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19 जून 2010

नौकरी देने में दिल्ली सबसे आगे

आर्थिक मंदी के बाद एक सर्वेक्षण संस्था के ताजा रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि देशभर में तेजी से नई भर्तियां शुरू हो चुकी हैं। सर्वे में नई नौकरियों के सृजन के मामले में अन्य प्रमुख शहरों के मुकाबले राजधानी दिल्ली सबसे ऊपर है। दिल्ली व एनसीआर में फ्रेशर्स को भी सबसे अधिक मौके मिलते हैं। जबकि मुंबई व चेन्नई जैसे महानगर दूसरे व तीसरे पायदान पर हैं।

मा फोई रैंडस्टंैड नामक सर्वेक्षण संस्था ने देश के 8 प्रमुख शहरों की 13 अलग-अलग सेक्टरों से जुड़ी 650 कंपनियों में सर्वे कर यह आंकड़ा निकाला है। जिन 13 सेक्टरों की कंपनियों पर संस्था ने सर्वे किया उनमें बीएफएसआई, आईटी व आईटीईएस, फार्मा, हेल्थकेयर, रिटेल, उर्जा, परिवहन, भंडारण व संचार, रियल एस्टेट, सत्कार, मीडिया व मनोरंजन, गैर मशीनरी उत्पादन, मशीनरी व उपकरण उत्पादन, शिक्षा, ट्रेनिंग व कंसल्टेंसी आदि शामिल हैं।

सर्वे में केवल दिल्ली मंे ही इस वर्ष में कुल 38,350 रोजगार मुहैया कराए गए, जिसमें जनवरी से मार्च तक 17,650 और अप्रैल से जून तक 20,700 रोजगारों की वृद्धि देखी गईं। वही, मुंबई में यह संख्या कुल 27,650 जबकी चेन्नई में 11900हैं। इसके बाद कोलकाता (8350), बैंगलुरु (6800), हैदराबाद (6200), पुणो (५४क्क्), अहमदाबाद (३२६क्) को नौकरियां मिलीं। मंदी के बाद नौकरियों के सृजन में हेल्थ के यर क्षेत्र का सबसे ज्यादा योगदान रहा है, जबकी दूसरा स्थान रियल एस्टेट का है। तीसरे में सत्कार क्षेत्र है, वहीं, आईटी व आईटीईएस (चौथा), मीडिया व मनोरंजन पांचवें स्थान पर विरजमान हैं।

इसके अलावा शिक्षा, ट्रेनिंग व कं सल्टिंग, गैर मशीनरी उत्पाद, बीएफएसआई, परिवहन, भंडारण व संचार, फार्मा, उर्जा, मशीनरी व उपकरण के निर्माण, उपभोक्ता रिटेल आदि ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है। फ्रेशर्स की भर्ती में दिल्ली व एनसीआर अन्य शहरों की तुलना में सबसे आगे हैं। दूसरे स्थान पर अहमदाबाद व तीसरे पर बैंगलुरु हैं। जिसमे हेल्थ केयर क्षेत्र (३६.७ प्रतिशत) सबसे ज्यादा नई नौकरियों का सृजन कर रहा हैं। दूसरे स्थान पर बीएफएसआई (३४.१प्रतिशत) और मशीनरी व उपकरण निर्माण (29.4 प्रतिशत) का स्थान है। सर्वे संस्था के सीईओ के. पांडिया राजन ने कहा कि संगठित क्षेत्रों में रोजगार की वृद्धि पर मंदी का निश्चित रूप से प्रभाव पड़ा था, लेकिन अर्थव्यवस्था में सुधार से एक बार फिर सकारात्मक दिशा दी हैं। संगठित क्षेत्र एक बार फिर जोरदार भर्ती के लिए आवेदन मंगा रहे हैं। नौकरी के सृजन और वेतन वृद्धि के साथ कई और फायदों की संभावना है(दैनिक भास्कर,दिल्ली,18.6.2010)।

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