मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

16 मई 2010

सीए/सीएस/आईसीडब्ल्यूए में करियर

कुछ समय पहले वैश्विक स्तर पर अपने बिजनेस को विस्तार देते हुए भारती एयरटेल ने साउथ अफ्रीका में अपना कारोबार स्थापित किया तो उसमें एक अहम प्लेयर के रूप में अखिल गुप्ता का नाम सामने आया। उन्होंने साउथ अफ्रीका में कंपनी का कारोबार आगे बढ़ाने, इसकी संभावनाओं का आकलन करते हुए इस डील को सफल बनाने में अहम रोल अदा किया। यह शख्स दरअसल पेशे से एक सीए है, लेकिन इस तरह के कारोबार में इनकी भी जरूरत पड़ी। गुप्ता एकमात्र ऐसे शख्स नहीं हैं। उनकी तरह देश में कई और सीए भी हैं, जो आज अर्थव्यवस्था को सही दिशा देने में निरंतर सक्रिय हैं। सीए यानी चार्टर्ड अकाउंटेंट को वैश्विक अर्थव्यवस्था में विकास का सारथी भी कहा जाने लगा है। एक दशक पहले तक सीए का काम खाली अकाउंटिंग तक ही सीमित था, लेकिन जमाना कुछ ऐसा बदला कि बिजनेस के क्षेत्र में होने वाली हर बड़ी से बड़ी और छोटी से छोटी डील में वह अहम प्लेयर बन कर उभर रहा है। देश-दुनिया में आए दिन होने वाले व्यवसाय और निरंतर हो रहे आर्थिक विकास में वित्तीय अप्लिकेशन को संभालने और उससे जुड़ी आवश्यक जानकारी रखने का काम सीए ही करने लगा है। वह फाइनेंशियल इंफॉर्मेशन, जिसमें बैलेंस शीट भी शामिल है, को सर्टिफाई करता है। बैलेंस शीट से आशय है परिशुद्ध परिसम्पत्ति का आकलन करना। अर्थव्यवस्था को नियंत्रित करने, इससे जुड़े सिस्टम का ऑडिट और उसे सर्टिफाई करने का काम उसी के जिम्मे होता है। इसके आधार पर ही कोई कंपनी या सरकारी निकाय अपने आगे के भविष्य के बारे में कोई निर्णय लेते हैं। बैंक की ही बात करें तो वे अपना सालाना ऑडिट सीए से कराते हैं। अगर किसी संस्था या व्यक्ति को लोन देता है तो बैलेंस शीट देखता है। अगर किसी व्यक्ति को शेयर मार्केट में निवेश करना है, शेयर की खरीद-फरोख्त करनी है तो बैलेंस शीट देखता है। बैंक और शेयर से हट कर देश में प्रचलित विभिन्न तरह के करों के भुगतान के हिसाब-किताब भी कहीं न कहीं सीए ही देखता है।

देश में जन-कल्याण से जुड़ी कई योजनाएं लाई जा रही हैं, मसलन नरेगा की ही बात करें तो यह हरेक पंचायत से लेकर जिला और राज्य स्तर तक फैला है। इसमें आए दिन अनियमितता की शिकायतें आती रहती हैं। इन सबसे बचने और इस योजना की सफलता का आकलन करने के लिए ऑडिट कराने का भी प्रावधान रखा गया है। ऑडिट करने के लिए यहां भी सीए की जरूरत पड़ती है। ऐसे में आज इस पेशे में ढेरों अवसर सामने आए हैं। अवसरों में इजाफे को देखते हुए इस पेशे के प्रति युवाओं में रुझान भी काफी तेजी से बढ़ा है। आज देश में सरकारी से लेकर निजी कंपनियां और बैंक, हर जगह सीए की मांग है।

कॉस्ट अकाउंटेंट


सीए से मिलता-जुलता कोर्स और काम कॉस्ट अकाउंटेंट का भी है। देश में तरह-तरह की उपभोक्ता वस्तुओं का उत्पाद और उनसे संबंधित सेवाएं प्रदान की जाती हैं। इन वस्तुओं की वास्तविक लागत क्या है, उसे किस कीमत पर और कितने मुनाफे के साथ बाजार में उतारना है, इसका हिसाब-किताब और आकलन करने का काम कॉस्ट अकाउंटेंट करता है। इसके लिए भी कोर्स और ट्रेनिंग की जरूरत पड़ती है। द इंस्टीटय़ूट ऑफ कॉस्ट एंड वर्क्स अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया इसके लिए कोर्स पूरा कराता है।

कंपनी सेक्रेटरी

किसी कंपनी की प्रशासनिक जिम्मेदारियों को संभालने के काम में सीएस यानी कंपनी सेक्रेटरी अहम भूमिका निभाता है। कंपनी में कानून का पालन हो रहा है या नहीं, उसका विकास किस दिशा में हो रहा है, इसे कंपनी सेक्रेटरी देखता व परखता है। उसे लॉ, मैनेजमेंट, फाइनेंस और कॉर्पोरेट गवर्नेन्स जैसे अनेक विषयों की जानकारी रखनी होती है। इस कारण से वह किसी कंपनी के बोर्ड ऑफ गवर्नेन्स, शेयरधारकों, सरकार और अन्य एजेंसियों को जोड़ने वाली कड़ी बनता है। कॉपरेरेट लॉ, सुरक्षा कानून, कैपिटल मार्केट और कॉपरेरेट गवर्नेन्स का जानकार होने की वजह से सीएस कंपनी का आंतरिक कानूनी विशेषज्ञ और कम्पलाएंस ऑफिसर होता है। वह कॉपरेरेट प्लानर और रणनीतिक मैनेजर का काम भी करता है।

दाखिले का रास्ता

सीए बनने का रास्ता 10वीं के बाद ही निकल कर सामने आता है। आखिरी मुकाम तक पहुंचने के लिए सीपीटी, आईपीसीई और फाइनल परीक्षा पास करने के साथ ही कई और तरह की ट्रेनिंग और प्रशिक्षण की जरूरत पड़ती है। 10वीं के बाद कॉमन प्रोफिशिएंसी टैस्ट के लिए आईसीएआई यानी इंस्टीटय़ूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया में नामांकन करवाना होता है। इसके बाद उसे सीपीटी यानी कॉमन प्रोफिशिएंसी टैस्ट की तैयारी के लिए स्टडी मैटीरियल दिया जाता है। 12वीं की परीक्षा देने के बाद वह सीपीटी में बैठ सकता है। सीपीटी और 12वीं की परीक्षा, दोनों में पास होने पर वह आईपीसीसी ज्वॉइन कर सकता है। सीपीटी लिखित और ऑनलाइन, दोनों मोड में होने वाली परीक्षा है। इसमें अकाउंट, कमर्शियल लॉ, अर्थशास्त्र और गणित से सवाल पूछे जाते हैं। इसके सवाल वस्तुनिष्ठ होते हैं। इसमें निगेटिव अंक का भी प्रावधान होता है। परीक्षा साल में दो बार क्रमश जून और दिसम्बर में आयोजित होती है। आईपीसीसी और फाइनल परीक्षा मई और नवम्बर में होती है।

सीपीटी के बाद आईपीसीसी यानी इंटीगेट्रेड प्रोफेशनल कम्पीटेंस कोर्स करना होता है। इसमें छात्र को अकाउंट, ऑडिट, आयकर और कॉस्ट अकाउंटिंग के बारे में बताया जाता है। इस दौरान उम्मीदवार को सौ घंटे की इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ट्रेनिंग के लिए नामांकन करवाना होता है। इस कोर्स को पूरा करने के बाद फाइनल चरण आता है। इसमें तीन साल का कोर्स होता है। इसके लिए किसी सीए के यहां ट्रेनिंग के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होता है।

इसी तरह कॉस्ट अकाउंटेंट बनने के लिए 12वीं पास छात्र को पहले फाउंडेशन कोर्स करना होता है। इसके लिए द इंस्टीटय़ूट ऑफ कॉस्ट एंड वर्क्स अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया में आवेदन करना होता है, जहां जून और दिसम्बर माह में प्रवेश परीक्षा होती है। फाउंडेशन कोर्स के बाद इंटरमीडिएट कोर्स करना होता है और फिर सीए की तरह ही फाइनल परीक्षा दे कर कोर्स पूरा होता है। इस कोर्स को पत्रचार के जरिए किया जा सकता है।
कंपनी सेक्रेटरी बनने का रास्ता भी 12वीं के बाद निकल कर सामने आता है। सीए की तरह यहां भी इंस्टीटय़ूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया पहले फाउंडेशन कोर्स कराता है। कंपनी सेक्रेटरी बनने के दो रास्ते हैं। पहला 12वीं के बाद और दूसरा स्नातक के बाद। 12वीं पास छात्र को तीन स्तरीय कोर्स करना होता है। पहली स्टेज पर फाउंडेशन, दूसरे पर एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम और तीसरे स्तर पर प्रोफेशनल प्रोग्राम होता है। स्नातक पास छात्र को दो स्तरीय कोर्स करना होता है। उसे फाउंडेशन की जरूरत नहीं पड़ती। सीएस कोर्स में दाखिला पूरे साल खुला रहता है और परीक्षा दो बार जून और दिसम्बर में होती है। इससे जुड़ी संस्था कंपनी सेक्रेटरी की योग्यता प्राप्त करने के लिए पत्रचार माध्यम से छात्रों को प्रशिक्षित करती है। एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम या प्रोफेशनल प्रोग्राम पूरा करने के बाद छात्र को 15 माह किसी कंपनी में ट्रेनिंग करनी होती है। सीएस प्रोफेशनल प्रोग्राम पूरा करने के बाद छात्र अपने नाम के आगे एसोसिएट मेम्बर के रूप में संस्थान में रजिस्ट्रेशन करा सकता है।

कोर्स की रूपरेखा

सीए के लिए छात्र को फाइनल परीक्षा देने से पहले फाइनेंशियल रिपोर्टिग, ऑडिटिंग, प्रोफेशनल एथिक्स, टैक्सेशन, कॉपरेरेट लॉ, सिस्टम कंट्रोल, स्ट्रेटजिक फाइनेंस और एडवांस मैनेजमेंट अकाउंटेंसी का ज्ञान दिया जाता है। फाइनल कोर्स के दौरान करीब साढ़े तीन साल छात्र को आर्टिकल्ड ट्रेनिंग करनी होती है, जिसमें 12 महीने का जनरल मैनेजमेंट, कम्युनिकेशन स्किल्स कोर्स शामिल है।

कंपनी सेक्रेटरी के कोर्स में फाउंडेशन में अंग्रेजी, बिजनेस कम्युनिकेशन, अर्थशास्त्र, सांख्यिकी, फाइनेंशियल अकाउंटिंग, बिजनेस लॉ और मैनेजमेंट एलिमेंट के बारे में बताया जाता है। इससे एग्जीक्यूटिव कोर्स में जनरल और कमर्शियल लॉ, कंपनी लॉ आदि के बारे में बताया जाता है।
एग्जीक्यूटिव कोर्स को पूरा करने के बाद प्रोफेशनल प्रोग्राम में अलग-अलग मॉड्यूल्स में कंपनी सेक्रेटेरियल की प्रैक्टिस, स्ट्रेटजिक मैनेजमेंट, एडवांस्ड टैक्स लॉ एंड प्रैक्टिस, गवर्नेस, बिजनेस एथिक्स आदि के बारे में बताया जाता है। इसके बाद 15 महीनों की ट्रेनिंग भी पूरी करनी होती है।

सीए/सीएस/आईसीडब्ल्यूए के प्रमुख संस्थान

द इंस्टीटय़ूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेट्स ऑफ इंडिया, इंद्रप्रस्थ मार्ग, दिल्ली

चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के लिए यह संस्थान देश की संसद द्वारा स्थापित एक संवैधानिक बॉडी है। पिछले छह दशक से यह पेशेवर सीए तैयार करने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। इस संस्थान के जरिए ही पूरे देश में सीए का कोर्स संचालित होता है। यह पांच क्षेत्रीय काउंसिल, 125 शाखाओं और 34 केन्द्रीय स्तर की कमेटी से लैस है। 1949 में शुरु हुए इस संस्थान में 249 छात्र थे, आज यहां करीब 6. 20 लाख छात्रों का नामांकन है।
वेबसाइट : www.icai.org

अन्य प्रमुख संस्थान

द इंस्टीटय़ूट ऑफ कॉस्ट एंड वर्क्स अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया

पता : 12, सदर स्ट्रीट, कोलकाता
यह संस्थान देश में पेशेवर कॉस्ट अकाउंटेंट्स तैयार करता है। यह पत्रचार और अन्य माध्यमों से अलग-अलग सेंटरों में कोर्स कराता है।
वेबसाइट : www.icwai.org

द इंस्टीटय़ूट ऑफ कंपनी सेकेट्ररीज ऑफ इंडिया

भारत की संसद द्वारा स्थापित यह संस्थान कंपनी सेक्रेटरी से जुड़े कोर्स करवाता है। इस संस्था का उद्देश्य भारत में सेक्रेटरीज के व्यवसाय का विकास व नियंत्रण करना है। इसका मुख्यालय इंस्टीटय़ूशनल एरिया, लोदी रोड में है। इसके अलावा मुम्बई, कोलकाता व चेन्नई में क्षेत्रीय कार्यालय भी हैं।

पता : आईसीएसआई हाउस, 22, इंस्टीटय़ूशनल एरिया, लोदी रोड नई दिल्ली।

वेबसाइट : www.icsi.edu

कोचिंग संस्थान

एकेडमी ऑफ कॉमर्स, दिल्ली, 9 साउथ पटेल नगर

इनोवेटिव कॉमर्स संस्थान
बी-17, क्रिश्चियन कॉलोनी, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली

स्कॉलरशिप

सीए जैसे कोर्स के लिए संस्थान अपने छात्रों को स्कॉलरशिप भी प्रदान करता है, लेकिन सीएस के लिए यह सुविधा नहीं है, क्योंकि यह पत्राचार के जरिए होता है। हालांकि सीएस में ऐसे छात्र, जो प्रतिभावान हैं और इस कोर्स को करना चाहते हैं, उन्हें प्रेरित और प्रोत्साहित करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इसके लिए संस्थान ने एक एजुकेशनल फंड ट्रस्ट बनाया है। इसमें अलग-अलग स्तर पर छात्रों को क्राइटेरिया पूरे करने पर आर्थिक सहायता के रूप में फीस माफ और अन्य तरह से सहायता दी जाती है।

एजुकेशन लोन

सीए, सीएस जैसे कोर्स प्रोफेशनल कोर्स की श्रेणी में आते हैं। ऐसे में इनमें दाखिला पाने वाले छात्र को संस्थान तो नहीं, पर कई प्रमुख बैंक लोन जरूरत प्रदान करते हैं। इसकी न्यूनतम सीमा 4 लाख है और अधिकतम दस लाख। हर बैंक के लिए अलग-अलग नियम व शर्तें है। कंपनी सेक्रेटरीशिप के लिए लोन नहीं है, क्योंकि सबसे कम खर्च यानी करीब 30 हजार रुपये में पूरा कोर्स छात्रों को पत्राचार के जरिए कराया जाता है।

नौकरी के अवसर

राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निजी कंपनियां, बैंक और सरकारी निकाय, सभी को आज सीए की जरूरत पड़ती है। इसके अलावा पब्लिक अकाउंटिंग के प्रैक्टिशनर के रूप में सीए काम कर सकता है, पार्टनर या स्टाफ मेंबर के रूप में कोई फर्म ज्वॉइन कर सकता है। आयकर, सेवाकर और अन्य अप्रत्यक्ष करों की प्रैक्टिस के लिए इनकी जरूरत पड़ती है। कंपनी सेक्रेटरी का कोर्स पूरा करने वाले छात्र के लिए भी आज काम के बहुत से अवसर हैं। दो या इससे ज्यादा करोड़ रुपए की शेयरपूंजी वाली कंपनियों को एक फुलटाइम सचिव की जरूरत पड़ती है। स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने की कोशिश में लगी कंपनियों को भी कंपनी सचिव की जरूरत पड़ती है। केन्द्र सरकार और अन्य सरकारी सेवाओं में सेक्रेटरी पद के लिए काम करने का मौका है। प्रैक्टिस का प्रमाण पत्र प्राप्त करने के बाद कंपनी सेक्रेटरी स्वतंत्र प्रैक्टिस कर सकता है। यह कोर्स पीएचडी कोर्स में दाखिले और कॉमर्स और मैनेजमेंट में लेरर बनने के लिए मान्य है।

वेतन

सीए की तनख्वाह प्रतिमाह आमतौर पर तीस हजार से शुरू होकर लाख रुपये से ऊपर जाती है। इस वर्ष मार्च के प्लेसमेंट में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे बड़ा ऑफर 70 लाख रुपये का रहा है। इसके अलग औसतन पैकेज 6 से 7 लाख रुपये का रहा है। अगर निजी तौर पर सेवाएं प्रदान कर रहे हों तो यह कमाई इससे कई गुना ज्यादा भी हो सकती है। यह व्यक्ति की सेवा और काम पर निर्भर है कि वह कितने लोगों या कंपनियों को अपनी सेवा प्रदान करता है। इससे इतर कंपनी सेक्रेटरी का कोर्स पूरा करने वालों का प्लेसमेंट तीन से पांच लाख के बीच सालाना रहा है। यहां भी निजी प्रैक्टिशनर के रूप में कमाई सीए की तरह ज्यादा होती है।

परामर्श
अशोक सिंह, करियर कंसल्टेंट

नॉन मेडिकल से 10+2 की परीक्षा दी है। क्या मैं सीए कर सकता हूं? क्या विदेश से सीए करना उपयोगी होगा?
अंकुर, जनकपुरी, दिल्ली

मैथ्स के साथ 10+2 करने वालों के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंसी के कोर्स में बेहतरीन प्रदर्शन करने के काफी अवसर हैं। इस बारे में विस्तृत जानकारी के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया की वेबसाइट www.icai.org देख सकते हैं। संस्थान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर क्वालिटी एजुकेशन के लिए जाना जाता है, इसलिए बेहतर यही होगा कि आप विदेश में इस प्रकार की ट्रेनिंग लेने का ख्याल छोड़ दें।

सीए और सीएस में अंतर जानना चाहते हैं?
दीपाक्षी गर्ग, झिलमिल/धीरज गुप्ता, संगम विहार

सीए या सीएस का मुख्य कार्य कंपनी के आय-व्यय का हिसाब-किताब, अकाउंटिंग के नियमों तथा कॉर्पोरेट कानूनों की धाराओं के अनुसार तैयारी करना होता है, जबकि कंपनी सेक्रेटरी का काम समस्त विभागों के बीच तालमेल बनाए रखना, कंपनी की वित्तीय स्थिति पर नजर रखना, कारोबार वृद्घि के लिए सजग रहना, सरकारी नीतियों में आने वाले बदलावों के अनुसार कंपनी की कार्यशैली को बदलना आदि मामलों पर आधारित होता है। विस्तृत जानकारी के लिए वेबसाइट www.icsi.edu देख सकते हैं।

आईसीडब्ल्यूए के बाद क्या करियर होगा?
अभिषेक, दरियागंज और सुष्मिता, लोधी रोड

देश में इंस्टीटय़ूट ऑफ कॉस्ट एंड वर्क्स अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया द्वारा इस प्रकार के कोर्स संचालित किए जाते हैं। इनका मुख्य दायित्व कंपनियों, निर्माताओं तथा अन्य प्रकार के क्षेत्रों में कार्यरत संस्थाओं को लागत में कमी करने, प्रबन्धन को अधिक दक्ष बनाने, नुकसान को कम करने, श्रमिक उत्पादकता बढ़ाने, बेहतर टेक्नोलॉजी के प्रयोग संबंधित कार्यक्रमों का कियान्वयन करने पर मुख्य रूप से आधारित है। इसी शैक्षिक योग्यता और अनुभव के आधार पर ये चेयरमैन, मैनेजिंग डायरेक्टर, फाइनेंस डायरेक्टर, जनरल मैनेजर सरीखे पदों पर पहुंच जाते हैं। अधिक जानकारी वेबसाइट www.icwai.org से मिल सकती है।

स्कूल में हिन्दी माध्यम से अब तक पढ़ाई की है और 10+2 में मैथ्स नहीं था। क्या आईसीडब्ल्यूए कोर्स मेरे लिए उपयुक्त होगा?
सचिन, नजफगढ़, दिल्ली

यह सही है कि कॉस्ट एंड वर्क्स अकाउंटेंसी का समूचा कोर्स और भविष्य के समस्त कार्यकलाप अंग्रेजी माध्यम से ही करने की अनिवार्यता होगी। फाइनेंस और मैथ्स की शैक्षिक पृष्ठभूमि होने से युवाओं को बेहतरीन प्रदर्शन करने में ज्यादा दिक्कत नहीं आती, लेकिन बिना मैथ्स वाले प्रत्याशियों के लिए अतिरिक्त मेहनत जरूरी हो जाती है। इस कोर्स के फाउंडेशन एग्जाम के लिए 10+2 के बाद इंटरमीडिएट कोर्स के 18 माह के लिए ग्रेजुएशन तथा फाइनल 18 माह के लिए इंटरमीडिएट कोर्स के बाद एडमिशन है। फाइनल के बाद तीन वर्ष का प्रैक्टिल अनुभव भी अनिवार्य है।

सीए करने के लिए दिल्ली में किस संस्थान से संपर्क करना चाहिए?
महेन्द्र, आजमगढ़

इंस्टीटय़ूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेट्स ऑफ इंडिया, आईसीएआई भवन, इंद्रप्रस्थ मार्ग, नई दिल्ली-110002 के पते अथवा वेबसाइट www.icai.org से अधिक सूचना प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा संस्थान के टॉल फी फोन नम्बर-1800 200 2501 से भी जानकारी हासिल कर सकते हैं।

करियर निर्माण की दृष्टि से एलएलबी और सीएस का कॉम्बिनेशन कैसा रहेगा?
तरुण, विकासपुरी, दिल्ली

जैसा कि ऊपर बताया गया था कि सीए के बाद कंपनी के शीर्ष पदों के लिए आमतौर पर अवसर प्राप्त होते हैं। ऐसे में कंपनी सेक्रेटरीशिप के अलावा लॉ का जानकार होना निश्चित रूप से कामयाबी की राहों को और आसान बना सकता है।

क्या आईसीडब्ल्यूए के साथ सीए/सीएस करना उचित होगा?
रवि आर्य, लक्ष्मीनगर

दोनों का सिलेबस काफी मेहनत और समय मांगता है। ऐसे में संपूर्ण ध्यान एक ही कोर्स पर लगाना उचित होगा।

सीएस करना चाहता हूं। क्या बीकॉम कॉरेस्पॉन्डेंस करना ठीक होगा?
निशु जैन, पटपड़गंज

बिना ग्रेजुएशन के सीएस कोर्स वैसे भी करना मुमकिन नहीं है, इसलिए आपको ग्रेजुएशन कोर्स में तो दाखिला लेना ही पड़ेगा।

सीए और सीएस में सैलरी का अंतर कितना है?
नीरज, बहादुरगढ़

प्रारंम्भिक अवस्था में ज्यादा फर्क नहीं है, लेकिन 5 वर्ष के बाद कार्यानुभव और कंपनी के प्रोफाइल के साथ इसमें अंतर आना शुरू हो जाएगा।

एक्सपर्ट व्यू
सीए की मांग बढ़ेगी
वेद जैन, पूर्व अध्यक्ष, आईसीएआई

सीए के पेशे को आज आप किस रूप में देखते हैं?

सीए का अर्थव्यवस्था के विकास में काफी अहम रोल हो गया है। इसकी बढ़ती भूमिका को देखते हुए ही सीए को कंप्लीट बिजनेस सॉल्यूशन प्रोवाइडर भी कहा जाता है। कोई कंपनी या बिजनेस कैसे चलना चाहिए, इसका प्रबंधन, कानूनी और व्यावसायिक पहलू, योजना और रणनीति, इन सब कामों में सीए की जरूरत पड़ रही है। एक सीए ही विकास की रणनीति तैयार करने में मदद करता है।

एक सफल सीए बनने के लिए किन गुणों की जरूरत है?

सीए बनने की चाह रखने वाले को मेहनती और सच्ची लगन वाला होना चाहिए। इस क्षेत्र में यह जरूरी नहीं कि आप पैसे वाले ही हों या आपकी एक पहचान बन जाए या आसानी से मुकाम हासिल हो जाए। आप लो प्रोफाइल परिवार से हैं या किसी अमीर परिवार से, अगर मेहनत करने की क्षमता रखते हैं तो सीए के रूप में कामयाब हो सकते हैं। यह ऐसा क्षेत्र हैं, जो गरीब और अमीर, दोनों वर्ग के युवाओं को अपने यहां आने का मौका देता है। ग्रामीण हो चाहे शहरी, दोनों जगहों के छात्र यहां अपनी जगह बना सकते हैं। इसकी पढ़ाई की फीस भी ऐसी ही रखी गई है, जो किसी गरीब छात्र के लिए बाधक न बने।

इस कोर्स में प्रवेश पाने के लिए किस तरह की तैयारी होनी चाहिए।

सीए में दाखिला के लिए साइंस, आर्ट्स या कॉमर्स, किसी भी स्ट्रीम का छात्र आ सकता है। जो पाठय़क्रम दिया गया है, उसे पूरी तरह कवर करना चाहिए। संस्थान द्वारा दिए गये स्टडी मैटीरियल का अध्ययन सही तरीके से करना चाहिए। इसमें हर साल डेढ़ लाख छात्र बैठते हैं, लेकिन आखिर में सफल करीब 15 हजार छात्र ही होते हैं, क्योंकि सबमें मेहनत करने की क्षमता नहीं होती, जो इस कोर्स के लिए जरूरी है। मेरी पृष्ठभूमि विज्ञान की रही है, लेकिन अपनी रुचि के मुताबिक सीए का कोर्स करने बैठा। यह मेडिकल और इंजीनियरिंग की तरह ही प्रोफेशनल कोर्स है, इसलिए इसे गंभीरतापूर्वक लेना चाहिए। आज बाजार में कंपनी सेक्रेटरी, कॉस्ट अकाउंटेंट के मुकाबले देखें तो सीए की मांग सबसे ज्यादा है। तीनों से जुड़े कोर्स में काफी फर्क भी है, हालांकि सबकी अपनी अपनी अहमियत है।

कोर्स में किस तरह का बदलाव हुआ है।

आज सीए का कोर्स इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, पर्सनेलिटी डेवलपमेंट और कम्युनिकेशन स्किल जैसी कई चीजों से जुड़ गया है। पहले ये सब चीजें नहीं थीं। प्रवेश परीक्षा का भी रूप बदला है। अब इसे ऑनलाइन मोड में भी लाया गया है। पहले के मुकाबले प्रोफेशनलिज्म बढ़ा है।

इस क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएं कैसी हैं?

आज जिस हिसाब से अर्थव्यवस्था का विकास हो रहा है, देश की आर्थिक प्रगति हो रही है, उसके चलते हर जगह सीए की जरूरत पड़ेगी। अगर इस करियर का भविष्य देखें तो आने वाले समय में आज से पांच गुना ज्यादा सीए की मांग होगी।

सफल शख्सियत
सीए की है खास भूमिका
अशोक शर्मा, सीए

करीब पच्चीस साल पहले बीकॉम करने के बाद छात्र सीए से जुड़े कोर्स को पूरा करने लगा था। कॉमर्स के छात्र के लिए यह सबसे उपयुक्त पेशा माना जाता है। एक और बात यह कि पहले सीए बनने के लिए प्रैक्टिस पर ज्यादा जोर होता था। निरंतर प्रैक्टिस, कड़ी मेहनत और समर्पण की वजह से इस क्षेत्र में एक पहचान बनाने में मदद मिली। आज इस फील्ड में आने वाले छात्र का नौकरी पर ज्यादा जोर होता है। आज इस क्षेत्र में काफी बदलाव देखता हूं। सीए अब किसी कंपनी के व्यवसाय के बड़े से बड़े ऑपरेशन में बहुत भूमिका निभाने लगा है। पहले उसकी भूमिका अकाउंट संभालने तक ही होती थी। आज इसके कोर्स को अपडेट करके कंप्यूटर ट्रेनिंग, कम्युनिकेशन स्किल और पर्सनेलिटी डेवलपमेंट से भी जोड़ दिया गया है। एक कामयाब सीए बनने के लिए पेशे की अच्छी समझ, कमिटमेंट, गंभीरता, ईमानदारी और खुद को अपडेट करते रहना जरूरी है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कानून को भी समझना चाहिए। इस तरह के गुणों से लैस सीए के लिए राष्ट्रीय से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ढेरों अवसर हैं।

(आनंदकुमार,हिंदुस्तान,दिल्ली,12.5.2010)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।