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17 जून 2010

छत्तीसगढ़ में आया पहला बीपीओ

राजधानी रायपुर भी अब बैंगलुरु, हैदराबाद, पुणो की कतार में शामिल हो गई है। मंगलवार से एमफेसिस कंपनी के एक बिजनेस प्रोसेस ऑउटसोर्सिग (बीपीओ) का मंगलवार को उद्घाटन किया गया।

छत्तीसगढ़ के किसी भी शहर में अभी तक कोई बीपीओ नहीं है। बिजनेस की अपार संभावनाओं को देखते हुए एमफेसिस ने बीपीओ की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, नगरीय प्रशासन मंत्री राजेश मूणत, सांसद रमेश बैस समेत कंपनी के पदाधिकारियों की उपस्थिति में बीपीओ का उद्घाटन हुआ।

जॉब के ढेरों अवसर

राजधानी में एमफेसिस के इस बीपीओ के लिए 500 से ज्यादा फ्लुएंट इंग्लिश बोलने वाले युवाओं को इस क्षेत्र में अपना कॅरियर बनाने का मौका मिलेगा। एमफेसिस की दीपा नागराज ने बताया कि कंपनी इसमें बाहर के लोगों को रोजगार नहीं देगी।

रायपुर एवं आसपास के अनेक शहरों के ग्रेजुएट्स ही इसमें लिए किए जाएंगे। जैसे-जैसे बिजनेस बढ़ेगा बीपीओ में मैनपॉवर भी बढ़ेगी। इससे रोजगार की और संभावनाएं जनरेट होंगी। राज्यभर से सैकड़ों युवा मुंबई, पूना, बैंगलुरु, हैदराबाद के कॉलसेंटर्स में काम कर रहे हैं। इन लोगों को इनके शहर में ही रोजगार की कई संभावनाएं उपलब्ध कराई जाएंगी तो उन्हें बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी।

मिलेगी पिक एंड ड्रॉप सुविधा

बीपीओ में काम करने वाले लोगों की क्षेत्रीय भाषा सहित हिंदी और अंग्रेजी में अच्छी पकड़ होनी चाहिए। इसमें लड़कियों और लड़कों के लिए समानांतर रूप से अवसर उपलब्ध होंगे। आमतौर पर बीपीओ में आठ-आठ घंटे की तीन शिफ्टों में काम होता है।

इस लिहाज से एक शिफ्ट रात में भी रहेगी। दीपा नागराज ने बताया कि शुरुआत में लड़कियों की नाइट शिफ्ट नहीं लगाई जाएगी, लेकिन लड़कों को रात में काम करना होगा। इनके लिए कंपनी पिक एंड ड्रॉप फैसिलिटी मुहैया कराएगी।

बीपीओ में काम करने वाले हर शख्स के लिए तमाम सुरक्षा उपाय किए गए हैं। शुरुआत में एमफेसिस सिर्फ आइडिया के लिए काल सेंटर चलाएगी। इसमें अभी तक किसी समस्या के हल के लिए सेल फोन कस्टमर इंदौर, पुणो, मुंबई या अन्य शहरों के कॉल सेंटर पर बात करते थे।

इसके बाद से अब छत्तीसगढ़ के ज्यादातर लोगों की कॉल इसी सेंटर पर आएगी। राजधानी में सीआईटी का एक कॉल सेंटर पहले से है, लेकिन यह इसका स्वयं का है। नया बीपीओ अभी आइडिया के लिए सेवाएं उपलब्ध करा रहा है।

राज्य में हैं ढेरों संभावनाएं

छत्तीसगढ़ अनेक प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है। इसलिए यहां पर देश की अनेक अग्रणी कंपनियों के साथ-साथ विदेशी कंपनियों के भी ऑफिस हैं। इस लिहाज से बीपीओ के क्षेत्र में अनेक संभावनाएं हैं।

कंपनी आगे चलकर एक्सपेंशन के साथ आईटी क्षेत्र में सेवाएं देना चाहती है। बालको, एनएमडीसी, आदि ऐसी कंपनियां हैं, जो एकॉउंटिंग से लेकर इंजीनियरिंग तक के काम ऑउटसोर्स करती हैं।

बनेगी बहु-सांस्कृतिक राजधानी

बीपीओ खुलने के बाद राजधानी अब जल्द ही मल्टी कल्चरल कैपिटल का स्वरूप ले लेगी। बीपीओ के माध्यम से राज्य के होनहारों को देश-दुनिया की विभिन्न कंपनियों में रोजगार के साथ बाहरी राज्यों के युवाओं को भी छत्तीसगढ़ की विभिन्न कंपनियों में काम करने का मौका मिलेगा। बीपीओ से ऑउटसोर्स किए गए काम को राज्य के युवा ही निबटाएंगे।

क्या है बीपीओ

बीपीओ का मतलब किसी कंपनी के काम को एक निश्चित समय में निबटाने का कॉन्ट्रैक्ट लेना है। इसमें विभिन्न बैंकों के क्रेडिट कार्डस की मार्केटिंग, किसी टेली कंपनी के लिए कॉल सेंटर आदि की व्यवस्था की जाती है। इसमें ऑनलाइन प्रोडक्ट की सेलिंग, टेलेप्रोडक्ट की मार्केटिंग, किसी बीमा कंपनी की स्कीम को फोन पर बताना आदि काम होते हैं।

विभागों के लिए कॉल सेंटर

का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि राज्य सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली और पेयजल आपूर्ति से संबंधित सेवाओं के लिए शुरू किए गए कॉल सेंटर्स की तरह भविष्य में आम जनता से जुड़े सभी विभागों में सूचना-प्रौद्योगिकी पर आधारित कॉल सेंटर शुरू करेगी। इससे राज्य का कोई भी नागरिक विभिन्न विभागों द्वारा संचालित सेवाओं का समुचित लाभ उठाने के लिए कॉल सेंटर्स की मदद से पूरी जनाकारी हासिल कर सकेगा।
(Dainik Bhaskar,16.6.2010)

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