मैथोडोलॉजी और नवाचार को शामिल किया जाएगा। राज्य में सीबीएसई पाठ्यक्रम लागू करने की तैयारी के बीच ऎसा प्रशिक्षण अनिवार्य हो गया है। हालांकि पहले चरण में जल्दबाजी में प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
(राजस्थान पत्रिका,27 मई,2010)
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (रमसा) में सत्र 2010-11 में 26 हजार शिक्षकों को उनके विषय की अद्यतन जानकारी के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए हर जिले के बजट में अलग से व्यवस्था की गई है। प्रशिक्षण में कंटेंट, मैथोडोलॉजी और नवाचार को शामिल किया जाएगा। राज्य में सीबीएसई पाठ्यक्रम लागू करने की तैयारी के बीच ऎसा प्रशिक्षण अनिवार्य हो गया है। हालांकि पहले चरण में जल्दबाजी में प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
(राजस्थान पत्रिका,27 मई,2010)
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