डीयू में बीकॉम ऑनर्स के बाद सबसे अधिक डिमांड वाले किसी कोर्स का नाम आता है तो वह बीए ( ऑनर्स ) इकनॉमिक्स है। यह कोर्स यूनिवर्सिटी के टफ कोर्सेज में से एक है लेकिन इसे पूरा करने वाले स्टूडेंट्स के लिए स्कोप की कोई कमी नहीं है। चाहे प्लेसमेंट की बात हो या ग्रैजुएशन के बाद हायर स्टडीज की , इस कोर्स को करने वाले स्टूडेंट्स फिर पीछे मुड़कर नहीं देखते हैं।
इस बार डीयू के जिन दो स्टूडेंट्स ने अभी तक के मैक्सिमम पैकेज का रेकॉर्ड बनाया है , वे इकनॉमिक्स ऑनर्स के ही हैं। श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स ( एसआरसीसी ) और सेंट स्टीफंस कॉलेज के स्टूडेंट्स की 32-32 लाख के पैकेज पर प्लेसमेंट हुई है। अभी तक डीयू में इतना पैकेज किसी स्टूडेंट को नहीं मिला , चाहे ग्रैजुएशन लेवल हो या पोस्ट ग्रैजुएशन लेवल। यह कोर्स डीयू के करीब 35 कॉलेजों में है। इस कोर्स की कट ऑफ भी बीकॉम ऑनर्स के आसपास ही रहती है बल्कि कुछ कॉलेजों में तो ज्यादा भी पहुंच जाती है।
एसआरसीसी के प्रिंसिपल डॉ . पी . सी . जैन बताते हैं कि इस कोर्स की खासियत यह है कि यह हर साल अपडेट होता है। कोर्स ग्लोबल इकनॉमिक्स से जुड़ा है और हर साल नए बदलावों को कोर्स में शामिल किया जाता है। इकनॉमिक्स ऑनर्स में मैथ्स काफी स्ट्रांग होना चाहिए क्योंकि इसमें मैथमैटिकल और स्टैटिक्स की पढ़ाई पर काफी जोर होता है।
कट ऑफ इक्वेशन
कट ऑफ की बात करें तो नॉर्थ कैंपस के कॉलेजों में तो इस कोर्स की कट ऑफ 90 प्लस ही रहती है। पिछले साल हंसराज में 92.75, हिंदू में 94.75, मिरांडा हाउस में 94.5, किरोड़ीमल कॉलेज में 90.5 पर्सेंट कट ऑफ रही थी। ग्रैजुएशन लेवल पर भी स्टूडेंट्स को प्लेसमेंट ऑफर होती है और जो स्टूडेंट्स एमए इकनॉमिक्स करते हैं , उनके पास तो बेहतर ऑप्शन की कोई कमी नहीं रहती। डॉ . जैन बताते हैं कि डीयू के दिल्ली स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स से एमए करने वाले स्टूडेंट्स को कम से कम 6.5 लाख का पैकेज मिलता है क्योंकि यहां पर तय किया गया है कि इससे कम पैकेज पर किसी स्टूडेंट्स की प्लेसमेंट नहीं होगी।
12 लाख तक का पैकेज एमए इकनॉमिक्स स्टूडेंट्स को मिल जाता है। कोर्स में इकनॉमिक्स के हर पहलू के बारे में स्टूडेंट्स को पढ़ाया जाता है। इंडियन और इंटरनैशनल इकनॉमिक्स की जानकारी स्टूडेंट्स को मिलती है।
कोर्स कंटेंट
प्रिंसिपल ऑफ इकनॉमिक्स , मैथमैटिकल मैथेड फॉर इकनॉमिक्स , स्टैटिसटिकल मैथेड फॉर इकनॉमिक्स , माइक्रो इकनॉमिक्स , मैक्रो इकनॉमिक्स , इकनॉमिक्स हिस्ट्री ऑफ इंडिया , इंडियन इकनॉमी डिवेलपमेंट , पब्लिक फाइनेंस , इको सिस्टम , इको पॉलिसी , इंडियन इकनॉमी , इंटरनैशनल इकनॉमी
स्कोप
इस कोर्स को करने के बाद स्टूडेंट्स फाइनैंस , बैंकिंग , इन्वेस्टमेंट , इकनॉमिक्स सर्विसेज के अलावा बड़ी - बड़ी कंपनियों में जॉब पा सकते हैं। हर कंपनी में इकनॉमिक्स बैकग्राउंड वाले स्टूडेंट्स की काफी डिमांड है। बहुत से स्टूडेंट्स एमए इकनॉमिक्स करते हैं और सिविल सर्विसेज में भी सक्सेसफुल होते हैं। बैंकिंग में तो इकनॉमिक्स ऑनर्स करने वाले स्टूडेंट्स के लिए मौके ही मौके हैं। ये स्टूडेंट्स एमबीए करके कंपनियों में टॉप पॉजिशन पा सकते हैं। कॉस्ट एंड वर्क अकाउंटेंसी , चार्टर्ड फाइनेंशल एनालिस्ट , फाइनैंस , इंश्योरेंस , मैनेजमेंट की फील्ड को भी स्टूडेंट्स आजमाते हैं(भूपेंद्र,नवभारत टाइम्स,दिल्ली,1 जून,2010)।
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