देश के शीर्ष तकनीकी प्रशिक्षण संस्थान में प्रवेश का रास्ता अब सीधे स्कूल से होकर निकलेगा। आईआईटी में प्रवेश ज्वाइंट एंट्रेस एक्जाम (जेईई) के स्कोर के आधार पर होता आया है लेकिन अब इसमें 12वीं में प्राप्त अंकों की भी महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। यानी स्टूडेंट्स को आईआईटी-जेईई के साथ ही 12वीं की पढ़ाई पर भी पूरा ध्यान देना होगा।
आईआईटी खड़गपुर के निदेशक प्रो. दामोदर आचार्य की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने हाल ही में मानव संसाधन विकास मंत्रालय को आईआईटी-जेईई के संबंध में एक रिपोर्ट पेश की है। इसमें एक्जाम के पैटर्न में व्यापक बदलाव की सिफारिश की गई है। इसके तहत स्टूडेंट्स अभी की तरह स्कूल की पढ़ाई को नजरअंदाज नहीं कर पाएंगे।
कमेटी ने स्कालॅास्टिक एप्टिटच्यूड टेस्ट पर आधरित लगभग 40 वर्ष पुराने आईआईटी प्रवेश परीक्षा की प्रणाली को बदलने का सुझाव दिया है। रिपोर्ट के अनुसार आईआईटी में प्रवेश के लिए १२वीं के अंकों को 70 प्रतिशत वेटेज देने की सिफारिश की गई है, बाकी के 30 प्रतिशत के लिए कॉमन एप्टीटच्यूड टेस्ट लिया जाएगा। इस टेस्ट में फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स की जगह रीजनिंग, न्यूमेरिकल एबिलिटी और कम्यूनिकेशन स्किल से जुड़े प्रश्न रहेंगे। यह टेस्ट साल में एक से अधिक बार भी दिया जा सकेगा।
इन दोनों के आधार पर जून महीने में कट
ऑफ लिस्ट बनाई जाएगी। जिसमें से टॉप 40 हजार स्टूडेंट्स आईआईटी की प्रवेश परीक्षा में हिस्सा ले पाएंगे। फिलहाल आईआईटी की प्रवेश परीक्षा में लगभग 4 लाख से अधिक स्टूडेंट हिस्सा लेते हैं। इसके अलावा स्टूडेंट्स को अपनी पसंद के ब्रांचों की भी जानकारी आईआईटी या अन्य दूसरे संस्थानों को देनी पड़ेगी जिनकी परीक्षा जेईई ही कराती है।
झेलना होगा दोहरा तनाव
सिफारिशों को लेकर कुछ लोगों का मानना है इससे स्टूडेंट्स को दोहरा तनाव झेलना पड़ सकता है। आईआईटी-जेईई में तो कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है 12वीं में अच्छे प्रदर्शन का बोझ और डाल दिया गया है। आनंद कटकवार कहते हैं एक ओर मानव संसाधन विकास मंत्रालय स्टूडेंट्स पर से दबाव हटाने की बात कर रहा है वहीं ऐसी सिफारिशें तनाव बढ़ाने वाली साबित होंगी। के.के. शर्मा कहते हैं थ्योरी एक्जाम के माध्यम से किसी स्टूडेंट की योग्यता का आकलन नहीं कर सकते।
अगर १२वीं के नंबर को आईआईटी के सलेक्शन का आधार बनाया गया तो कई ऐसे स्टूडेंट होंगे, जो योग्य होते हुए भी कम मार्किग के कारण सिलेक्शन से वंचित रह जाएंगे। आईआईटी की तैयारी कर रहे अभिषेक गोयल कहते हैं सिफारिश लागू होने के बाद बोर्ड एक्जाम पर भी ध्यान देना पड़ेगा। नंबर को आधार बनाना अच्छा नहीं। चंदन बताते हैं बताया अभी तक मेरा आईआईटी पर फोकस था लेकिन अगर ऐसा हुआ तो मुझे सबसे पहले बोर्ड में अच्छे मार्क्स लाने की तैयारी करनी पड़ेगी(दैनिक भास्कर,इंदौर,26.6.2010)।
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