मान्यता के मापदंड पूरे न करने वाले 182 स्कूलों को शिक्षा विभाग ने रिजेक्ट कर दिया है। इनमें 113 पहली से आठवीं और 61 स्कूल हाई, सीनियर सेकेंडरी है। शिक्षा विभाग ने ऐसे स्कूलों की रिपोर्ट निदेशालय स्तर के अधिकारियों को सौंप दी है और विभाग इन स्कूलों को नोटिस देने की तैयारी कर रहा है। शिक्षा विभाग द्वारा मान्यता में रिजेक्ट होने पर ऐसे स्कूल संचालक सकते में हैं। मान्यता के मापदंड पूरा करने के जुगाड़ में लगे हुए हैं।
निदेशालय स्तर पर होगा विचार: शिक्षा विभाग ने मान्यता के नार्म्स पूरे न करने वाले स्कूलों की रिपोर्ट निदेशालय को भेज दी है। ऐसे स्कूलों की मान्यता पर विचार करने के लिए निदेशक से परमिशन लेनी होगी।
जिला शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन अधिकारी निदेशक के आदेशानुसार कार्रवाई करेंगे। जिला स्तर के अधिकारी इन स्कूलों की मान्यता पर चाहकर भी कार्रवाई नहीं कर पाएंगे।
एक साल के बेफिक्र हुए स्कूल
प्रदेश सरकार ने शिक्षा सत्र शुरू होने के बाद मान्यता के लिए विचाराधीन स्कूल के प्रमुखों को एक साल का समय दिया है। ऐसा कदम सरकार ने इन स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों और अध्यापकों के भविष्य को देखते हुए उठाया है। इस एक साल तक ऐसे स्कूल कक्षा लगा सकेंगे।
15 स्कूलों को मान्यता, 7 विचाराधीन
जिला शिक्षा विभाग के पास कई वर्षों से करीब ढ़ाई सौ स्कूलों की मान्यता की फाइल जमा हुई। स्कूलों के सामने शिक्षा नियमावली 2006 को नियम एनओसी और सीएलयू बाधा बन गया। स्कूल संचालकों को इन दोनों नियमों में छूट पाने के लिए लंबा संघर्ष करना पड़ा।
सरकार ने विगत वर्ष इन दोनों नियमों में छूट दे दी। स्कूल संचालकों को मान्यता मिलना आसान लगा। इस नियम के बाद जिले में मान्यता लेने की लाइन में 211 स्कूल रह गए। इनमें 132 पहली से आठवीं और 79 स्कूल हाई, सीनियर सेकेंडरी हैं।
इसके पश्चात शिक्षा विभाग का ऑपन, कवर्ड सहित कई नियम बाधा बन गए। जिले के 13 पहली से आठवीं और एक हाई, एक सीनियर सेकेंडरी स्कूल मान्यता के मापदंड पूरे कर पाया। शिक्षा विभाग ने ऐसे स्कूलों को मान्यता की हरी झंडी दे दी। सात स्कूल मान्यता के लिए विचाराधीन हैं।
ये मिली मुख्य कमी
मान्यता से जंग में हारने वाले स्कूलों पर डबल डोर, कवर्ड, अनकवर्ड क्षेत्र (65, 35), लैब, लाइब्रेरी, कमरों की कम संख्या, जमीन पूरी न होना आदि कई नार्म्स हैं।
निदेशक और जिला प्रशासन के निर्देशानुसार स्कूलों की मान्यता के मापदंड का निरीक्षण किया गया। मापदंड पूरे करने वाले स्कूलों को मान्यता दे दी गई है। नार्म्स पूरे न करने वाले स्कूलों को रिजेक्ट कर दिया है। ऐसे स्कूलों की सूची निदेशालय को भेज दी है। मान्यता के विषय में निदेशालय स्तर के अधिकारियों के निर्देशानुसार कदम उठाया जाएगा।
उदय प्रताप सिंह, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, पानीपत
प्रत्येक स्कूल संचालक मान्यता के नार्म्स पूरे करने का प्रयास कर रहा है। मान्यता के लिए रिजेक्ट किए गए कुछ स्कूलों में पढ़ाई बेहतर हो रही है। प्रशासन और सरकार को नार्म्स के साथ पढ़ाई के स्तर का भी ध्यान रखना चाहिए।
कृष्ण नारंग, प्रधान प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन(Dainik Bhaskar,Panipat,17.6.2010)
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