मध्यप्रदेश में सीट वृद्धि का इंतजार कर रहे प्रायवेट तकनीकी कालेजों के लिए राहत भरी खबर है। इस बार आवेदन करने वाले कालेजों को निरीक्षण टीम की आवभगत नहीं करना पड़ेगी। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद से इस बार बिना निरीक्षण के ही कालेजों को सीट वृद्धि की सौगात मिल जाएगी। एआईसीटीई की इस दरियादिली की वजह है देरी। लंबे समय से चल रही उठापटक के कारण परिषद अभी तक निरीक्षण ही शुरू नहीं कर सकी है। हालत यह है कि नए खुलने वाले कालेजों का ही निरीक्षण नहीं हो सका है। वहीं जिन कालेजों का निरीक्षण हो चुका है, उनके संबंध में भी परिषद अब तक अंतिम निर्णय नहीं ले सकी है। नई मान्यता के लिए आवेदन करने वाले एक भी कालेज को अब तक अनुमति नहीं मिल सकी है। प्रवेश परीक्षा के साथ ही प्रदेश में काउंसलिंग की तैयारी शुरू हो चुकी है। ऐसे में अब यदि निरीक्षण किया जाता है तो काउंसलिंग के दौरान अव्यवस्था बन सकती है। सूत्रों की मानें तो परिषद पर इतना अमला भी नहीं है कि आवेदन करने वाले नए कालेजों का निरीक्षण एक साथ करा लिया जाए। अब अपनी कमजोरी को छुपाने के लिए परिषद ने नया रास्ता अपनाने का निर्णय लिया है। सूत्रों के मुताबिक इस बार सभी कालेजों को दस्तावेज में दी गई जानकारी के आधार पर ही सीट वृद्धि की अनुमति दे दी जाएगी। दस्तावेजी छानबीन में पात्र मिलने वाले कालेजों को इस माह के अंतिम सप्ताह में अनुमति पत्र जारी किया जा सकता है। मगर सुविधाएं और मापदंड पूरे न करने वाले कालेजों पर साल भर तलवार लटकी रहेगी। अनुमति पूर्व परिषद द्वारा भले ही निरीक्षण में छूट दी जा रही हो, लेकिन आकस्मिक निरीक्षण किसी भी कालेज का किया जा सकता है(दैनिक जागरण,भोपाल,3 जून,2010)।
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