केंद्रीय विश्वविद्यालय, बिहार में छात्रों को शोध की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए योजना पर कार्य शुरू कर दिया गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि कुछ नए कोर्स को शुरू करने के साथ-साथ रिसर्च वर्क भी शुरू करने की योजना बनाई जा रही है ताकि शैक्षणिक माहौल को और बेहतर बनाया जा सके। एकेडमिक काउंसिल की बैठक में डॉक्टरल प्रोग्राम को शुरू करने के लिए परिनियम तैयार करने का फैसला किया गया है। विवि प्रशासन का कहना है कि पहले हम इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने का कार्य कर रहे हैं। इसके बाद ही इन कोर्सों को शुरू किया जाएगा। केंद्रीय विश्वविद्यालय अब शोध के क्षेत्र में कदम रखने की योजना बना रहा है। अभी तक वहां पर केवल मास्टर इन डेवलपमेंट स्टडीज की पढ़ाई हो रही है। विवि प्रशासन ने आठ मई को हुई एकेडमिक काउंसिल की बैठक में बायोटेक्नालॉजी, कंप्यूटर साइंस, इनवायरमेंटल साइंस, गणित व स्टैटिस्टिक्स में मास्टर डिग्री की पढ़ाई शुरू कराने का फैसला किया है। इन विषयों के अलावा डेवलपमेंटल स्टडीज में विवि प्रशासन पीएचडी का कोर्स भी शुरू कराना चाहता है। कोर्स की रूपरेखा होगी तैयार
एकेडमिक काउंसिल ने पीएचडी कोर्स की रूपरेखा यूजीसी द्वारा निर्धारित किए गए नए रेगुलेशन के आधार पर तैयार करने का फैसला किया है। विवि प्रशासन नए बनने वाले परिनियम में मास्टर या डॉक्टरल डिग्री के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की व्यवस्था पर जोर दे रहा है। पीएचडी कोर्स में एडमिशन से लेकर थिसिस तैयार करने और उसको जमा करने तक के लिए विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी। काउंसिल ने कहा है कि विवि प्रशासन सभी विषयों में पीएचडी पढ़ाई शुरू कराने की बजाए चुनिंदा विषयों में कराए। उसके लिए बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास किया जाना जरूरी है।
मुख्य समाचारः
18 मई 2010
बिहार के केंद्रीय विश्वविद्यालय में शोध की सुविधा
(हिंदुस्तान,पटना,13.5.2010)
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