हाईकोर्ट ने मेडिकल पोस्ट ग्रेज्युएट पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए आयोजित द्वितीय काउंसिलिंग जांच के बाद ही करने के निर्देश दिए हैं। जस्टिस आईएम कुद्दुसी, एनके अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने आदेश में कहा है कि अगर मेडिकल शिक्षा संचालक कार्यालय द्वारा जारी माडल आंसर में गलती मिलती है तो सही आंसर के आधार पर नई मेरिट लिस्ट बनाने के बाद ही 20 जून को काउंसिलिंग की जाए।मेडिकल शिक्षा संचालनालय द्वारा मेडिकल पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रम में दाखिला लेने के लिए 14 मार्च 2010 को प्री पीजी परीक्षा आयोजित की गई थी। 15 मार्च को उसके माडल आंसर जारी किए गए। जारी किए गए आंसर में कई उत्तर गलत होने के कारण परीक्षार्थियों ने आपत्ति की, जिस पर माडल आंसर को रद्द कर नए सिरे से उत्तर जारी किए गए, लेकिन इसमें भी 100 में से 92 प्रश्नों के उत्तर ही जारी किए गए थे। उसमें भी 10 सवालों के जवाब गलत पाए गए। इसी के आधार पर मेरिट लिस्ट जारी कर 31 मई को पहली काउंसिलिंग कर ली गई। इस गड़बड़ी के खिलाफ रायपुर निवासी परीक्षार्थी डा. ठंडाराम पटेल और रायगढ़ निवासी अरुण कुमार केडिया ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि गलत और अधूरे आंसर के आधार पर बनाई गई मेरिट लिस्ट से की जा रही काउंसिलिंग गलत है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने 7 मई 2010 को राज्य शासन और मेडिकल शिक्षा संचालक को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया।जवाब देने के लिए छह सप्ताह का समय देते हुए कोर्ट ने मामले की सुनवाई 14 जून वाले सप्ताह में रखी। आज सुनवाई के दौरान शासन व डीएमई दोनों की ओर से ही जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया और सरकारी वकील ने इसके लिए समय मांगा। कोर्ट ने सुनवाई के बाद कहा कि प्री पीजी की सेकंड काउंसिलिंग 20 जून को रखी गई है। इसके मद्देनजर डीएमई सही उत्तर के आधार पर रिजल्ट तैयार कराएं। जांच के बाद अगर यह पाया जाता है कि गलत आंसर के आधार पर मेरिट लिस्ट तैयार की गई है तो सही उत्तरों के आधार पर उत्तरपुस्तिकाओं का पुनमरूल्यांकन करने के बाद नई मेरिट लिस्ट बनाई जाए और उस आधार पर ही नए सिरे से काउंसिलिंग हो। कोर्ट ने इस आदेश के साथ ही याचिका निराकृत कर दी(Dainik Bhaskar,Bilaspur,15.6.2010)।
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