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28 जून 2010

विद्यार्थियों को मिलेगी मनचाहा विषय पढ़ने की आजादी

मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने विद्यार्थियों के लिए अनोखी पहल की है। अगर सब कुछ ठीक रहा, तो वह दिन दूर नहीं जब ग्यारहवीं-बारहवीं और स्नातक के विद्यार्थी भौतिक विज्ञान, अर्थशास्त्र और संस्कृत को एक ही कक्षा में पढ़ सकेंगे। केंद्रीय मानव संसाधन और विकास (एचआरडी) मंत्रालय दसवीं पास छात्रों को विज्ञान, कला और वाणिज्य संकाय के विषयों को एक साथ अपनाने की छूट देने पर गंभीरता से विचार कर रहा है। इस संबंध में मंत्रालय ने स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के संयुक्त सचिव एस.सी. कुंतिया की अध्यक्षता में दस सदस्यीय समिति गठित की है। यह समिति उच्च माध्यमिक और स्नातक स्तर पर छात्रों को विभिन्न क्षेत्रों के विषय लेने की अनुमति देने के संबंध में अपना सुझाव देगी। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के अध्यक्ष विनीत जोशी को समिति का संयोजक बनाया गया। समिति इस साल सिंतबर में अपनी रिपोर्ट सौंप देगी। यह समिति विभिन्न बोर्ड से उत्तीर्ण हुए छात्रों की तुलना करने की प्रक्रिया के बारे में भी सुझाव देगी। वैसे इस मामले में, विशेषज्ञों का मानना है कि इस पद्धति को लागू करने पर विद्यार्थियों के मूल्यांकन और विभिन्न बोर्डो की परीक्षा प्रणाली में काफी विसंगतियां हैं। ऐसे में यह समिति विभिन्न बोर्ड की परीक्षा प्रणाली का अध्ययन करेगी फिर अंतर बोर्ड के तुलनीय परिणामों की प्रक्रिया के बारे में सुझाव देगी(Dainik Jagran,Rashtriya Sansakaran,28.6.2010)।

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