बिहार में उर्दू शिक्षकों की बहाली में नियमावली ठीक करने की जरूरत है। पिछले 27 वर्षो में उर्दू कर्मियों को प्रोन्नति नहीं दी गयी है। ये बातें रविवार को उर्दू कौंसिल की ओर से राजधानी में आयोजित एक सभा में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री डा.जगन्नाथ मिश्र ने कहीं। श्री मिश्र ने कहा कि उर्दू शिक्षकों की बहाली में आने वाली समस्याओं को अविलम्ब दूर करने की जरूरत है। मौके पर राजभाषा समिति के अध्यक्ष डा.तंबीर हसन ने कहा कि उर्दू शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया सामान्य शिक्षकों के भांति ही होनी चाहिए। अन्य शिक्षकों से उर्दू शिक्षकों की बहाली नियमावली को भिन्न करने से कई परेशानियां सामने आयेंगी। फिलहाल सूबे में 12862 शिक्षकों की बहाली होने वाली है। जिसे नौकरशाही द्वारा रोकने की साजिश विभिन्न स्तरों पर की जा रही है। लेकिन ऐसे लोगों को सफल नहीं होने दिया जायेगा। सभा में मांग उठी कि हाफिज की डिग्री को पूर्व की भांति प्रशिक्षित मान लिया जाए। सभा में आये शिक्षाविदें ने कहा कि उर्दू शिक्षकों की बहाली के संबंध में शीघ्र ही एक प्रतिनिधिमंडल राज्य के मुख्यमंत्री से मुलाकात करेगा(दैनिक जागरण,पटना,28.6.2010)।
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