मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

04 जून 2010

कर्नाटक में नौकरी की बरसात

कर्नाटक में कई देसी-विदेशी कंपनियों ने लगभग दो लाख करोड़ रुपये के निवेश समझौते किए। इससे राज्य में करीब सवा दो लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। गुरुवार से यहां शुरू वैश्विक निवेशक सम्मेलन में कंपनियों ने ये समझौते किए। इसमें अकेले इस्पात कंपनियों ने ही 1,51,334 करोड़ रुपये के निवेश अनुबंध किए। इनमें आर्सेलर मित्तल की 30 हजार करोड़ रुपये, जेएसडब्ल्यू स्टील की 15,131.70 करोड़ रुपये, हजीरा स्टील लिमिटेड की 17,760 करोड़ रुपये और ब्राह्मणी इंडस्ट्रीज (कर्नाटक) की 36 हजार करोड़ रुपये की निवेश परियोजना शामिल है। इनके अलावा सूर्या विजयनगर स्टील ने 24 हजार करोड़ रुपये और भूषण स्टील लिमिटेड ने 27,928 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव पर गुरुवार को हस्ताक्षर किए। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि राज्य सरकार पहले ही 16 हजार मेगावाट क्षमता की बिजली परियोजनाएं मंजूर कर चुकी है। उन्होंने यह भी बताया कि कर्नाटक सरकार ने छत्तीसगढ़ में 1,600 मेगावाट की ताप बिजली परियोजना के लिए एलएंडटी के साथ गठबंधन किया है। इसी तरह एनटीपीसी बीजापुर में 4,000 मेगावाट की ताप बिजली परियोजना लगा रही है, जिसके लिए भूमि अधिग्रहण अंतिम चरण में है। इस सम्मेलन में लक्ष्मी निवास मित्तल, कुमार मंगलम बिड़ला, अजीम प्रेमजी और विजय माल्या जैसे दिग्गज उद्योगपतियों ने शिरकत की। आर्सेलर मित्तल के अध्यक्ष लक्ष्मी मित्तल ने कहा कि कर्नाटक सरकार तेजी से निवेशक अनुकूल राज्य के तौर पर उभर रहा है और इसमें राज्य की नीतियों की अहम भूमिका है। विप्रो के प्रमुख अजीम पे्रमजी ने कहा कि कर्नाटक आईटी हब के रूप में उभरा है, लेकिन इसे विनिर्माण क्षेत्र पर भी ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि ज्यादातर विनिर्माण कंपनियां तमिलनाडु का रुख कर रही हैं। यूबी समूह के विजय माल्या ने कहा कि बेंगलूर के नॉलेज हब के रूप में उभरने के पीछे यहां के लोगों का ज्ञान पिपासु होना है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली सम्मेलन के मुख्य अतिथि थे। हर जिले में बन रहा लैंड बैंक निवेशकों को भूमि अधिग्रहण की दिक्कतों से बचाने के लिए कर्नाटक सरकार हर जिले में लैंड बैंक बना रही है। यह जानकारी राज्य के मुख्यमंत्री बीएस येदुरप्पा ने दी। इसके अलावा सरकार पूरे कर्नाटक में पांच औद्योगिक गलियारे विकसित कर रही है, ताकि औद्योगीकरण का लाभ पिछड़े इलाकों तक भी पहुंचाया जा सके। बकौल येदियुरप्पा राज्य के सर्वागीण विकास के लिए बेहतर बुनियादी ढांचे की जरूरत को पहचानते हुए व्यापक स्तर पर सड़कों, रेलवे लाइनों, लॉजिस्टिक पार्को, बंदरगाहों और हवाई अड्डों को विकसित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पांच छोटे हवाई अड्डों का ठेका पीपीपी के आधार पर दिया जा चुका है। येदुरप्पा ने कहा कि हमारा सपना राज्य में कहीं भी 100 किमी के दायरे में हवाई यातायात सुविधा उपलब्ध कराना है। उन्होंने राज्य में बिजली क्षेत्र पर सबसे ज्यादा जोर देने की प्रतिबद्धता जाहिर की। मुख्यमंत्री ने कहा कि बेंगलूर रेल मेट्रो परियोजना का पहला चरण दिसंबर 2010 तक पूरा हो जाएगा। इंफोसिस के बोर्ड सदस्य एवं मानव संसाधन प्रमुख मोहनदास पई ने कहा कि हमें इस सम्मेलन से कर्नाटक में ढाई से तीन लाख करोड़ रुपये का निवेश होने की उम्मीद है। इससे 6-7 लाख छात्रों को काम मिलेगा। बकौल पई कंपनी चालू वित्त वर्ष में 30 हजार लोगों को रोजगार देगी। सम्मेलन में अरुण जेटली के अलावा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री सुबोध कांत सहाय, कानून मंत्री एम वीरप्पा मोइली और योजना आयोग के सदस्य के कस्तूरीरंगन भी मौजूद थे(दैनिक जागरण,राष्ट्रीय संस्करण,4 जून,2010)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।