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01 जून 2010

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में बीए से ज्यादा आवेदक पीजी में

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में इस बार बीए में आवेदकों की संख्या पिछले साल की तुलना में कम हो गई। स्थिति यह है कि इविवि और संघटक महाविद्यालयों में बीए की जितनी सीटें हैं, उससे कम आवेदन पत्र आए हैं।

परास्नातक में स्थिति इससे उलट है। इसके आवेदकों की संख्या में इस बार इजाफा हुआ है। परास्नातक के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 31 मई है। रविवार को भी फार्मो की बिक्री की गई जबकि प्रवेश भवन पर भरे हुए फार्म जमा भी किए गए। सात जून तक प्रवेश पत्र वेबसाइट पर उपलब्ध हो जाएँगे, जिसे अभ्यर्थी अपनी जन्मतिथि और ओएमआर नंबर भर कर डाउनलोड कर सकेंगे।

स्नातक प्रवेश परीक्षा (यूजीएटी) के कोआर्डिनेटर प्रो. यूसी श्रीवास्तव ने बताया कि 30 मई तक 14 हजार फार्मो की बिक्री हुई है, जिनमें से 12800 फार्म जमा भी किए जा चुके हैं। 500 विद्यार्थियों ने ऑन लाइन आवेदन किया है। माना जा रहा है कि इस बार मैनुअल और ऑन लाइन मिलाकर लगभग 15 हजार आवेदक होंगे। यह संख्या पिछले वर्ष से लगभग एक हजार अधिक है। इसकी प्रवेश परीक्षा 22 और 23 जून को होगी।

वहीं बीए में गत वर्ष की अपेक्षा आवेदक कम हुए हैं। 54 फीसदी ओबीसी आरक्षण लागू होने के बाद इविवि और संघटक महाविद्यालयों में नए सत्र से बीए की सीट बढ़कर 14657 हो जाएँगी। बीए के लिए 12 हजार आवेदन पत्र ही आए हैं। स्पष्ट है कि आवेदकों की संख्या सीट से लगभग दो हजार कम है। इस बार बीए में दाखिला लेने के लिए आवेदकों को मशक्कत नहीं करनी होगी जबकि आवेदकों की संख्या में वृद्धि के कारण एमए और एमएससी के प्रवेश में मुश्किलें होंगी। एमए और एमएससी सिर्फ इविवि में ही है इसलिए इसकी सीटें भी कम हैं।

बीपीई की 60 सीटों के लिए 250 आवेदक
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा विभाग में बैचलर इन फिजिकल एजूकेशन (बीपीई) के लिए कुल 250 आवेदन पत्र आए हैं। इस बार सीटों की संख्या 20 से बढ़ाकर साठ कर दी गई है। उम्मीद की जा रही थी कि सीटों में वृद्धि से इस बार आवेदक बढ़ेंगे पर ऐसा हुआ नहीं। हालाँकि विभागाध्यक्ष डॉ. डीसी लाल का कहना है कि पिछले वर्षो की अपेक्षा इस बार स्थिति ठीक है। इस तीन वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए लिखित परीक्षा 15 जून को होगी जबकि शारीरिक दक्षता परीक्षा 16 जून को आयोजित की जाएगी। इस विभाग की योजना हेल्थ एण्ड फिटनेस मैनेजमेंट में पीजी डिप्लोमा कार्यक्रम शुरू करने की है। इसके पाठयक्रम को पिछले दिनों बोर्ड ऑफ फैकेल्टी आर्ट्स से मंजूरी मिल गई। अभी एकेडमिक काउंसिल और एक्जीक्यूटिव काउंसिल की अनुमति मिलनी बाकी है। विभागाध्यक्ष का कहना है कि एकेडमिक काउंसिल के अध्यक्ष की हैसियत से विशेषाधिकार का इस्तेमाल करते हुए कुलपति प्रोटेम एप्रूवल दे सकते हैं। बताया कि वह इसके लिए कुलपति को पत्र लिख रहे हैं।

(हिंदुस्तान,इलाहाबाद,1 जून,2010)

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