शिक्षा विभाग में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मियों के लिए प्रदेश गठन के बाद पहली बार लिपिक बनने का मौका आया है। करीब 450 पदों के लिए शिक्षा विभाग परीक्षा कराने जा रहा है। न्यूनतम पांच वर्ष की नौकरी कर चुके चतुर्थ श्रेणी कर्मी इस परीक्षा में शामिल हो सकेंगे।शिक्षा विभाग में चपरासियों के प्रमोशन का मामला दस वर्ष से लटका हुआ है। चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की मांग रही है कि उन्हें वरिष्ठता के आधार पर लिपिक पद पर नियुक्ति दी जाए, लेकिन सरकार ने न्यूनतम योग्यता और परीक्षा को आधार बनाया। यह मामला काफी समय कोर्ट में चला। अंत में कोर्ट ने परीक्षा के पक्ष में राय जताई। इसी क्रम में पहली परीक्षा होने जा रही है। इस परीक्षा का जिम्मा उत्तराखंड बोर्ड को सौंपा गया है। प्रदेश भर में 25 जून को पांच केंद्रों पर परीक्षा होगी। चमोली, पौड़ी, रुद्रप्रयाग जिले व रामनगर बोर्ड में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मी जीआईसी पौड़ी में परीक्षा देंगे। जबकि, दून, हरिद्वार, टिहरी, उत्तरकाशी जिलों और निदेशालय व एससीईआरटी के चतुर्थ श्रेणी कर्मियों के लिए भरत मंदिर इंटर कॉलेज ऋषिकेश में केंद्र बनाया गया है। कुमाऊं में पिथौरागढ़, अल्मोड़ा व हल्द्वानी के राजकीय कॉलेजों में परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। 450 पदों के लिए प्रदेश भर से करीब 2300 चपरासी परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं। इसका सीधा अर्थ यह है कि हरेक पांचवें आवेदक को लिपिक बनने का मौका मिलेगा। पौड़ी मंडल के अपर शिक्षा निदेशक नरेंद्र सिंह राणा के अनुसार, न्यूनतम हाईस्कूल पास व कंप्यूटर की समझ रखने वाले ही इस परीक्षा में शामिल हो सकेंगे(हिंदुस्तान,देहरादून,18.6.2010)।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।