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03 जून 2010

पंजाब विश्वविद्यालय में विभागाध्यक्ष नियुक्त नहीं कर सकेंगे गेस्ट फैकल्टी

पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) में अब विभागाध्यक्ष सीधे गेस्ट फैकल्टी नियुक्त नहीं कर सकेंगे। गेस्ट फैकल्टी को भी अब बकायदा नियुक्ति प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा। रेगुलर फैकल्टी की तरह इनका भी कमेटी चयन करेगी। अभी तक विभागाध्यक्ष अपने स्तर पर गेस्ट फैकल्टी की नियुक्तियां कर लेते थे। इस प्रक्रिया में भाई भतीजावाद का बोलबाला रहता था। यूनिवर्सिटी प्रशासन को लगता है कि बढि़या टीचरों की जगह जुगाड़ या जान पहचान वाले गेस्ट फैकल्टी के तौर पर नियुक्त हो जाते थे। इतना ही नहीं ये गेस्ट टीचर अन्य कालेजों में भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं और दो-तीन जगहों से मिलाकर एक प्रोफेसर से भी ज्यादा वेतन पा रहे हैं। यूटी प्रशासन सरकारी कालेजों में नियुक्त गेस्ट फैकल्टी को 25 हजार रुपये माहवार वेतन देता है। यूनिवर्सिटी में भी बतौर गेस्ट फैकल्टी प्रति लेक्चर मोटी राशि दी जाने लगी है। पहले गेस्ट फैकल्टी को एक लेक्चर के 250 रुपये मिलते थे। बीते दिनों सिंडिकेट की बैठक में तय हुआ कि गेस्ट फैकल्टी का मानदेय भी बढ़ा दिया जाए। यह रकम प्रति लेक्चर एक हजार रुपये कर दी गई। पीयू प्रशासन को मानदेय बढ़ाने के साथ ही लगा कि अब गेस्ट फैकल्टी की नियुक्तियों की भी सेंट्रेलाइज प्रक्रिया शुरू कर देनी चाहिए। इसके पीछे मंतव्य था कि विभागाध्यक्ष अपनी मर्जी से नियुक्तियां नहीं कर सकें। हालांकि विरोधी धड़े के टीचर पीयू प्रशासन के इस कदम को भी सरासर गलत ठहरा रहे हैं। उनका कहना है कि अब कमेटी के सदस्य गेस्ट फैकल्टी की नियुक्तियों में मनमर्जी करेंगे। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि नॉन टीचर सीनेटरों को कमेटी में तैनात कर दिया जाएगा। यूनिवर्सिटी प्रशासन का एक और प्रपोजल है। यह प्रपोजल भी सिरे चढ़ सकता है और वीसी डा. आरसी सोबती भी इससे रजामंद लगते हैं। वीसी चाहते हैं कि रेगुलर फैकल्टी की भर्ती प्रक्रिया के दौरान जो वेटिंग लिस्ट में नाम रहते हैं उन्हें ही गेस्ट फैकल्टी के तौर पर नियुक्त कर दिया जाए। यूजीसी के नियमों के तहत होगी भर्ती : वीसी पीयू के वीसी डा.आरसी सोबती का कहना है कि हम यूजीसी के नियमों के मुताबिक ही गेस्ट फैकल्टी की भर्ती करेंगे। गेस्ट फैकल्टी की नियुक्ति के लिए चयन कमेटी बनाई जा रही है। दूसरा प्रपोजल यह है कि फिलहाल रेगुलर फैकल्टी की भर्ती के लिए जो प्रक्रिया चल रही है उसमें जो उम्मीदवार वेटिंग लिस्ट में रहते हैं उनका गेस्ट फैकल्टी के तौर पर चयन कर लिया जाए। इससे एक तो समय बचेगा और दूसरा यूनिवर्सिटी का पैसा। एक विभाग से दूसरे विभाग में गेस्ट फैकल्टी भेजने के लिए स्टेंडिंग कमेटी बनाई जाएगी(दैनिक जागरण,चंडीगड़,3 जून,2010)।

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