डीटीयू छात्रों की सहूलियत के लिए मोबाइल तकनीक का इस्तेमाल करने जा रहा है। दाखिले से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी छात्रों को देने के लिए विश्वविद्यालय एडमिशन एलर्ट सेवा शुरू करने जा रहा है, जिस पर ताजा अपडेट छात्रों को लगातार एसएमएस के जरिए मिलते रहेंगे। डीटीयू में दाखिले के इच्छुक छात्रों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए पहली बार शुरू ‘एडमिशन अलर्ट’ सेवा का फायदा उठाने के लिए एक खास नंबर ९८७क्८क्७क्७क् पर अंडर ग्रेजुएट कोर्स में आवेदन करने वाले छात्रों को स्रद्गद्यह्लद्गष्द्ध-ह्वद्द१क् पर तो पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स में आवेदन करने वाले छात्रों को स्रद्गद्यह्लद्गष्द्ध-द्वद्ग१क् टाइप कर एसएमएस करना होगा। छात्र एसएमएस पहुंचते ही वह एडमिशन अलर्ट्स के लिए पंजीकृत हो जाएगा।
इसके बाद छात्र का दाखिला होने तक उसे दाखिला संबंधी तमाम महत्वपूर्ण सूचनाओं के एसएमएस अलर्ट्स भेजे जाएंगे। डीटीयू प्रवक्ता रश्मि सबलानिया ने बताया कि अक्सर देखने में आता है कि आवेदन करने के बावजूद छात्रों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। दाखिला संबंधी तिथियों की बात हो, प्रवेश परीक्षा का मामला हो या फिर अन्य महत्वपूर्ण सूचनाएं, इन सभी के लिए छात्र लगातार परेशान यहां वहां भटकते रहते हैं।
इन्हीं परेशानी के चलते छात्र या तो विश्वविद्यालय के चक्कर लगाते रहते हैं या फिर फोन करके पूछताछ में जुटे रहते हैं। दाखिला कनफर्म होने तक छात्रों की यह परेशानी लगातार जारी रहती है और उन पर मानसिक रूप से काफी दबाव बना रहता है। छात्रों की इन परेशानियों के चलते उनके अभिभावकों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इसलिए छात्रों व उनके अभिभावकों की पूछताछ सम्बंधी परेशानियों को खत्म करने के लिए यह विशेष अलर्ट सेवा जल्द शुरू की जा रही है।
एनआईओएस ने किया एफवीटीआरएस से समझौता
गरीब व पिछड़े तबके को पढ़ाई के साथ-साथ व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करने के उद्ेश्य से राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) ने फंग्शनल वोकेशनल ट्रेनिंग एंड रिसर्च सोसाइटी से हाथ मिलाया है।
समझौते के तहत अब एनआईओएस की पहुंच उस तबके तक भी होने जा रही है जो पढ़ाई छोड़ दो जून की रोटी के इंतजाम मंे एक अच्छे व्यावसायिक कोर्स की दरकार रखता हंै। एनआईओएस व फंग्शनल वोकेशनल ट्रेनिंग एंड रिसर्च सोसाइटी (एफवीटीआरएस) के बीच हुए समझौते के तहत वंचित वर्ग को अध्ययन के लिए प्रेरित किया जाएगा।
साथ ही साथ ऐसे पाठच्यक्रम भी कराए जाएंगे जिनके माध्यम से वह भविष्य में कुशल कामगार की श्रेणी में आ सकेगा। दोनों संगठनों के बीच हुए करार के तहत पढ़ने वाले छात्रों को व्यावसायिक एवं शैक्षणिक योग्यता प्रमाण पत्र एनआईओएस की ओर से जारी किए जाएंगे। एनआईओएस अधिकारियों का कहना है कि इसके माध्यम से अब पिछड़े-गरीब तबके तक भी ओपन स्कूल पहुंच पाएगा।
एफवीटीआरएस की बैंगलूरु की एक संस्था है जो विभिन्न राज्यों में 102 अलग-अलग परियोजनाओं पर काम कर रही हैं। इन परियोजनाओं से 18 सौ ऐसे युवा जुड़े है जो स्कूल छोड़ चुके थे। संस्था की एक और खासियत है यहां 50 प्रतिशत तक किशोरियों को प्रशिक्षत किया जाना यानी लिंग समानता के क्षेत्र में भी यह संस्था महत्वपूर्ण कार्य कर रही है(शैलेंद्र सिंह,दैनिक भास्कर,दिल्ली,19.6.2010)।
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