बिहार पुलिस में सिपाही की भर्ती के लिए होने वाली शारीरिक परीक्षा इस बार हाईटेक होगी। सरकार ने किसी प्रकार की गड़बड़ी और भेदभाव को रोकने के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) तकनीक के प्रयोग का फैसला किया है। इसके तहत दौड़ के दौरान अभ्यर्थियों के शरीर पर इलेक्ट्रानिक चिप्स चिपका दी जायेगी। इसके बाद किसी परीक्षक को अभ्यर्थियों के साथ दौड़ने की जरूरत नहीं होगी। इतना ही नहीं, अगर कोई अभ्यर्थी किसी दूसरे व्यक्ति के साथ अभद्रता करता है तो उसका वीडियो भी मौके पर ही भर्ती बोर्ड के अफसरों को उपलब्ध हो जायेगा। अलग से किसी तरह की वीडियोग्राफी की जरूरत नहीं पड़ेगी। पुलिस मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि सिपाही भर्ती के लिए होने वाली दौड़ में आमतौर पर अफरा-तफरी रहती है। अभ्यर्थियों की यह शिकायत भी रहती है कि उनके साथ नाइंसाफी हुई। इसे ध्यान में रखते हुए इस बार दौड़ को हाईटेक कर दिया गया है। अभ्यर्थी इलेक्ट्रानिक चिप्स के साथ दौड़ेंगे जो उनके शरीर के किसी हिस्से पर चिपका दी जायेगी। अभ्यर्थी ने कितने समय में अपनी दौड़ व शारीरिक परीक्षा के अन्य पहलुओं को पूरा किया यह पूरी प्रमाणिकता के साथ रिकार्ड होगा। उन्होंने बताया कि इस तकनीक की आउटसोर्सिग का फैसला लिया गया है। इसके लिए उस जगह पर बड़ी संख्या में टावर लगाए जायेंगे जहां भर्ती के लिए दौड़ व अन्य शारीरिक परीक्षा होनी है। भर्ती बोर्ड के अधिकारी भी उक्त मौके पर उपस्थित रहेंगे। बाहर के कुछ विशेषज्ञ भी मौजूद रहेंगे। अभ्यर्थियों के लिए यह सुविधा रहेगी कि बाद में वह अपनी दौड़ वीडियो टाइमिंग के हिसाब से देख सकेगा। अधिकारियों ने कहा, सिपाही भर्ती के लिए बिहार में पहली बार इस तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। आमतौर पर केंद्रीय सुरक्षा बल में जवानों की होने वाली भर्ती के दौरान इस तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने बताया कि बताया कि विशेष भर्ती के लिए हुई लिखित परीक्षा का परिणाम एक पखवारे के भीतर आ जायेगा। विशेष भर्ती में सफल हुए सभी अभ्यर्थियों की लिखित परीक्षा राजधानी में ही आयोजित होनी है(दैनिक जागरण,राष्ट्रीय संस्करण,2 जून,2010)।
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