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19 जून 2010

डीयू में ग्रेजुएशन में दाखिला : रामजस फिर नंबर वन

डीयू में जारी ग्रेजुएशन की दाखिला प्रक्रिया में लगातार दूसरी बार रामजस कॉलेज छात्रों की पहली पसंद बना है। जबकि बीते वर्ष तक दूसरे पायदान पर रहा किरोड़ीमल कॉलेज (केएमसी) खिसककर तीसरे नम्बर पर आ गया है और उसकी जगह हंसराज कॉलेज ने ले ली है। पाठ्यक्रमों में 2009 की तरह ही इस बार भी बी.कॉम पास आवेदकों की पहली पसंद रहा है।

दूसरे स्थान पर बी.ए प्रोग्राम और तीसरे पर बी.कॉम (ऑनर्स) का कब्जा बरकरार है। पाठच्यक्रमों के मोर्चे पर इस बार बड़ा बदलाव अंग्रेजी (ऑनर्स) में आया है। 2009 में चौथे पायदान पर रहे अंग्रेजी (ऑनर्स) पांचवें नम्बर पर पहुंच गया है और उसकी जगह इकोनॉमिक्स (ऑनर्स) ने ले ली है।

डीन छात्र कल्याण कार्यालय की ओर से जारी जानकारी के अनुसार विज्ञान पाठच्यक्रमाें के प्रति भी छात्रों ने खूब रुचि दिखाई है और इस बार सबसे ज्यादा पापुलर कोर्स बी.एससी (ऑनर्स) फीजिक्स रहा है। जबकि दूसरे नम्बर बीएससी (ऑनर्स) केमिस्ट्री और तीसरे नम्बर पर बीएससी (ऑनर्स) इलेक्ट्रानिक्स रहा है। डीयू की दाखिला प्रक्रिया में इस बार आए 1,61,566 आवेदनों में से सबसे ज्यादा छात्रों ने रामजस कॉलेज को चुना है और जबकि बीते साल तक चौथे नम्बर पर रहा हंसराज कॉलेज दूसरे पॉयदान पर पहुंच गया है। इसी तरह तीसरे नम्बर पर रहा हिन्दू कॉलेज टॉप थ्री की रेस से बाहर हो गया है, क्योंकि किरोड़ीमल एक पॉयदान खिसकर तीसरे नम्बर पर आया गया है।

रामजस कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने लगातार दूसरी बार मिली इस लोकप्रियता की बाबत कहा कि हमारे यहां लगातार शैक्षिक स्तर को उन्नत बनाने की कोशिश जारी रहती है। यहां लैग्वेज व एडऑन कोर्स के जरिए छात्रों के सर्वागीण विकास पर जोर दिया जाता है, जबकि यहां सबसे ज्यादा विदेशी छात्र ग्रेजुएशन की पढ़ाई करते हैं।

चौथे से दूसरे पॉयदान पर पहुंचे हंसराज कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. वी.के क्वात्रा से इस उपलब्धि के विषय में पूछा गया तो उनका कहना था कि खेल से अध्ययन तक हर मोर्चे पर कॉलेज का बेहतर प्रदर्शन ही युवाओं को आकर्षित कर रहा है। बीते चार वर्षो से यूनिवर्सिटी की चांसलर ट्रॉफी हंसराज कॉलेज को मिल रही है और टॉपर्स की बात करें तो इकोनॉमिक्स हो या फिर कॉमर्स या फिर कम्प्यूटर साइंस सभी में हमारे छात्र लगातार यूनिवर्सिटी टॉप कर रहे हैं।

रैगिंग ने किरोड़ीमल की बिगाड़ी इमेज :

सत्र 2009 में दूसरे नम्बर पर रहा किरोड़ीमल कॉलेज इस बार एक पॉयदान खिसकर तीसरे नम्बर पर आ गया है। कैम्पस कॉलेजों में हिन्दू कॉलेज को भी बड़ा झटका लगा है। दरअसल किरोड़ीमल कॉलेज की इमेज को खराब करने के लिए रैगिंग का मामला अपने आप में पर्याप्त था। कॉलेज शुरू होने के बाद जिस तरह हॉस्टल में प्रथम वर्ष के एक छात्र के साथ सीनियर्स के द्वारा रैगिंग का प्रकरण उजागर हुआ उसने कॉलेज की बनी-बनी इमेज को धोकर रख दिया।

जबकि हिन्दू कॉलेज का टॉप थ्री से बाहर होने का अहम कारण बीते एक साल से कॉलेज में स्थायी नेतृत्व का न रहना माना जा रहा है। हालांकि अब यह समस्या खत्म हो चुकी है और कॉलेज में स्थायी प्रिंसिपल के तौर पर प्रो. विनय कुमार श्रीवास्तव कॉलेज का कामकाज देख रहे हैं(दैनिक भास्कर,दिल्ली,19.6.2010)।

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