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02 जून 2010

जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय का पाठ्यक्रम बदला

जोधपुर के जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय (जेएनवीयू) की अकादमिक परिषद् की मंगलवार को हुई बैठक में विधि के पांच वर्षीय पाठ्यक्रम समेत सभी संकायों के नए पाठ्यक्रमों पर मोहर लग गई। एमई के छात्र संजय मंगनानी द्वारा इंटरनेट से डेजरटेशन की नकल के मामले में जांच समिति की रिपोर्ट पर भी बैठक में चर्चा हुई।

बैठक में तय हुआ कि विश्वविद्यालय में पहले भी इस तरह के मामले सामने आए हैं। अगली बैठक में इन पर एक साथ चर्चा की जाएगी। कुलपति प्रो. नवीन माथुर की अध्यक्षता में करीब आधे घंटे चली बैठक में विभिन्न रिसर्च बोर्डो की बैठकों की सिफारिशों को मान लिया गया। अब किसी विदेशी के वीजा और निवास स्थान की पुष्टि होने के बाद ही उसको पीएच.डी. की अनुमति दी जाएगी।

परीक्षा में नकल के मामलों को लेकर अनफेयरमीन्स कमेटी के गठन के लिए कुलपति प्रो. माथुर को अधिकृत किया गया। राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में स्नातक स्तर पर समान पाठ्यक्रम का मामला लम्बित रहा। बैठक में सदस्यों ने कहा कि विश्वविद्यालय एक स्वायत्त संस्थान है। इसकी सरंचना बदलने की फिलहाल कोई जरूरत नहीं है। इस बारे में कॉलेज शिक्षा आयुक्त ने अक्टूबर 2007 में सभी विवि को पत्र भेजा था।

अलग से छपेगा सप्लीमें

बैठक में यह तय हुआ की ग्रीष्मकालीन अवकाश व अन्य गतिविधियों की जानकारी विद्यार्थियों को सत्र की शुरूआत में ही दे दी जाएगी। नए सत्र के लिए सूचना पुस्तिकाएं छप चुकी है। इसलिए इसके लिए अलग से सप्लीमेंट निकाला जाएगा। पाठ्यक्रम, परीक्षा, ओरिएंटेशन व रिफ्रेशर कोर्स, सम्बद्धता शुल्क, विकास शुल्क व वोकेशनल पाठ्यक्रम को लेकर भी कमेटी गठित करने पर एकराय बनी।

विधि संकाय में इस सत्र से शुरू होने वाले पांचवर्षीय विधि पाठ्यक्रम के लिए कुलपति प्रो. माथुर ने संकाय अधिष्ठाता प्रो. रामनिवास शर्मा की अनुशंसा पर प्रो. एम.के. व्यास को अधिकृत किया। नए सत्र से फीस बढोतरी का मामला कार्यसूची में शामिल नहीं किया गया था।

इन कोर्सेज को मिली मंजूरी

- विधि संकाय का पांच वर्षीय पाठ्यक्रम।

- हैप्से टेप्से का स्पेशल एमएड व पीजी डिप्लोमा कोर्स।

- स्पेशल बीएड कोर्स (नेत्रहिन विद्यार्थी के लिए)।

- मैनेजमेंट विभाग के दो पीजी डिप्लोमा।

- एमबीए (फाइनेंसियल सर्विसेज)।
(राजस्थान पत्रिका,जोधपुर,2 जून,2010)

1 टिप्पणी:

  1. जो कुछ भी उपलब्ध है ...
    ज्ञान वर्धक है ...
    कल्याणकारी है ...

    आभार .

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