मदरसे में पढ़ने वाले छात्रों के लिए नौकरियों का बाजार बढ़ाने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन ने पाठयक्रम में परिवर्तन करके अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू और कंप्यूटर को अनिवार्य विषय बना दिया है।
बोर्ड का मानना था कि मदरसे के छात्रों को नौकरियों में ज्यादा अवसर उपलब्ध कराने के लिए पाठयक्रम में बदलाव जरूरी है। बोर्ड को इस बात का भी अहसास था कि छात्रों को नौकरियों के बाजार में उतरने के बाद अंग्रेजी माध्यम के छात्रों से प्रतियोगिता करनी होती है।
बोर्ड के रजिस्ट्रार जावेद असलम ने बताया हमने आगामी शैक्षणिक सत्र से मदरसा शिक्षा के मौजूदा पाठयक्रम में बदलाव करते हुए अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू और कंप्यूटर को अनिवार्य विषय बना दिया है, जो फारसी और अरबी के अलावा पढ़ाए जाएंगे। प्रदेश में इस समय लगभग 16 हजार मदरसे हैं, जिनमें से लगभग 2,400 बोर्ड से संबद्ध हैं। सरकार 399 मदरसों को अनुदान भी देती है।
असलम ने कहा बोर्ड को लगता है कि मदरसा छात्र कंप्यूटर, अंग्रेजी और दूसरे विषय पढ़ कर कॉन्वेंट में पढ़ने वाले बच्चों से प्रतियोगिता कर पाएंगे। नया पाठयक्रम सभी मदरसों में लागू होगा, भले ही वहां पढ़ाने का माध्यम फारसी या अरबी, कुछ भी हो। असलम ने बताया हमारे छात्रों को नौकरियां मिलने में परेशानी आती है और उनके लिए सीमित मौके होते हैं। उर्दू को विषय के तौर पर पढ़ने के बाद उनके सामने पश्चिम एशिया में नौकरियों के अवसर खुल गए हैं(हिंदुस्तान,लखनऊ,18.6.2010)।
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19 जून 2010
उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड ने बदला पाठयक्रम
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