इसे साक्षात्कार लेने वाली कमेटी के सदस्यों की काबिलियत कहें या साक्षात्कार देने वाले अभ्यर्थियों की अयोग्यता अथवा स्वास्थ्य विभाग में साक्षात्कार के नाम पर चल रही खानापूर्ति । महज ३०० मिनट में १५० अभ्यर्थियों के साक्षात्कार रोज लिए जा रहे हैं ।
साक्षात्कार में प्रत्येक अभ्यर्थियों को अपनी योग्यता दिखाने के लिए केवल दो मिनट का मौका मिलता है । इन्हीं दो मिनट में अभ्यर्थी का नाम पुकारने, अंदर जाकर कमेटी के सामने इत्मीनान से बैठने, साक्षात्कार कमेटी में शामिल पांच सदस्यीय टीम के सदस्यों के प्रश्नों को सुनकर जवाब देना शामिल होता है ।
यहीं नहीं, इन्हीं दो मिनट में अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों की छाया प्रति का मूल प्रमाण पत्रों से मिलान की प्रक्रिया भी पूरी की जाती है । इस बावत विभाग के प्रमुख सचिव प्रदीप शुक्ला का कहना है कि यह प्रयोगशाला सहायक का इंटरव्यू है न कि आईएएस का । महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य डा.आर.आर.भारती का कहना है कि मैं इस भर्ती प्रक्रिया से अलग हूं । जो कमेटी में है, वही बताएगा ।
इंटरव्यू कमेटी के सदस्य निदेशक भंडार डा. रामजीलाल का कहना है कि साक्षात्कार में गांव के ल़ड़के आते हैं वे ज्यादा कुछ नहीं बता पाते हैं । इसलिए ज्यादा समय नहीं लगता है । सूत्रों की माने तो विभाग ने शासन से साक्षात्कार के लिए चार टीमें बनाने का अनुरोध किया था जिससे साक्षात्कार कम समय में ठीक से पूरा किया जा सके(नई दुनिया,दिल्ली,2 जून,2010)।
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