महाराष्ट्र में अब मेडिकल छात्रों को अनिवार्य तौर पर इंटर्नशिप करनी ही होगी और ऐसा नहीं करने पर उन्हें दो करोड़ रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ेगा। अब तक जुर्माने की यह राशि 15 लाख रुपये तक ही थी। इस निर्णय के पीछे ग्रामीण अस्पतालों में डाक्टरों की कमी को माना जा रहा है। राज्य सरकार ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में मेडिकल छात्रों के लिए दो वर्ष की इंटर्नशिप अनिवार्य कर दी है। इस आशय की जानकारी राज्य के स्वास्थ्य शिक्षा विभाग ने दी है। स्वास्थ्य शिक्षा विभाग की एक विज्ञप्ति में कहा गया है, डॉक्टर बनाने के लिए राज्य के अधीन चल रहे कालेजों के छात्रों के ऊपर सरकार बड़ी रकम खर्च करती है। इस कारण वह यह अपेक्षा भी करती है कि छात्र अपने दो वर्ष तो राज्य को दें। सरकार ने एमबीबीएस छात्रों के लिए यह जुर्माना 15 लाख से बढ़ाकर 50 लाख कर दिया है जबकि विशेषज्ञ कोर्सो के विद्यार्थियों के लिए यह राशि दो करोड़ रुपये कर दी है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि विद्यार्थियों द्वारा प्रवेश लेते समय भरे जाने वाले बांडों में मानक तय कर दिए गए हैं। यह अनिवार्य इंटर्नशिप अगले शैक्षणिक सत्र से लागू किया जाएगा। दो वर्ष की इंटर्नशिप को अनिवार्य करने के लिए सूबे के स्वास्थ्य शिक्षा मंत्री विजयकुमार गावित ने प्रस्ताव रखा था। उन्होंने कहा था कि इंटर्नशिप न करने वालों पर दो करोड़ रुपये का दंड लगाया जाए। ऐसा माना जा रहा है कि इस व्यवस्था के लागू होने से सूबे से डॉक्टरों का पलायन रुकेगा(Dainik Jagran,17.6.2010)।
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