केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण ने कहा है कि किसी व्यक्ति का नाम महज योग्यता सूची में आ जाना उस उम्मीदवार को पद प्राप्त करने का अधिकार नहीं देता है।
शैलेन्द्र पांडे एवं मीरा छिब्बर की सदस्यता वाले न्यायाधिकरण ने कहा है कि परिणाम के नोटिस में महज नाम शामिल होने से किसी उम्मीदवार को पद प्राप्त करने का अधिकार नहीं मिल जाता है। परिणाम तैयार करने में हरसंभव सावधानी बरती जाती है, ऐसे में डीएसएसएसबी के पास कोई गलती या चूक होने पर उसमें सुधार करने का अधिकार सुरक्षित है। न्यायाधिकरण ने सुबोध गहलोत की याचिका पर यह आदेश जारी किया।
दरअसल, गहलोत ने जेल महानिदेशक के कार्यालय में सहायक अधीक्षक के पद के लिए दावा किया था। गहलोत ने दलील दी थी कि उसे और एक अन्य उम्मीदवार को परीक्षा में समान अंक मिले थे लेकिन दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (डीएसएसएसबी) ने उसका चयन इस पद के लिए नहीं किया।
डीएसएसएसबी ने योग्यता सूची को संशोधित किया, लेकिन याचिकाकर्ता का इस पद के लिए चयन नहीं किया। इसके पीछे यह तर्क दिया गया कि गहलोत को अन्य उम्मीदवारों की तुलना में कनिष्ठ पाया गया। इसके बाद उसने न्यायाधिकरण का रुख किया। न्यायाधिकरण ने कहा कि उम्मीदवारों के बीच समान अंक पाने वाले सबसे अधिक वरिष्ठ व्यक्ति को इस पद के लिए नामित किया गया है(हिंदुस्तान,दिल्ली,21.6.2010)।
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